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शुक्रवार, अगस्त 15, 2014

"विजयी विश्वतिरंगा प्यारा" (चर्चा अंक-1706)

सुप्रभात मित्रों, आज स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर चर्चा मंच परिवार आपका हार्दिक अभिनन्दन करता है। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
सत्यं बृहदृत्तामृग्रं दीक्षा तपो ब्रह्म यज्ञः पृथिवीं धारयन्ति।
सा नो भूतस्य भव्यस्य पत्न्पुरुं लोकं पृथिवी नः कृणोतु्।।
‘‘सत्य पथ पर चलने की प्रवृत्ति, हृदय का विशाल भाव, सहज व्यवहार, साहस, कार्यदक्षता तथा प्रत्येक मौसम को सहने की शक्ति, ज्ञान के साथ विज्ञान में समृद्धि तथा विद्वानों का सम्मान करने के गुणों से ही राष्ट्र और मातृभूमि की रक्षा की जा सकती है।’’
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जिसकी माटी में चहका हुआ है सुमन,
मुझको प्राणों से प्यारा वो अपना वतन।
जिसकी घाटी में महका हुआ है पवन,
मुझको प्राणों से प्यारा वो अपना वतन।

यशोदा अग्रवाल 
गुमनाम आवाज़ों के लश्कर में
खोई-खोई बहार है,
रुठा-रुठा मौसम है
कैसा उदास मंज़र है
इसमें
तुम और मैं
दीवानों की मानिंद मिलकर
कैसे जिंदगी की बात करें



विरेन्द्र कुमार शर्मा
भारत रत्न सम्मान दिए जाने के लिए पांच नाम हवा में हैं। ये हैं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ,मेजर ध्यान चंद ,पंडित मदन मोहन मालवीय ,श्री काशीराम ,श्री अटलबिहारी बाजपेयी। अब भारतीय संसद में बैठे कांग्रेस के चंद लोग इस पर न बोलें तो ये कैसे हो सकता है।
हर शहर की अपनी कुछ अलग विशेषता है.मुंबई जैसे महानगर की भी अपनी ही चाल है.जीवन में ठहराव नहीं है.शायद, गति ही जीवन है,को इसने आत्मसात कर लिया है.अगर शोर की बात की जाय तो शोर का यहाँ अलग ही संगीत है जिससे राबता रखना सबके के वश का नहीं.
रक्षा बंधन से जुड़ी कई यादें हैं। उनमें से सबसे ख़ास है माँ के हाथ की दाल भरकर बनाई हुई पूड़ियाँ और खीर जो राखी बांधने के कार्यक्रम के बाद खाने को मिलती थी। इसके अलावा हथेली पर धर दिए जाने वाले वे पैसे भी ख़ास होते थे जो राखी के नाम पर हम बहनों को मिला करते थे। पूड़ियों और खीर पर कभी झगड़ा नहीं होता था, पैसों पर ज़रूर होता था। मेरे दोनों छोटे भाई कई सालों तक इस बात पर मुँह फुलाते रहे कि एक धागा बाँधने के नाम पर पैसे सिर्फ़ दीदी को मिलते हैं। अगर ऐसा ही है तो हम भी दीदी को राखी क्यों नहीं बाँध देते? बचपन की वो नासमझी अब बड़े होने पर तार्किक लगती है।

विभा रानी श्रीवास्तव 
1
भेंट है मिला 
बड़े संघर्षों बाद
स्वतंत्र देश 
प्रजातांत्रिक वेश
विश्व अग्रणी केश
2
गुणन योग्य 
है मधुमय तोष 
देव की आस
माँ के गोद में खेलें
हिन्द देश में होती

आस का दीप

साधना वैद  
अपने अंतर्मन के
आस के इस दीप में
स्वयम् को पिघला कर
अब तक प्रति पल
डालती रही हूँ ,

