मित्रों।
सोमवार की चर्चामें मेरी पसंद के लिंक देखिए।
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कितना रौशन रौशन उसका चेहरा है
कितना रौशन रौशन उसका चेहरा है
बैठा उस पर काले तिल का पहरा है...
बैठा उस पर काले तिल का पहरा है...
सत्यार्थमित्र पर सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
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कितने अनजान थे हम हर्फ़ लुटाते रहे
कितने अनजान थे हम हर्फ़ लुटाते रहे,
यूँ ही गैरों को हम ये हुनर सिखाते रहे ।
Harash Mahajan
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मैं उदास हूँ..
पानी में पानी का रंग तलाशना जता देना है
कि मैं उदास हूँ।
ख़ुशी में ग़म तलाशना जता देना है कि
मैं उदास हूँ...
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जिंदगी के रंगमंच पर !!!
जिंदगी के रंगमंच पर लगाकर आईना जिंदगी ने,
हर लम्हा इक नया ही रंग दिखाया है जिंदगी ने ।
ख्वाब, हो ख्वाहिश हो या फिर हो कोई जुस्तजू,
कदमों का साथ हर मोड़ पे निभाया है जिंदगी ने...
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कार्टून :-
जब हँसाने वाले मुखौटे डराने लगे ...
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"देवालय का सजग सन्तरी"
देवालय का सजग सन्तरी,
हर-पल राग सुनाता है।
प्राणवायु को देने वाला ही,
पीपल कहलाता है।।
सुप्रभा
जवाब देंहटाएंसूत्रों का अच्छा संकलन |
प्राणवायु मिलती जब कुछ अटका कुछ भटका मन स्थिर होता |
आशा
बढ़िया चर्चा अच्छे लिंक मिले आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा-
जवाब देंहटाएंआभार आपका-
बहुत बढ़िया लिंक्स के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंThanx Mayank Ji.... happy to be here among rainbow collection of links.
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