बन्दर-भालू-सर्प बिन, मरा मदारी आज |
पशु-अधिकारों पे उठी, जब से ये आवाज |
जब से ये आवाज, हुवे खुश कुत्ता बिल्ली |
अभयारण में बाघ, सुरक्षित करती दिल्ली |
किन्तु विरोधाभास, देश-दुनिया के अंदर |
होते जीव हलाल, बैठ के देखें बन्दर ||
नीरज गोस्वामी
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Naveen Mani Tripathi
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प्रेम सरोवर प्रेम सरोवर
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Asha Saxena
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बन सकते तुम अच्छे बच्चे
आनन्द विश्वास
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केवल राम
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महेन्द्र श्रीवास्तव
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सुशील कुमार जोशी
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प्रतिभा सक्सेना
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पूरे श्रद्धा-भाव से, किये श्राद्ध निष्पन्न।
पितृअमावस पर हुए, काम सभी सम्पन्न।।
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अब आयेंगे सामने, माता के नवरूप।
निष्ठा से पूजन करो, लेकर दीपक-धूप।।
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देवेन्द्र पाण्डेय
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Yashwant Yash a
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