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Tuesday, April 14, 2015

"सब से सुंदर क्या है जग में...मैंने अपनी मात को, आज दिया है खोय" {चर्चा - 1947}

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गीत 

"बैसाखी आने पर खुशियाँ घर-घर में छा जाती हैं" 

खेतों में बिरुओं पर जब, बालियाँ सुहानी आती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं।।

सोंधी-सोंधी महक उड़ रही, गाँवों के गलियारों में,
खुशियों की भरमार हो रही, आँगन में, चौबारों में,
बैसाखी आने पर रौनक, चेहरों पर आ जाती हैं।
जनमानस के अन्तस में तब, आशाएँ मुस्काती हैं... 
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डाॅ. भीमराव आम्बेडकर  

दलितों के मसीहा 

KAVITA RAWAT पर Kavita Rawat 
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वास्तविकता 

लोन कितना ले के लिए चित्र परिणाम
आधुनिकता की दौड़ में
पिछड़ने से डरते
दुनिया की चकाचौंध में
अपना वजूद खोजते... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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राह निकलती है...! 

...शिथिल हो जाते हैं मन प्राण
हृदय से आह निकलती है 

अनिश्चितताओं के बीच से ही
फिर एक राह निकलती है...!

अनुशील पर अनुपमा पाठक 
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हम लड़ेंगे साथी / पाश 

 उदास मौसम के लिए हम लड़ेंगे साथी, 
ग़ुलाम इच्छाओं के लिए हम चुनेंगे साथी... 
Voice of Silence पर Brijesh Neeraj 
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''हे प्रभु अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो .'' 

....आज तक न तो पुरुष ने नारी की कद्र की और न नारी ने स्वयं नारी की ,दोनों के लिए ही वह बेकार है और ऐसी बेकार है जिसकी बहु रूप में तो आवश्यकता है बेटे का घर बसाने के लिए किन्तु बेटी रूप में नहीं ,माँ रूप में तो ज़रुरत है बच्चे के पालन पोषण के लिए किन्तु बच्चे के रूप में नहीं और इसलिए सही कहा अभिमन्यु सिंह ने कि नारी की एक ही नियति है ''पुरुष की गुलामी ''स्वयं करे या अपने परिजनों के कहने पर करे ,अरैंज करे या लिव इन में रहे हर हाल में उसे यही करना है और यदि नहीं करती है तो कुल्टा कह समाज में तिरस्कृत किया जाता है... 
! कौशल ! पर Shalini Kaushik 
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नवगीत (35) 

स्वर्ण-अक्षरों में लिखना है ॥ 

कुछ ऐसा जो कभी किसी ने नहीं लिखा – 
मुझको वह सब स्वर्ण-अक्षरों में लिखना है... 
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नज़रें शक से टटोलती है क्यों फिर.. 

सरहदों में बँटे देश !
इस पार मैं ,
उस पार भी मैं ही तो हूँ।

उधर के सैनिक मेरे ,
इधर के सैनिक भी मेरे ही हैं।
एक साथ उठते कदम
बंदूक - राइफल सँभालते।... 
नयी उड़ान + पर Upasna Siag 
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चन्द माहिया : 

क़िस्त 19 

आपका ब्लॉग
:1:
क्यों फ़िक़्र-ए-क़यामत हो
हुस्न रहे ज़िन्दा
और इश्क़ सलामत हो
:2:... 
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक 
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सब से सुंदर क्या है जग में। 

अगर कोई पूछे मुझसे सब से सुंदर क्या है जग में। 
यूं तो खुदा की रची हर शै सुंदर है शूल भी, फूल भी। 
करूप ईश्वर ने कुछ भी नहीं बनाया 
ये केवल हमारी दृष्टि का भेद है। 
पर मां का आंचल सब से सुंदर 
जो करता है आकर्षित ईश्वर को भी।
मन का मंथन  पर kuldeep thakur 
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गाँव का ज़िंदा रहना 

आपके ज़िंदा होने का सबूत है। 

हर एक व्यक्ति के अन्दर एक गाँव होता है । गाँव कोई स्थान विशेष संज्ञा न होकर एक गुणवाचक शब्द है, जिसके अर्थ विस्तृतता में निहित हैं।.गाँव की मर्यादा क्षितिज के सरीखे होती है, जितने उसके पास आओ उतना ही उसका विस्तार होता जाता है और इस विस्तृतता में रस है... 
हरी धरती  पर  Dr. Pawan Vijay 
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सुना है उसके शहर की ...

