आज की चर्चा में आपका हार्दिक स्वागत है
चलते हैं चर्चा की ओर

पा लो माँ का प्यार

प्रतिरोध या पाखंड

तन्त्र अब खटक रहा है

परलोक-चर्चाएँ

गोल खंडहर

बोझ धरा का

जी नहीं लगता

गुलाबी चूड़ियाँ

नेह लुटाती चाँदनी

मणियों की घाटी

मुस्कुराने दो

खिन्न मौन

क्यों नहीं दिखते जज़्बात तेरे

गुड़िया

चाँदनी मुस्कान

रिश्ते या प्रशस्ति पत्र

एक सार्थक प्रयास है हिंदी-हाइगा का प्रकाशन

रोग दिल का न यूँ तुम बढ़ाओ कभी

गजरे में बांध लिया मन

आ जाओ अलीबाबा

सर उठा कर गुनाह करते हैं

ग़ज़ब फेंकते हो तुम

शाम ए चिराग़

क्षणिकाएँ

मुक्तक

स्पंदित शब्द

आर्यसमाज, भंगी शब्द और वास्तविकता
धन्यवाद
चलते हैं चर्चा की ओर

पा लो माँ का प्यार

प्रतिरोध या पाखंड
तन्त्र अब खटक रहा है

परलोक-चर्चाएँ

गोल खंडहर

बोझ धरा का
जी नहीं लगता

गुलाबी चूड़ियाँ

नेह लुटाती चाँदनी
मणियों की घाटी

मुस्कुराने दो

खिन्न मौन

क्यों नहीं दिखते जज़्बात तेरे

गुड़िया

चाँदनी मुस्कान

रिश्ते या प्रशस्ति पत्र

एक सार्थक प्रयास है हिंदी-हाइगा का प्रकाशन
रोग दिल का न यूँ तुम बढ़ाओ कभी

गजरे में बांध लिया मन
आ जाओ अलीबाबा

सर उठा कर गुनाह करते हैं

ग़ज़ब फेंकते हो तुम

शाम ए चिराग़

क्षणिकाएँ

मुक्तक

स्पंदित शब्द
आर्यसमाज, भंगी शब्द और वास्तविकता
धन्यवाद
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