आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
राजनीति से नसीब का जुमला उछला था । नसीब का असर कितना होता है पता नहीं लेकिन इन दिनों बेमौसमी बरसात ने किसानों की दशा खराब की हुई है । काश ! कोई नसीब वाला किसानों को बचा ले ।
चलते हैं चर्चा की ओर
धन्यवाद
दिलबाग जी,
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स मिले।
आभारी हूँ।
सुन्दर और अद्यतन लिंक मिले आज की चर्चा में।
जवाब देंहटाएंआपका बहुत-बहुत आभार आदरणीय दिलबाग विर्क जी।
आज के चर्चा मंच पर
जवाब देंहटाएंसार्थक और सटीक लिंक्स |
सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना 'गवाही' को इसमें सम्मिलित करने हेतु आपका बहुत-बहुत धन्यवाद एवं आभार !
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह सुंदर गुरुवारीय चर्चा । आभार दिलबाग 'उलूक' के सूत्र 'सारे जोर लगायेंगे तो मरे हाथी को खड़ा कर ले जायेंग़े' को स्थान देने के लिये ।
जवाब देंहटाएंखूब सारे अच्छे लिंक्स.....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार और धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकाफी सुंदर लींक्स, सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंबहुत सारे अच्छे लिंक्स...हमारी रचना को मान देने के लिय आभार दिल से |
जवाब देंहटाएंचर्चा में शामिल किये जाने का बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंDilbag ji , charcha main shamil karne ka bahut bauht aabhaar
जवाब देंहटाएंखूब सारे अच्छे लिंक्स.....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार और धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसभी लिंक अपने -अपने स्थान पर काफी खूबसूरत हैं। और सबसे बड़ी बात है आपकी चर्चा के द्वारा पढ़ने को मिलते हैं। काफी सुंदर चर्चा सजाने का धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर आभार।
लगभग सभी चयनित ब्लॉग देखे हैं . पढ़े है , टिप्पणियाँ भी की हैं . आम तौर पर देखा गया है कि ध्यान सिर्फ अपनी रचना के चयन पर होता है .
जवाब देंहटाएंमेरी रचना के चयन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद .
सभी लिंक्स श्रेष्ठ है .....मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार , नमन
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