मित्रों!
सोमवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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मैं हूँ विरह
मैं हूँ विरह मधुमास नहीं ॥
तड़पन हूँ नट , रास नहीं ॥
मुझको दुःख में पीर उठे ,
हँसने का अभ्यास नहीं...
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ग़हमें ख़ुदा की क़सम! याद आइय़ाँ क्या क्या !
जफ़ा के भेष में वो आशनाइय़ाँ क्या क्या ! ...
जफ़ा के भेष में वो आशनाइय़ाँ क्या क्या ! ...
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सुबह-सुबह विपरीत दिशा
अर्थात जयपुर रोड़ की तरफ से
कंधे पर एक बड़ा-सा थैला उठाए
तोताराम आता दिखाई दिया |
हमने पूछा- क्यों...
अर्थात जयपुर रोड़ की तरफ से
कंधे पर एक बड़ा-सा थैला उठाए
तोताराम आता दिखाई दिया |
हमने पूछा- क्यों...
झूठा सच - Jhootha Sach
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मैंने क़दम ज़रा भी बहकने नहीं दिया
इल्ज़ाम हुस्ने यार पे लगने नहीं दिया
दिल चाक हो गया पै तड़पने नहीं दिया...
अंदाज़े ग़ाफ़िल पर
चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’
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तुम ज़िंदगी हमारी , यह काश जान लेते
तुम दूर जा रहे हो , मत फिर हमे बुलाना
अब प्यार में सजन यह ,फिर बन गया फ़साना ...
शिकवा नहीं करेंगे ,कोई नहीं शिकायत
जी कर क्या करें अब ,दुश्मन हुआ ज़माना ..
Ocean of Bliss पर Rekha Joshi
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'' न कोशिश ये कभी करना .''
दुखाऊँ दिल किसी का मैं -न कोशिश ये कभी करना ,
बहाऊँ आंसूं उसके मैं -न कोशिश ये कभी करना ...
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हिन्दू संगठित नहीं हैं
इसीलिए डॉ.नारंग के हत्यारे
सरे आम आते हैं
ये सन्देश देने -हमें टोका कैसे
Virendra Kumar Sharma
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