मित्रों!
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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‘स्मृति उपवन’
पठनीय और संग्रहणीय भी
(राधातिवारी ‘राधेगोपाल’)
संस्मरणों के संग्रह ‘स्मृति उपवन’ के पुस्तकाकार करने हेतु बधाई और शुभकामनाएँ स्वीकार करें। आपके संस्मरणों को पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ और मैं भाग्यशाली हूँ कि आपके इस संग्रह के विषय में अपने विचार दे रही हूँ। आपकी रचनाएँ पढ़ने का मौका मिलता रहता है और आशा करती हूँ कि भविष्य में भी आपकी रचनाएँ पढ़ने को मिलती रहेंगी।
इसी क्रम में आपकी काव्य रचनाओं से सुशोभित आपके काव्य संग्रह ध्ररा के रंग, रूप की धूप, हँसता गाता बचपन, कदम कदम पर घास, नन्हे सुमन और आपके द्वारा प्रकाशित प्रथम कविता संग्रह सुख का सूरज पढ़ने का मौका मिला। कई वर्षों से आपके सान्निध्य में रहकर आपकी काव्य के प्रति रुचि को देखा पर आज आपके संस्मरणों को पढ़कर तो मेरा मन गद-गद हो गया...
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बाल कविता
"बारिश "
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
टपक रहा है टपटप पानी याद आ रही मुझको नानी गरमा गरम पकोड़े लाती हमें प्यार से सदा खिलाती...
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मेरी आदतों में शुमार हो गया है, ये आँसू पीना
अब मुश्किल नहीं लगता मुझको घुट-घुटकर जीना
मेरी आदतों में शुमार हो गया है, ये आँसू पीना ।
एक कसक और चंद हसीं यादें मेरे पास छोड़कर
देखते-देखते हाथों से निकल गया वक़्त ज़रीना...
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न जाने क्यों ---
न जाने क्यों ,
बारिश का मौसम है , पर बरखा नहीं होती !
सावन का महीना है , वो काली घटा नहीं होती।
न जाने क्यों ,
आंधियां चलती हैं पर , अब पुरवाई नहीं चलती,
मौसम बदलता है पर , अब तबियत नहीं मचलती...
अंतर्मंथन पर
डॉ टी एस दराल
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मौत नहीं पर
कुछ तो
अपने वश में होता ही है
...मानवीय आधार पर इन मासूमों को थोड़ा-थोड़ा सहारा देने के लिए आगे बढ़ें, आपका एक छोटे से छोटा सहयोग भी इन्हें इनके भविष्य गढ़ने में मददगार साबित होगा, जीने का आधार बनकर इन्हें संबल प्रदान करेगा,...
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शुक्रवार की चर्चा आज गुरुवार को
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा
आभार
सादर
श्रेष्ठ चर्चा मंच सभी संकलित रचनाएं उत्तम
जवाब देंहटाएंसादर आभार
चर्चा में मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु बहुत-बहुत आभार!
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