सुधि पाठकों!
बुधवार की चर्चा में
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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कुछ तो जिन्दा सवाल रक्खा है
गीत, गजलों को पाल रक्खा है
जिसमें दिल को निकाल रक्खा है
किसी के दिल में वो उतरता जो
आँखों में आँख डाल रक्खा है...
मनोरमा पर श्यामल सुमन
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'मैं'
देह स्थूल जंगम नश्वर 'मैं',
रहा पसरता अहंकार में.
सूक्ष्म आत्मा तू प्रेयसी सी,
स्थावर थी, निर्विचार से.
तत्व पञ्च प्रपंच देह 'मैं...
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----- ॥ दोहा-पद २० ॥ -----
----- || राग -मेघमल्हार || -----
आई रे बरखा पवन हिंडोरे,
छनिक छटा दै घट लग घूँघट स्याम घना पट खोरे |
छुद्र घंटिका कटि तट सोहे लाल ललामि हिलोरे...
NEET-NEET पर
Neetu Singhal
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अभिवादन हमारी संस्कृति हमारी परंपरा
रोज सुबह घूमने निकलता हूँ तो कई जाने जाने पहचाने चेहरे रोज ही दिखते हैं, पर कुछ ही लोग गुड मॉर्निंग कह कर अभिवादन करते हैं। हमारी परंपरा रही है कि सुबह हम लोग जय श्री कृष्णा करते थे, जय श्रीराम कहा करते थे। हमें हमारी परंपरा को भूलना नहीं चाहिये... स
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ख्याल
हर वख्त ख्यालों में रहते हो
किसी स्वप्न की तरह
आँखों में समाए रहते हो
किसी सीधे वार की तरह
कभी भूल कर न पूछा कि
मेरी भी कोई इच्छा है...
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लेखक वहीं क्यों खड़ा है!
रोजमर्रा की जिन्दगी को जीना ही जीवन है और रोजमर्रा की जिन्दगी को लिखना ही लेखन है। रोज नया सूरज उगता है, रोज नया जीवन खिलता है, रोज नयी कहानी बनती है और रोज नयी विपदा आती है। पहले की कहानी में छोटा सा राज्य भी खुद को राष्ट्र कहता था लेकिन आज विशाल साम्राज्य भी राष्ट्र की श्रेणी में नहीं आते। दुनिया कभी विविधताओं से भरी विशाल समुद्र दिखायी देती है तो कभी एक सी सोच को विकसित करता छोटा सा गाँव...
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दरवाज़े की ओट
रोज़ जब तुम ऑफिस के लिए निकलते हो
तो मैं दरवाज़े की ओट में खड़ी हो जाती हूँ
कहती कुछ नहीं तुमसे
पर मन ही मन तुम्हारी सेहत
तुम्हारी सलामती की दुआ मांगती हूँ ...
शुभ प्रभात
जवाब देंहटाएंआभर
सादर
बहुत सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार।
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंआदरणीया राधा जी आपको पुस्तकों के प्रकाशित होने पर असीम बधाईयाँ और अनंत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंआज का संकलन सुंदर है।
सादर।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर
जवाब देंहटाएंhttps://chuwaexpress.blogspot.com/2018/05/blog-post_4.html?m=1
अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंhttps://chuwaexpress.blogspot.com/2018/05/blog-post_4.html?m=1
आफ्त्नीय राधा जी -- सादर आभार आपने मेरी रचना चर्चा मंच की शोभा बनाया | औए स्वाति बिटिया का प्रखर भाषण बहुत ही भावपूर्ण लगा | बहुत सी बातें जानी आपके बारे में | एक बेटी के मुंह से माँ के लिए इन भावनाओं को नमन और बस नमन |आपको हार्दिक शुभकामनायें | बिरिया को भी बहुत प्यार इस ओजस्वी स्पीच के लिए |
जवाब देंहटाएंआपकी पुस्तकों के लिए हार्दिक कामनाएं |
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