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शनिवार, जून 28, 2014

"ये कौन बोल रहा है ख़ुदा के लहजे में... " (चर्चा मंच 1658)

मित्रों!
जून मास के अन्तिम शनिवार की चर्चा में 
नेरी पसंद के लिंक देखिए।

काव्य कहाँ से? 

*काव्य कहाँ से प्रस्फुटित हो*  
*हृदय में यदि रेगिस्तान बसा हो!*  
*जठराग्नि से पीड़ित तन-मन में*  
*और-और का शोर मचा हो!* 
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459. कैनवस... 

एक कैनवस कोरा सा   
जिसपे भरे मैंने  
अरमानों के रंग  
पिरो दिए  
अपनी कामनाओं के बूटे  
रोप दिए  
अपनी ख्वाहिशों के पंख ...
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लम्हों का सफ़र पर डॉ. जेन्नी शबनम
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मोमबत्तियाँ 

सच स्याह रात थी 
सुबह ना था 
उम्मीद शीतलता की 
रौशनी के बीच कटने लगी थी...
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हमसफ़र शब्द पर संध्या आर्य 
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वैदिक धर्म यानी हिन्दू धर्म के 

पुनरुद्धारक थे कुमारिल भट्ट  

...कहते है कि वे पूर्वमीमांशा के प्रथम आचार्य है आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने जो वैदिक धर्म की विजय पताका पूरे देश में फहरायी उसकी पूरी भूमिका कुमारिल भट्ट ने पहले ही तैयार कर दी थी...
PITAMBER DUTT SHARMA
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बैठा जाये दिल मुआ, कैसे बैठा जाय- 

रविकर की कुण्डलियाँ
बैठा जाये दिल मुआ, कैसे बैठा जाय |
उठो चलो आगे बढ़ो, कर लो उचित उपाय |
कर लो उचित उपाय, अगर सुरसा मुंह बाई |
राई लगे पहाड़, ताक मत राह पराई |
उद्यम करता सिद्ध, बिगड़ते काम बनाये |
धरे हाथ पर हाथ, नहीं अब बैठा जाये ||
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मेरा हिस्सा 

क्योंकि 
उम्र भर सिर्फ 
बँटती ही रही 
कटती ही रही 
छँटती ही रही 
पर कभी ना पाया पूरा हिस्सा... 
vandana gupta
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मंजूषा यादों की 

यादों की मंजूषा
है सुरक्षित ऊंचाई पर
सोचती हूँ
कब वहाँ पहुंचूं|
कद मेरा छोटा सा
मंद दृष्टि क्षीण काया 
ज़रा  ने घेरा 
फिर भी होता नहीं सबेरा...
Akanksha पर Asha Saxena
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आलू चना... 

स्पंदन पर shikha varshney
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मेरे लई ते राताँ ने सारियाँ 

वे चन्ना , किस कम्म दिआं ऐ महल ते माड़ियाँ 
तेरे बाज्यों सब ने विसारिआं 
केहड़े पासेओं दिन ऐ चढ़दा 
मेरे लई ते राताँ ने सारियाँ...
गीत-ग़ज़ल पर शारदा अरोरा
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"पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा" 

कंकड़ को भगवान मान लूँ, 
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! 
काँटों को वरदान मान लूँ, 
पा जाऊँ यदि प्यार तुम्हारा! 
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मन में तो है कलुषता, होठों पर हरि नाम।
काम-काम को छल रहा, अब तो आठों याम।।
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लटक रहे हैं कब्र में, जिनके आधे पाँव।
वो ही ज्यादा फेंकते, इश्क-मुश्क के दाँव...
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"ग़ज़ल-फासले इतने न अब पैदा करो" 

हौसले के साथ में आगे बढ़ो
फासले इतने न अब पैदा करो..

10 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    उम्दा लिंक्स
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार |

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहद खूबसूरत लिंक्स संयोजन सर।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर चर्चा सुंदर सूत्र । 'उलूक' के सूत्र 'बेकार की नौटंकी छोड़ कर कभी प्यार की बात भी कर' को जगह देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  5. बढ़िया प्रस्तुति व सूत्र , I.A.S I.H पोस्ट न्यूज़ की पोस्ट को स्थान देने हेतु आ. शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

    जवाब देंहटाएं
  6. AABHAAR AAPKA JO AAPNE MERE BLOG KI RACHNA KO SHAMIL KIYA !! BADHIYA RACHNAON SE BHARI YE CHARCHA PRSHANSA KE KAABIL HAI !! WAAH !!

    जवाब देंहटाएं

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