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गुरुवार, अप्रैल 18, 2019

"कवच की समीक्षा" (चर्चा अंक-3309)

मित्रों!
बृहस्पतिवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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समीक्षा-  

'कवच'  

वर्तमान परिवेश के धरातल पर रची गई काल्पनिक सत्य है 'कवच'
मानव का परिपक्व मन समाज की, परिवार की हर छोटी-बड़ी घटना से प्रभावित होता है और एक साहित्यकार तो हर शय में कहानी ढूँढ़ लेता है। आम व्यक्ति जिस बात या घटना को दैनिक प्रक्रिया में होने वाली मात्र एक साधारण घटना मान कर अनदेखा कर देते हैं या बहुत ही सामान्य प्रतिक्रिया देकर अपने मानस-पटल से विस्मृत कर देते हैं, उसी घटना की वेदना या रस को एक साहित्यिक हृदय बेहद संवेदनशीलता से महसूस करता है और फिर उसे जब वह शिल्प सौंदर्य के साथ कलमबद्ध करता है तो वही लोगों के लिए प्रेरक और संदेशप्रद कहानी बन जाती है। एक कहानीकार की कहानी कोरी काल्पनिक होते हुए भी अपने भीतर सच्चाई छिपाए रहती है, वह एक संदेश को लोगों के समक्ष रोचकता के साथ प्रकट करती है और चिंतन को विवश करती है... 

ANTARDHWANI 

रुहानी बातें-पुरानी बातें 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
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हिमाचल में आठ दिन  

भाग --5 

Yeh Mera Jahaan पर 
गिरिजा कुलश्रेष्ठ  
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9 टिप्‍पणियां:


  1. जी बहुत बहुत आभार आपका शस्त्री सर।
    मेरी यह रचना , मेरे मन का भाव है, एक पीड़ा है,एक जिज्ञासा भी है।
    प्रश्न कुछ लोगों को कड़ुवा भी लग रहा है, फिर भी हिन्दू धर्म इस संदर्भ में क्या कहता है, मार्ग दर्शन की अभिलाषा भी है।
    मैं मांसाहार दो कारणों से पसंद नहीं करता एक तो अनावश्यक पशु वध। जबकि क्षुधा पूर्ति के लिये विकल्प है।
    दूसरा बड़ा कारण चौरासी लाख योनिया हैंं। कर्म के अनुसार हमारे पूर्वज भी यदि इनमें भटक रहे होंगे।
    कहीं बकरे, मुर्गे और मछली के रुप में अपने इन पूर्वजों की हत्या का निमित्त न बन जाऊँ और इनका मांस ग्रहण कर महापाप न कर बैठूँ।
    समाधान चाहता हूँ।
    प्रणाम।

    जवाब देंहटाएं
  2. "कवच" पुस्तक के रचनाकार व समीक्षक दोनो ही बधाई के पात्र,हैं । इसे पूरा पढने की जिज्ञासा अब प्रबल हो उठी है। आपके सफ़लता की कामना है। पुनः बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  3. सुप्रभात
    उम्दा संकलन
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. कल ही डाक से प्राप्त हुई है "कवच"। अभी पढ़नी है। बधाई । सुन्दर चर्चा।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर चर्चा
    चर्चा के शीर्षक के लिए हार्दिक धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  7. कल ही डाक से प्राप्त हुई है "कवच"। अभी पढ़नी है। बधाई । सुन्दर चर्चा। old gold earrings design , head pieces for races , jewelry boxes wholesale , faux fur scarf

    जवाब देंहटाएं

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