फ़ॉलोअर



यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, जुलाई 27, 2018

"कौन सुखी परिवार" (चर्चा अंक-3045)

मित्रों! 
शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक। 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

--
--
--
--
--
--

किस्से 


प्यार पर Rewa tibrewal  
--

ग़ज़ल -  

सरिता कोहिनूर 

देश के उपकार पर अभिसार होना चाहिए  
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए  
कौन कहता है,यहाँ है देश भक्तों की कमी  
देखने वाली ऩज़र में धार होना चाहिए... 
--
--
--
--

बोली जब बचकानी हो 

यादें भले पुरानी हो नूतन रोज कहानी हो  
देवराज कोई होगा इक परियों की रानी हो... 
मनोरमा पर श्यामल सुमन 
--

एक ग़ज़ल 

वो सभी किस्से कहानी और है ये बुढ़ापा की जवानी और है |  
१ मौज मस्ती की जवानी और है सादगी की जिंदगानी और है | 
२ तारिकाएं खूब हैं संसार में वो सितारे आसमानी और हैं... 
कालीपद "प्रसाद" 
--
--
--
--
--

8 टिप्‍पणियां:


  1. खिले फूल को देखकर ,हमको मिले सुकून।

    तीन चीज नुकसान दे ,मैदा चीनी नून।।
    जितनी भी सफ़ेद चीज़ें हैं :

    सफेद चावल ,मैदा ,चीनी (परिष्कृत वाइट सुगर ),

    सेहत के लिए नहीं मुफीद

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन विचारमंथन हमारे वक्त की नव्ज़ पे जैसे हाथ रखा गया है अनजाने ही इस लेख में।

    --
    स्‍वयं ही साधना होगा अपने गुरूत्‍व को

    जवाब देंहटाएं


  3. एक दूसरे के लिए, रहो सदैव उदार।
    प्यार सुखी परिवार का, होता है आधार।।
    पूजन शिव परिवार का जीवन का आधार क्यों ?

    क्योंकि शिव के परिवार में परिवार का मुखिया सारा विष पी जाता है। सबकी सुनता है उसकी अपनी राय सबसे बाद में आती है। इस परिवार में मूषक राज हैं वाहन बने गणेश के निर्भय रहते सर्प से। मयूर है वाहन शिव जी के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय का जो यहां इस परिवार में सर्प को कुछ नहीं कहता हालांकि खाद्य श्रृंखला में मोर का भोजन सर्प तथा सर्प का मूषक (चूहा )है। शेरावाली का शेर (बाघ भी कहीं दुर्गा -पार्वती का वाहन दिखाया गया है )यहां शिव के वाहन नंदी को कुछ नहीं कहता। सब एक दूसरे की सुनते हैं परस्पर प्रेम है सद्भाव है। शिव सबकी सुनते हैं उनकी अपनी कोई मर्जी नहीं है वही सुखी परिवार हैं जहां मुखिया सबकी सुने। सबको बांधे रहे एक डोर से।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। आभार आदरणीय दिमाग बन्द 'ऊलूक' के प्रवचन को जगह देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी प्रस्तुति । चयनित रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" पर

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।