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बुधवार, अप्रैल 08, 2015

"सहमा हुआ समाज" { चर्चा - 1941 }

मित्रों।
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के निम्न लिंक।
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"चौदह दोहे-सहमा देश-समाज" 

धरा-गगन में हो रहाबेमौसम माहौल।
चपला करती गर्जनाबादल बोले बोल।।
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उमड़-घुमड़कर आ रहेअब नभ में घनश्याम।
फसलों का भी हो गयाअब तो काम तमाम... 
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सजदा 

अर्पित ‘सुमन’ पर सु-मन 
(Suman Kapoor) 
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गिद्ध 

आज फिर मेरा विश्वाश नोचा गया , 
ये नोच खसोट करने वाला गिद्ध 
और कोई नहीं 
बल्कि प्यार नामक शब्द का 
उपयोग करने वाला इंसान है... 
Love पर Rewa tibrewal 

Deewan 84 

Gazal 

Junbishen पर Munkir 
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जीवन निरझरणी 

धवल लकीरों सी धाराएं 
दूर पहाड़ी पर दीखतीं 
मंथर गति से आगे बढ़तीं 
चाल श्वेत सर्पिनी सी
ज्यों ज्यों आगे को बढ़तीं
आपसमें मिलती जातीं
जल प्रपात के रूप में ... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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जा बेटी जा ... 

जी ले अपनी ज़िन्दगी !!! 

हो जाती हूँ कभी कभी बेहद परेशां 
जब भी बेटी कहीं जाने को कहती है 
और मेरी आँखों के आगे 
एक विशालकाय मुखाकृति आ खड़ी होती है 
जिसका कोई नाम नहीं , 
पहचान नहीं , आकृति नहीं 
लेकिन फिर भी उसकी उपस्थिति 
मेरी भयाक्रांत आँखों में दर्ज होती है... 
vandana gupta 
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एक ग़ज़ल 

दो दिल की दूरियों को... 

रात दिन साथ मिलकर चले किसलिये , 
फिर भी बढ़ते रहे फासिले किसलिये ! 
उम्र भर जब अकेला था रहना हमें , 
फिर बनाते रहे काफिले किसलिये... 
आपका ब्लॉग पर आनन्द पाठक 
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जब खो जाते हैं शब्द...! 

जब
खो जाते हैं शब्द...
तब भी
चलता ही है जीवन... 


जो कभी
टूट भी जाए
संवादों का पुल...
तब भी
जुड़े ही रहते हैं
जो जुड़े हुए थे मन... 

अनुशील पर अनुपमा पाठक 
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8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    पढ़ने के लिए यथेष्ट सामग्री |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद सर |

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुंदर बुधवारीय अंक । आज की चर्चा में 'उलूक' के सूत्र '‘उलूक’ क्या है? नहीं पढ़ने वाला भी
    अब जानने चला है' को स्थान देने के लिये आभार आदरणीय शास्त्री जी ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सप्ताह भर पढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री॥ आभार काव्यसुधा को शामिल करने के लिए ...

    जवाब देंहटाएं
  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया चर्चा प्रस्तुति हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  7. मेरी पोस्ट को चर्चा में सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद, आपकी इस मेहनत और जज़्बे को सलाम रूपचन्द्र शास्त्री जी

    जवाब देंहटाएं

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