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गुरुवार, अगस्त 14, 2014

'जब रेप होता है तो धर्म कहाँ जाता है?'; चर्चा मंच 1705

प्रिय पाठक गण !!
आदरणीय दिलबाग जी के नेट समस्याग्रस्त है, सो पुन: हाजिर हूँ-रविकर 
रविकर 

अपना हो आवास इक, मुट्ठी में हो वित्त । 
स्नेह-सिक्त वातावरण, सही वात कफ़ पित्त । 

सही वात कफ़ पित्त, चित्त में हर्ष समाये । 
अपने पर विश्वास, सदा यश आयु बढ़ाये । 

रिश्तों से उम्मीद, आज-कल थोड़ी रखना । 
कह रविकर से वृद्ध,  जियो खुद जीवन अपना॥ 
सुशील कुमार जोशी 

सरिता भाटिया
सदा
Anita
Asha Saxena 


संजय भास्‍कर 

Jai Sudhir 

सज्जन धर्मेन्द्र 

Naveen Mani Tripathi
vandana gupta 

shashi purwar 

udaya veer singh
noreply@blogger.com (विष्णु बैरागी) 


प्रतिभा सक्सेना 

काजल कुमार Kajal Kumar 

 

Virendra Kumar Sharma 

 


रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

रूपचन्द्र शास्त्री मयंक 

 

15 टिप्‍पणियां:

  1. आभार आदरणीय रविकर जी। आज देहरादून में हूँ। सोलह को खटीमा वापसी होगी।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आदरणीय-
      आज शाम को लखनऊ के लिए निकल रहा हूँ-
      मंगलवार को धनबाद वापस आऊंगा-अर्थात आकर बुधवार की चर्चा करूँगा --
      सादर-

      हटाएं
    2. bahut sundar post , dhanyavad hamen bhi charcha me shamil karne hetu

      हटाएं
  2. सुप्रभात
    नई नई पोस्ट
    आज चर्चा मंच पर
    मुझे भी स्थान मिला
    धन्यवाद इस के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  3. सुंदर चर्चा रविकर जी । आभार 'उलूक' का सूत्र ' गधा घोड़ा नहीं हो सकता कभी तो क्या गधा होने का ही फायदा उठा' भी दिखा कहीं :)

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात ! सुंदर चर्चा के लिए बधाई व आभार रविकर जी !

    जवाब देंहटाएं
  5. अच्छी कड़ियाँ मिलीं रविकर जी। शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन सूत्र, सुंदर चर्चा के लिए बधाई व आभार रविकर जी !

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति
    आभार!

    जवाब देंहटाएं
  8. कुछ देखें हैं, कुछ देखते है। सुंदर चर्चा सूत्र।

    जवाब देंहटाएं
  9. बढ़िया बहुरंगी सूत्रों के लिए आपका आभार !

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय रविकर जी।
    हमारी स्वतन्त्रता और एकता अक्षुण्ण रहे।
    इसा कामना के साथ।
    स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वबेला पर सभी पाठकों को
    आजादी के दिवस की बधायी हो।

    जवाब देंहटाएं

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