आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
पूरा विश्व पाकिस्तान में हुए कत्लेआम से आहत है, यह क्रूरता का चरम है, लेकिन कुछ लोगों को फेसबुक पर खुश देखकर बेहद पीड़ा हुई । बच्चे के खोने की पीड़ा किसी माँ से पूछिए । वे मासूम किसी के दुश्मन कैसे हो सकते हैं और उनकी मौत पर हँसने वाले क्या तालिबान से कम क्रूर हो सकते हैं ?
चलते हैं चर्चा की ओर
धन्यवाद
सच मन आहत है बहुत...सार्थक चर्चा
जवाब देंहटाएंमन तो आहत है , अच्छे चर्चा सूत्र , हार्दिक धन्यवाद मुझे शामिल करने हेतु , किन्तु लिंक नहीं दिख रहा है, शायद लिंक में गड़बड़ हो। सादर।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा सूत्र संयोजन |
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |
उपयोगी लिंकों के साथ सामयिक चर्चा के लिए आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
जवाब देंहटाएं--
आतंकी देश पाकिस्तान में हुए निरीह बच्चों के नरसंहार की भर्तस्ना करता हूँ।
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चर्चामंच परिवार की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।
अत्यंत दुखद आक्रमण -
जवाब देंहटाएंशायद अब हो पाकिस्तान में संक्रमण-
मारे जाएँ आतंकी रावण -
बढ़िया चर्चा-
बच्चे के खोने की पीड़ा किसी माँ से पूछिए । वे मासूम किसी के दुश्मन कैसे हो सकते हैं और उनकी मौत पर हँसने वाले क्या तालिबान से कम क्रूर हो सकते हैं ?
जवाब देंहटाएं..सच कहा आपने ऐसे संवेदनहीन लोग तालिबान से कम नहीं ,,..जिन माओं की बच्चे सदा सदा के लिए दूर चले गए उन पर क्या गुजर रही होगी वह संवेदनहीन लोग कभी नहीं समझ सकते..लेकिन ऊपर वाला एक दिन उन्हें इस बात का अहसास जरूर कराता है .....
सामयिक चिंतन प्रस्तुति के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!
sarthak charcha....bahut dukhad ghatna......bacchon ko nishana banaya...sach mey shrmshar kar ti insani harkat...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा।
जवाब देंहटाएंस्थान देने के लिए धन्यवाद।
हमारे पड़ोसी देश में नौनिहालों कि निर्मम हत्या दिलो दिमाग को झंझोड़ गयी यह घटना।
आदरणीय,
जवाब देंहटाएंसभी को प्रणाम और इस संवेदनाओं को झकझोर कर चूर चूर कर देने वाले वाकिये पर कुछ लिखना पड़ा , ईश्वर से प्रार्थना है ऐसे विषय पर कभी कलम ना चलाना पड़े
उन मासूम फरिश्तों और उनके चाहने वालो के लिए बस दुआ ही कर सकता हूँ। … काश इससे ज्यादा कर सकता
सुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंचर्चा में स्थान देने के लिय धन्यवाद , अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार। दर्द को समेटते एक सुंदर चर्चा..
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील चर्चा, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार !!
जवाब देंहटाएंआदरणीय
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर सक्रिय नहीं रह पा रहा हूं...
इतने अंतराल पश्चात कुछ पोस्ट किया
आपने चर्चा में स्थान दिया
हृदय से आभार !
सभी मित्रों से निवेदन है मेरे ब्लॉग पर आ'कर उत्साहवर्द्धन करें ।
सादर शुभकामनाओं सहित...