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बुधवार, मार्च 16, 2016

नहीं बोलूंगा भारत माता की जय'; चर्चा मंच 2283


हुई लाल-पीली प्रिया, करे स्याह सम्भाव|
अंग-अंग नीला करे, हरा हरा हर घाव ||

एक दफ़ा गलती हुई,  रफा-दफ़ा कर रीस ।
 दफ़ा चार सौ बीस से, मत रविकर को पीस।।

युवा वर्ग से कर रही, दुनिया जब उम्मीद |
बहुतेरे सिरफिरे तब, मिट्टी करें पलीद ||

भट के फिर भटके कदम, दमन करे चहुँओर |
खौफ नहीं अल्लाह का, बन्दे आदमखोर ||

lokendra singh 

pramod joshi 
Sushma Verma 
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति 
Surendra Singh bhamboo 
chandan bhati 
S.K. Jha 
udaya veer singh 
डॉ. नागेश पांडेय संजय 
Ravishankar Shrivastava 
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धनहीन हूँ भिखारी, मैं दान माँगता हूँ।
झोली पसारकर माँ! मैं ज्ञान माँगता हूँ।।


दुनिया की भीड़ से मैं,
बच करके चल रहा हूँ,
माँ तेरे रजकणों को,
माथे पे मल रहा हूँ,
निष्प्राण अक्षरों में, मैं प्राण माँगता हूँ।
झोली पसारकर माँ! मैं ज्ञान माँगता हूँ।।

सुधीर 
रश्मि शर्मा 
Kirtish bhatt 
Kirtish bhatt 

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