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मंगलवार, जून 10, 2014

"समीक्षा केवल एक लिंक की.." (चर्चा मंच-1639)

मित्रों।
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
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मानव स्वभाव में पक्षपात-भेदभाव और ईर्ष्या 
थी, हैं और आगे भी रहेंगी।
यह बात अलग है कि किसी में 
ये कम मात्रा में होती हैं और किसी में 
कम पायी जाती हैं।
चर्चा मंच के प्रति तो कुछ लोगों में 
बहुत अधिक हैं।
ये वो लोग कदापि नहीं हैं जो कि
हमारे प्रबुद्ध पाठक है।
बल्कि ये तो वो लोग हैं जो 
इनका आत्मप्रकाशन इतना है कि
मगर अनुरोध के साथ
एग्रीगेटर का केवल नाम दिया
और एग्रीगेटर के स्थान पर 
फोटो अपनी चस्पा कर दी।
खैर हमें क्या लेना इससे।
यह रही समीक्षा केवल एक लिंक की।
--
कई मित्र मुझे अपने सुझाव दे चुके हैं कि 
पोस्ट के लिंक के साथ उसकी कुछ समीक्षा भी होनी चाहिए।
लेकिन मैं जानता हूँ कि इससे वैमनस्य और बढ़ेगा।
--
आज के युग में सही को सही कहना ही
सबसे बड़ा अपराध है।
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ऊपर एक लिंक की संक्षिप्त समीक्षा की तो है।
अब देखना कि कितना हंगामा होगा।
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इसीलिए तो निवेदन करता हूँ
कि लिंक मैं दे रहा हूँ!
कमेंट आप कीजिए!!
--
अब देखिए मेरे द्वारा चयनित लिंक।

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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हुनर को परवाज देती ब्लॉगिंग 

उड़ान पर Anusha 
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मैं झरने का बहता पानी 

तुम बोतल के शुद्ध नीर हो 

मैं ममता का शुद्ध दूध हूँ 
और तुम बाजारू पनीर हो... 
My Photo 
RAJIV CHATURVEDI 
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न्याय ....??? 

संगीता स्वरुप ( गीत
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माँ तुझे सलाम ! (18) 

कोई कोई वाकया और कभी कभी तो यादगार पल कितना याद आते हैं ? अब भले मूर्खता पर हंस लें लेकिन उस समय माँ की कही बात वेदवाक्य होती थी। ऐसे लोभ देकर काम भी करवा लिए जाते थे और हम करते रहते थे। वो भूले हुए पल माँ से जुड़ कर और भावुक कर जाते हैं। अपनी एक याद के साथ हैं : *प्रतिभा सक्सेना 
मेरा सरोकारपर रेखा श्रीवास्तव 
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जितना बड़ा है क़द तेरा, उतना अज़ीम है, 
ऐ पेड़! तू भी राम है, तू भी रहीम है...
Junbishenपर Munkir
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उलझी हुई है जिंदगी 

♥कुछ शब्‍द♥पर निभा चौधरी 
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तू ख़ुश रहे सदा .. 

दुआ दिल से दी लब ख़ामोश रहे तो क्या। 
आँखे बंद किये दीदार कर लिया 
जिस्म दूर रहे तो क्या...
नयी उड़ान +पर Upasna Siag
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शहर में क्यों चराग़ों की मरम्मत हो रही है ... 

अँधेरों को यही एहसासे-ज़िल्लत हो रही है 
शहर में क्यों चराग़ों की मरम्मत हो रही है 
कभी शर्मा के छुप जाना कभी हौले से छूना 
न ना ना ना यकीनन ही मुहब्बत हो रही है...
Digamber Naswa
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रोटी एक खिलाय, चिकित्सा कर दुनिया की- 

दुनिया की सबसे बड़ी, बीमारी है भूख । 
दवा समझ खा रोटियां, देह अन्यथा सूख... 
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( कुछ शे’र ) 

ख़ुदा मेरे अता कर दे, तू मुझको बस नज़र इतनी। 
कि हर वो शख़्श, जो देखूँ मैं, तो बस तू नज़र आए...
अंजुमनपर डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'
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गीली खुशबुओं वाली भाप 

पीले कनेर के फूल 
असाढ़ की बारिश 
भीगी हुयी गंध 
जी करता है 
अंजुरी भर भर पी लूँ 
गीली खुशबुओं वाली भाप... 
PAWAN VIJAY
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ब्लॉग से कमाई कैसे करें? -  

कुछ काम की बातें 

Vinay Prajapati
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मर्दों ने कब्ज़ा ली कोख 

shikha kaushik
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दुनियाँ है रंग अपने ही दिखाती है 

उलूक टाइम्स
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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देख देश का हाल, अर्ध आबादी सहमें-रविकर 

हमें हार की फ़िक्र नहिं, गले नौ-लखा डाल । 
इतराते टहला किये, रविकर नजर निहाल ...
भारतीय नारी पर रविकर 
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शब्दों की माला 

गूँथ रहा हु शब्दों की माला 
हर शब्द महके जैसे गुलाब की माला 
निकले जब मुख मंडल से बेसुरी 
राग भी बन जाए ...
RAAGDEVRANपर 
MANOJ KAYAL 
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दिल से निकलें जो भी अहसास.... 

मेरी ग़ज़लों में हैं 

Harash Mahajan 
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पर्यावरण और हम ... 

मेरे मन की पर  Archana 
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कार्टून :-  

ट्वि‍ट्टर हैंडल @duddhuwali 

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पहचाना पथ 

...संस्कृति के अविरल प्रवाह में उभय दिशाओं में धारायें बह रही हैं। वे कुछ समय के लिये अवरुद्ध भले ही हो जायें पर अन्ततोगत्वा वे समस्त दुर्बुद्धि-मल को बहा ले जाने में सक्षम होंगी, यह मेरा प्रबल विश्वास है।
न दैन्यं न पलायनम्पर प्रवीण पाण्डेय 
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"थक जायेगी नयी रीत फिर" 

आजीविका चलानी होगी,
दौलत खूब कमानी होगी।
नयी सभ्यता की राहों पर,
पग-पग ठोकर खानी होगी।
जब मौसम की मार पड़ेगी
थक जायेगी नयी रीत फिर।

11 टिप्‍पणियां:

  1. नये-नये एग्रीगेटर के स्वामी बने हैं लिंक नहीं खुल रहा है डाटाबेस एरर दे रहा है । आज की सुंदर चर्चा में 'उलूक' के लिंक 'दुनियाँ है रंग अपने ही दिखाती है ' को स्थान देने के लिये आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  2. सुन्दर चर्चा-

    आभार गुरु जी-

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक लिंक्स लिये आज का चर्चामंच ! शुभकामनायें !

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  4. बेहद रोचक लिंक्स......आभार सर ........

    जवाब देंहटाएं
  5. मेरी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच में करने के लिए आपका धन्यावाद
    सादर

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  6. sundar v sarthak links .meri rachna ka link yahan lagane hetu hardik aabhar

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  7. बहुत सुन्दर और सार्थक लिंक...

    जवाब देंहटाएं
  8. आपका शोध हमारे बहुत काम आता है...सुन्दर संकलन...

    जवाब देंहटाएं

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