मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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चाहो तुम घर अंधेरा रखो
सूरज तो सबकी छत पर है-
तुम चाहो तो नीर विहीन रहो
कब सून्य धरा जल निर्झर है...
udaya veer singh
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अंजुमन पर डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'
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मर गया? मर जाने दो,
उसके दर से वोट बैंक का रास्ता नहीं गुजरता,
सियासत गर्म होने दो, आम आदमी उबलने दो,
कि सियासत मरने वाले का वर्ग देखती है,..
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एक छुअन की याद *योगेंद्र आहूजा * पिछले कुछ बरसों में कर्इ बार ऐसा हुआ कि वीरेन जी को मिलने देखने अलग अलग अस्पतालों मेें जाना पड़ा, शीशों के पीछे दूर से ही देखकर वापस आना पड़ा । एक अस्पताल में उनके साथ, उनके बेड के करीब काउच पर दो रातें भी बितार्इं । फिर भी मुझे कभी यकीन नहीं हुआ कि वह शख्स किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है या हो सकता है...
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तूने अपना जीवन यदि,
शब्दों में डाला, निष्फल है ।
जीवन तो तेरा वह होगा,
जो शब्दों की उत्पत्ति बने...
प्रवीण पाण्डेय
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आज से लगभग साल भर पहले मेरे बेटे यश ने सत्ताइस मिनिट की एक शार्ट मूवी ' TUTANKHAMUN,' बनाई थी , किसी की मदद लिए बगैर . .इसका टीज़र और ट्रेलर मैं पहले ही यहां दिखा चुकी हूँ , इसमें कुछ कमियां भी नज़र आएंगीं , आवाज़ शुरुआत के कुछ दृश्यों में अस्पष्ट और धीमी है , जो बाद में ठीक हो जाएगी। मैं चाहती हूँ की तेरह वर्ष की उम्र के बच्चे की इस कोशिश को आप ज़रूर देखें। ...
प्रियदर्शिनी तिवारी
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वो तो सुनता है मगर ,खामोश रह जाता है
इम्तेहान -ऐ -ज़ीस्त में कब होश रह जाता है ?
कोई हुजूम आया नहीं ,अब कर रहे क्यों गिला
अाप खुद से न मिले,क्या दोष रह जाता है ?
किस तरह से ज़मीं ठण्ड से बातें करे
और गवाह में किस तरह बस ओस रह जाता है...
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आज खालीपन मेरा पूरा भरा है ॥
अब कहीं पीला नहीं है बस हरा है ॥
जिसपे मैं क़ुर्बान था आग़ाज़ से ही ,
वह भी आखिरकार मुझ पर आ मरा है ...
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हर रोज़ सबक सिखाती है ये दुनिया
सताए हुए को और सताती है ये दुनिया...
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भारत की इस टीम केे,क्या कहने क्या ठाट।
सचिन विरासत दे गए,धोनी और विराट...