मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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'' हम जंगल के फूल '' नामक दोहा ( दोहा क्रमांक - 2 ) ,
कवि स्व. श्री श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत संग्रह -
'' अँधेरा बढ़ रहा है '' में से लिया गया है -
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आम में बौर देखता हूं और तुम्हें खोजता हूं
नदी में नाव चलती है और तुम्हें सोचता हूं
आम में बौर देखता हूं और तुम्हें खोजता हूं
इस डाली से उस डाली कूदना एक खेल था
चढ़ गया हूं जैसे पेड़ पर और तुम्हें हेरता हूं ...
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देश पे हजारों कन्हैया कुर्बान
कन्हैया की जमानत पे जश्न मनाने वाले शायद जस्टिस की टिपण्णी से शर्मिंदा हों.. कन्हैया मामले में हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा रानी ने जो टिपण्णी की है उसमे कई गंभीर बातें है, उन्होंने कहा- "यदि कोई अंग सड़ जाता है तो उसका इलाज किया जाता है। एंटीबायटिक दिया जाता है। यदि इससे भी ठीक नहीं होता तो सड़े हुए अंग को काट दिया जाता है...
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दर्द के हों दीवाने कौन
बुनेगा ताने-बाने कौन
खामोशी पहचाने कौन
सायों से कर लो बातें ,
पूछो नहीं बेगाने कौन
दीवारों पे गुमसुम चेहरे,
पर देगा अब ताने कौन ...
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ठहराव
चलता जीवन
निर्मल जल के झरने सा
ठहराव जिन्दगी में
ठहराव जिन्दगी में
गंदे जल के डबरे सा
पहला रंगीनियों से भरा
पहला रंगीनियों से भरा
हैं अक्षय जो
पर ठहराव उसमें...
पर ठहराव उसमें...
Akanksha पर Asha Saxena
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जे एन यू को समर्पित कुछ दोहे
जे एन यू से मिल गया भारत को पैगाम।
छिपे हुए हैं मुल्क में कितने नमक हराम ।।
स्वायत्तता के नाम वे पोष रहे आतंक ।
चैनल के इस कृत्य से लगा देश को डंक...
तीखी कलम से पर
Naveen Mani Tripathi
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"आपकी सहेली" की दूसरी सालगिरह
आज ही के दिन याने 3 मार्च 2014 को मेरी पहली ब्लॉग पोस्ट "ये इंडियन टाइम है!" प्रकाशित हुई थी। इसी दिन से इस ब्लॉग के माध्यम से देश-दुनिया में फैले आप जैसे सन्माननीय एवं सुधि साथियों के साथ जिवंत संपर्क का सिलसिला शुरू हुआ था। आपकी सहेली की हमेशा यही कोशिश रही कि ब्लॉग पर हमेशा नई जानकारियों के साथ आपके सामने कुछ नया और अच्छा रख सकूं...
आपकी सहेली पर Jyoti Dehliwal
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"गीत को भी जानिए"
हार में है छिपा जीत का आचरण।
सीखिए गीत से, गीत का व्याकरण।।
बात कहने से पहले, विचारो जरा,
मैल दर्पण का अपने, उतारो जरा,
तन सँवारो जरा, मन निखारो जरा,
आइने में स्वयं को, निहारो जरा,
दर्प का सब, हटा दीजिए आवरण।
सीखिए गीत से, गीत का व्याकरण...
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