राहुल राठौड़ 
आजकल अगर औसतन स्मार्टफोन का उपयोग देखा जाये तो करीब 5-6 घंटे तो आ ही जायेगा, जिसमे कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स , व्हाट्सएप्प और एसएमएस का एक अहम हिस्सा है | इसमें कोई शक नही है कि स्मार्टफोन ने लाइफ को सुगम करने में काफी मदद की है |

प्रतिभा वर्मा 
आजादी का रंग 
कैसा है 
किसी को पता है 

तीन रंग में 
रंगा तिरंगा 
अशोक चक्र के साथ

दिव्या शुक्ला 
जब भी स्त्री जीवन की
काली अँधेरी राहों से
बाहर आना चाहती है
नई राह खोजती है
रोशनी की नन्ही किरण के लिये

पूर्णिमा दूबे 
इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के भाई बलराम जी का जन्म हुआ था. बलरामजी का प्रमुख शस्त्र हल और मूसल है. इसलिए उन्हें हलधर कहते हैं. उन्हीं के नाम पर इस पर्व का नाम हल-षष्ठी पड़ा. क्योंकि इस दिन हल के पूजन का विशेष महत्व है. इस वर्ष 16 अगस्त को हलछठ है.

रेवा जी 
हम सभी माँ बाप अपने बच्चों से बहुत प्यार करते हैं.…उन्हें हर ख़ुशी देने की कोशिश करते हैं ....... खास कर के वो ख़ुशी जिससे बचपन में हम महरूम रहे हों .....…बच...

कुछ सवाल अभी बाकी हैं
मल्होत्रा विम्मी 
कुछ सवाल अभी बाकी हैं,
कुछ अल्फाज अभी बाकी हैं।

दिल चुराने का हुनर तेरा पुराना था,
दर्द देने का अंदाज अभी बाकी है।

सरहद हमसे वफ़ा चाहती है....सागर 'सयालकोटी'

यशोदा अग्रवाल 
सरहद हमसे क्या चाहती है
सरहद हमसे वफ़ा चाहती है

दीवारों का होना बहुत ज़रूरी है
सरहद ऐसी रज़ा चाहती है

अनीता जी 
जब भीतर सत्संग की चाह जगे, निर्मोहता बढ़े, प्रेम जगे तो मानना चाहिए कि हरिकृपा बरस रही है. किसी ने कहा है …… 
इन्सान की बदबख्ती अंदाज से बाहर है
कमबख्त खुदा होकर इन्सान नजर आता है

संजय कुमार
67 वें स्वतंत्रता दिवस पर मैं आप सभी साथियों एवं समस्त देशवासियों को " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ ! आइये हम सब अपने मन में उठने वाले सभी नकारात्मक विचारों से आजाद होकर इस पर्व को परिवार सहित हँसी ख़ुशी- ख़ुशी मनाएं।

कुलदीप ठाकुर 
जीतकर एक लंबी जंग,
हमने आजादी पाई है,
पुत्रों ने धर्म निभाया,
मां की पीड़ा मिटाई है...
साक्षी है सूरज चंदा,
सत्य गंगा कहेगी,

अभिलेख द्विवेदी 
सियासत की नयी राह फिर से बनने लगी है,
त्योहारों से पहले ही दीवारों की पपड़ी उतरने लगी है।

बोल-वचन ही है असली स्वराज हमारा,
करनी के वक़्त ख़ुद की पतलून खिसकने लगी है।

लोकेन्द्र सिंह 
तुलनीय भारत का दिल बेहद खूबसूरत है। घुमक्कड़ी के शौकीनों के लिए मध्यप्रदेश में कई ठिकाने हैं। यह अलग बात है कि कई शानदार पर्यटन स्थल अब भी पर्यटकों की बाट जोह रहे हैं। मुरैना जिले के मितावली गांव में स्थित चौसठ योगिनी शिवमंदिर अपनी वास्तुकला और गौरवशाली परंपरा के.…… 

