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गुरुवार, दिसंबर 18, 2014

क्रूरता का चरम {चर्चा - 1831 }

आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है 
पूरा विश्व पाकिस्तान में हुए कत्लेआम से आहत है, यह क्रूरता का चरम है, लेकिन कुछ लोगों को फेसबुक पर खुश देखकर बेहद पीड़ा हुई । बच्चे के खोने की पीड़ा किसी माँ से पूछिए । वे मासूम किसी के दुश्मन कैसे हो सकते हैं और उनकी मौत पर हँसने वाले क्या तालिबान से कम क्रूर हो सकते हैं ?
चलते हैं चर्चा की ओर
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धन्यवाद 

15 टिप्‍पणियां:

  1. सच मन आहत है बहुत...सार्थक चर्चा

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  2. मन तो आहत है , अच्छे चर्चा सूत्र , हार्दिक धन्यवाद मुझे शामिल करने हेतु , किन्तु लिंक नहीं दिख रहा है, शायद लिंक में गड़बड़ हो। सादर।

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  3. सुप्रभात
    उम्दा सूत्र संयोजन |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं
  4. उपयोगी लिंकों के साथ सामयिक चर्चा के लिए आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
    --
    आतंकी देश पाकिस्तान में हुए निरीह बच्चों के नरसंहार की भर्तस्ना करता हूँ।
    --
    चर्चामंच परिवार की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि।

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  5. अत्यंत दुखद आक्रमण -
    शायद अब हो पाकिस्तान में संक्रमण-
    मारे जाएँ आतंकी रावण -
    बढ़िया चर्चा-

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  6. बच्चे के खोने की पीड़ा किसी माँ से पूछिए । वे मासूम किसी के दुश्मन कैसे हो सकते हैं और उनकी मौत पर हँसने वाले क्या तालिबान से कम क्रूर हो सकते हैं ?
    ..सच कहा आपने ऐसे संवेदनहीन लोग तालिबान से कम नहीं ,,..जिन माओं की बच्चे सदा सदा के लिए दूर चले गए उन पर क्या गुजर रही होगी वह संवेदनहीन लोग कभी नहीं समझ सकते..लेकिन ऊपर वाला एक दिन उन्हें इस बात का अहसास जरूर कराता है .....
    सामयिक चिंतन प्रस्तुति के साथ सार्थक चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. sarthak charcha....bahut dukhad ghatna......bacchon ko nishana banaya...sach mey shrmshar kar ti insani harkat...

    जवाब देंहटाएं
  8. बढ़िया चर्चा।
    स्थान देने के लिए धन्यवाद।
    हमारे पड़ोसी देश में नौनिहालों कि निर्मम हत्या दिलो दिमाग को झंझोड़ गयी यह घटना।

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  9. आदरणीय,
    सभी को प्रणाम और इस संवेदनाओं को झकझोर कर चूर चूर कर देने वाले वाकिये पर कुछ लिखना पड़ा , ईश्वर से प्रार्थना है ऐसे विषय पर कभी कलम ना चलाना पड़े
    उन मासूम फरिश्तों और उनके चाहने वालो के लिए बस दुआ ही कर सकता हूँ। … काश इससे ज्यादा कर सकता

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  10. चर्चा में स्थान देने के लिय धन्यवाद , अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि

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  11. मेरी रचना को शामि‍ल करने के लि‍ए आभार। दर्द को समेटते एक सुंदर चर्चा..

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  12. संवेदनशील चर्चा, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  13. आदरणीय
    ब्लॉग पर सक्रिय नहीं रह पा रहा हूं...

    इतने अंतराल पश्चात कुछ पोस्ट किया
    आपने चर्चा में स्थान दिया
    हृदय से आभार !

    सभी मित्रों से निवेदन है मेरे ब्लॉग पर आ'कर उत्साहवर्द्धन करें ।
    सादर शुभकामनाओं सहित...

    जवाब देंहटाएं

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