बात बड़ी निराली है ,
सुना है ढलते सूरज ने ...
कई दास्ताँ कह डाली है ,
सुना है जुगनुओं ने ...
कई बारात निकाली है ,
सुना है हर रात वहां ...
ईद और दिवाली है... 
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सुंदरता की परिभाषा - - 

अग्निशिखा : पर SHANTANU SANYAL 
* शांतनु सान्याल * শান্তনু সান্যাল 
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ये किसी और की भी कहानी है ?? 

आपका ब्लॉग पर तायल "जीत" 
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14 comments:

  1. ओह ! अत्यंत दुखद समाचार ! यह जीवन की इतनी बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई होना नितांत असंभव है ! शोक की इस घड़ी में आप व आपका समस्त परिवार हमारी हार्दिक संवेदनाएं स्वीकार करें ! परम श्रद्धेय माताजी को सादर नमन !

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  2. जीवन की इतनी क्षति की भरपाई असंभव है |
    आपको व समस्त परिवार को प्रभु दुःख वहां करने की क्षमता दे |श्रद्धेय स्वर्गीय माता जी को नमन |

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  3. दुख:द समाचार । सर्वशक्तिमान से प्रार्थना है स्वर्गीय माता जी की आत्मा को शाँति प्रदान करे और समस्त दुखी: परिवारजनों को इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ऊँ शाँति ।

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  4. मेरी संवेदनायेँ! ईश्वर आपकी माताजी की दिवंगत आत्मा को शाँति प्रदान करे और समस्त परिवार को शक्ति दें।

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  5. अत्यंत दुःख हुआ यह जानकर, मेरी और चर्चा मंच के सभी पाठकों कि ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।

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  6. बहुत दुख हुआ जान कर... शत शत नमन व श्रधांजली आपकी पूजनीय स्वर्गीय माता जी को।

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  7. दुखद समाचार !.भगवान उनकी आत्मा को शांति दे ..हम उन्हे नमन एवं श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं

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  8. May God bless and comfort you and your family during this time of grief. Please accept my sincere condolences.

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  9. दुख:द समाचार । सर्वशक्तिमान से प्रार्थना है स्वर्गीय माता जी की आत्मा को शाँति प्रदान करे और समस्त दुखी: परिवारजनों को इस घड़ी को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। ऊँ शाँति ।

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    मेरी रचना ''नवगीत (35) स्वर्ण-अक्षरों में लिखना है ॥ '' को शामिल करने हेतु धन्यवाद !

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  10. बहुत ही दुखद समाचार - ईश्वर माताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे - मेरी ओर से श्रद्धांजलि - ॐ शांति ॐ

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  11. परम श्रद्धेय माता जी के निधन के समाचार से मन दुःखित हुआ। मृत्यु जीवन का ऐसा सत्य है जो पूर्ण रूप से निश्चित है, उसका कोई विकल्प नहीं है। संसार का यह एकमात्र सम्पूर्ण सत्य जिसे अनिच्छा एवं दुःखी हृदय से भी स्वीकार करना पड़ता है।
    परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि आप सभी परिवारजनों को यह विपदा सहन करने की शक्ति प्रदान करें एवं दिवंगत आत्मा को परम शांन्ति दें।

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  12. behad dukhad....bhagwan unki aatma ko shanti pradan karen ..aap himmat rakhen.

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  13. अत्यंत दुखद समाचार ! यह जीवन की इतनी बड़ी क्षति है जिसकी भरपाई होना नितांत असंभव है ! शोक की इस घड़ी में आप व आपका समस्त परिवार हमारी हार्दिक संवेदनाएं स्वीकार करें

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  14. ईश्वर माताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे - मेरी ओर से श्रद्धांजलि

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