मनीषा संजीव 
हम अपने समाज को आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यता में रंगा हुआ देखकर गर्व का अनुभव करते है. पर क्या वाकई यह गर्व का विषय है? शायद नहीं, हम जिस आधुनिकता और पाश्चात्य संस्कृति की अंधी दौड़ का हिस्सा बन गए है. हमने कभी सोचा है इस ने हमे कहाँ लाकर खड़ा कर दिया है. यह सोचने की न ही हमने कोई कोशिश की,
कविता रावत जी की विशेष प्रस्तुति 
यह सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ। यह हमारे राष्ट्रीय जीवन में हर्ष और उल्लास का दिन तो है ही इसके साथ ही स्वतंत्रता की खातिर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों का पुण्य दिवस भी है। देश की स्वतंत्रता के लिए 1857 से लेकर 1947 तक क्रांतिकारियों व आन्दोलनकारियों के साथ ही लेखकों, कवियों और पत्रकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी गौरव गाथा हमें प्रेरणा देती है कि हम स्वतंत्रता के मूल्य को बनाये रखने के लिए कृत संकल्पित रहें।


धन्यबाद, फिर मिलते हैं अगले शुक्रवार को 

आइये सुनते हैं एक प्यारा  सा गीत ....... 

16 टिप्‍पणियां:

  1. धन्यवाद---चर्चामंच की सुंदर रचना के लिये.

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  2. सुप्रभात
    राष्ट्रीय पर्व पर हार्दिक शुभ कामनाएं

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  3. शुभ प्रभात!
    स्वतंत्रता दिवस के सुअवसर पर देशप्रेम की प्रेरणाभरी चर्चा प्रस्तुति के लिए धन्यवाद! मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
    सबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं
    जय हिन्द! जय भारत!

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  4. आभार..स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं!

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  5. सुंदर चर्चा ! राजेंद्र जी. मेरे पोस्ट को शामिल करने के लिए आभार.
    स्वतंत्रता दिवस की शुभकानाएं.

    जवाब देंहटाएं
  6. बढ़िया खूबसूरत प्रस्तुति व लिंक्स , आ. राजेन्द्र भाई , शास्त्री जी व मंच को धन्यवाद !
    Information and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

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  7. mujhe yahan shamil karne kay liye dhayanvad....asha hai mere lekh dwara mujhe aur mere jaise kayi maa baap ko apne parshno kay uttar dhundhne mey asani hogi

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  8. अड़सठवें स्वतन्त्रता दिवस पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनायें ! विजयी विश्व प्यारे तिरंगे को ह्रदय से सलाम एवं अभिनन्दन ! आज के चर्चामंच पर मेरी रचना को स्थान देने के लिये आपका शुक्रिया एवं आभार राजेन्द्र जी !

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  9. बहुत सुन्दर चर्चा।
    आपसबको स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार।

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  10. स्वतंत्रता दिवस की बधाई ,बहुत ही मनभावन सूत्र

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  11. बहुत सुन्दर चर्चा आदरणीय राजेन्द्र कुमार जी।
    हमारी स्वतन्त्रता अक्षुण्ण रहे।
    इसा कामना के साथ।
    स्वतन्त्रतादिवस की सभी पाठकों को बधायी हो।

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  12. अच्छी रचनाएँ पढ़वाई आपने आज
    आभार भाई राजेन्द्र जी

    सादर

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  13. सुंदर चर्चासूत्र। स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

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  14. मेरे लिखे को शामिल करने के लिए आभार..
    बहुत बहुत धन्यवाद ....
    चर्चा मंच की उम्दा प्रस्तुती
    स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं

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  15. आभार ...मेरी पोस्ट को यहाँ शामिल करने के लिए ।

    जवाब देंहटाएं
  16. स्वतन्त्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई.. देरी से आने के लिए खेद है, आभार !

    जवाब देंहटाएं

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