सुधि पाठकों!
आज 15 जुलाई,
2018 को अपराह्न् 2 बजे
से साहित्य शारदा मंच, खटीमा द्वारा ब्लॉग सभागार, खटीमा
(ऊधमसिंहनगर) में
समय-अपराह्न 2 बजे से पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें-
श्रीमती राधा तिवारी (राधेगोपाल) द्वारा रचित “सृजन कुंज” (काव्य संग्रह) एवं “जीवन का भूगोल” (दोहा संग्रह) का विमोचन तथा
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' के व्यक्तित्व-कृतित्व पर केन्द्रित विशेषांक राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका "ट्रू मीडिया" जुलाई - 2018 अंक का सैकड़ों नागरिकों के मध्य विमोचन किया गया।
जिसमें खटीमा के माननीय विधायक पुष्कर सिंह धामी, खटीमा फाइबर्स के सी.एम.डी. डॉ. आर सी रस्तोगी एवं श्री विजय नाथ शुक्ल उपजिलाधिकारी खटीमा मुख्य अभ्यागत थे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के महा सचिव डॉ. महेन्द्र प्रताप पांडेय ने किया।
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तत्पश्चात कवि गोष्ठी
जिसका प्रसारण ट्रू मीडिया द्वारा चैनल पर होगा।
विस्तृत विवरण कल तक प्रस्तुत किया जायेगा।
समय-अपराह्न 2 बजे से पुस्तक विमोचन एवं काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें-
श्रीमती राधा तिवारी (राधेगोपाल) द्वारा रचित “सृजन कुंज” (काव्य संग्रह) एवं “जीवन का भूगोल” (दोहा संग्रह) का विमोचन तथा
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' के व्यक्तित्व-कृतित्व पर केन्द्रित विशेषांक राष्ट्रीय हिंदी मासिक पत्रिका "ट्रू मीडिया" जुलाई - 2018 अंक का सैकड़ों नागरिकों के मध्य विमोचन किया गया।
जिसमें खटीमा के माननीय विधायक पुष्कर सिंह धामी, खटीमा फाइबर्स के सी.एम.डी. डॉ. आर सी रस्तोगी एवं श्री विजय नाथ शुक्ल उपजिलाधिकारी खटीमा मुख्य अभ्यागत थे। कार्यक्रम का संचालन संस्था के महा सचिव डॉ. महेन्द्र प्रताप पांडेय ने किया।
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तत्पश्चात कवि गोष्ठी
जिसका प्रसारण ट्रू मीडिया द्वारा चैनल पर होगा।
विस्तृत विवरण कल तक प्रस्तुत किया जायेगा।
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बाल कविता
"बच्चों का मन होता सच्चा"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
सीधा-सादा. भोला-भाला।
बच्चों का संसार निराला।।
बचपन सबसे होता अच्छा।
बच्चों का मन होता सच्चा...
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हिटलर के ताबूत में
आखिरी कील यहीं ठुकी थी
*‘बर्लिन से बब्बू को’ - चौथा पत्र: छठवाँ हिस्सा* यों तो हमारा हर क्षण महत्वपूर्ण कामों में बीता, पर इस सप्ताह में सबसे अधिक महत्वपूर्ण दिन मुझे वह लगा, जब हम श्रीमती रुथ की व्यवस्था में पोत्सडम देखने गये। यह वह शहर है जहाँ सन 1945 में महत्वपूर्ण चर्चा, जर्मनी के भाग्य को लेकर हुई थी। जर्मनी का बँटवारा इसी शहर में तय हुआ। इंगलैण्ड, फ्रांस, रूस और अमेरिका ने इसी शहर में बैठकर हिटलर के सपनों का अन्तिम संस्कार किया।
नाजीवाद और फासिस्टवाद की शव पेटिका पर मजबूत कीलें इसी शहर में ठोकी गई...
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी
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शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
पुस्तक विमोचन की बधाई हो राधा तिवारी जी।
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएं विमोचन पर। सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंपुस्तक विमोचन की बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबधाई राधाजी.
जवाब देंहटाएंरोचक चर्चा. पीली स्कूल बस से जुड़ी अच्छी जानकारी.
एसेंस मन में बस गया.
कार्टून ने हंसाया.
और रचनाएँ पढना बाकी है.
हमको भी जगह मिली.धन्यवाद.
मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएं