आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
मूर्ख दिवस बिना मूर्ख बने निकल गया या कहें कि किसी ने मूर्ख बनाया ही नहीं । शायद कारण यह भी हो सकता है कि सभी दोस्तों ने सोचा हो कि मूर्ख को क्या मूर्ख बनाना । मेरी ही तरह जिन्हें मूर्ख नहीं बनाया गया उन्हें भी इस नजरिये से सोचना चाहिए कि आखिर कोई आपको मूर्ख क्यों नहीं बना रहा, वो भी उस दिन जिस दिन इसकी खुली छूट रहती है । सोचिए, सोचिए.........
चलते हैं चर्चा की ओर
धन्यवाद
आपका आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
जवाब देंहटाएंआपके निष्ठा और श्रम को प्रणाम करता करता हूँ।
चर्चा मंच के संक्रमण काल में भी आपने कन्धा से कन्धा मिलाकर मेरा साथ दिया।
आदरणीय अनुषा जैन जी के आगमन से चर्चा मंच को फिर से बल मिल गया है।
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कुछ दिनों बाद आदरणीय रविकर जी और आदरणीय राजेन्द्र कुमार भी अपनी छुट्टी से वापिस आ जायेंगे तो मुझे भी कुछ राहत मिल जायेगी।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा लिंकस
मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
कैलाश बाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि । सुंदर सूत्र संयोजन । सुंदर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंकैलाश बाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि ।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति ..आभार
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि कैलाश बाजपेयी जी को,बढ़िया चर्चा,मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकैलाश बाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा, सारे लिंक्स एक से बढ़कर एक खूबसूरत।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद।
सुंदर चर्चा, कैलाश वाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि ! बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिलबाग जी रचना को मंच में स्थान देने के लिए आपका बहुत- बहुत आभार
जवाब देंहटाएंकैलाश बाजपेयी जी को विनम्र श्रद्धांजलि । सुंदर सूत्र संयोजन । सुंदर चर्चा ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
रचना शामिल करने के लिए दिल से धन्यवाद.....सारे लिंक्स बहुत अच्छे लगें
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