सुंदर बुधवारीय अंक रविकर जी। चर्चा 1853 की जगह 1953 कर लें । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'कभी तो लिख यहाँ नहीं तो और कहीं दो शब्द प्यार पर भी झूठ ही सही' को आपकी आज की चर्चा में स्थान मिला ।
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सुंदर बुधवारीय अंक रविकर जी। चर्चा 1853 की जगह 1953 कर लें । आभारी है 'उलूक' सूत्र 'कभी तो लिख यहाँ नहीं तो और कहीं दो शब्द प्यार पर भी झूठ ही सही' को आपकी आज की चर्चा में स्थान मिला ।
जवाब देंहटाएंबढ़िया चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रविकर जी आपका आभार।
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आदरणीय सुशील कुमार जोशी
चर्चा 1853 की जगह 1953 कर दी गयी है।
याद दिलाने के लिए आभार।
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा |