मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
--
--
‘उलूक’ हर दिन
अपने आईने में देखता है
चेहरे पर लिखा
अप्रैल फूल होता है
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
--
--
--
--
--
Court martial:
क्या है और कैसे होता है,
जिसका सामना कर रहे हैं
मेजर गागोई
अब छोड़ो भी पर
Alaknanda Singh
--
--
--
अप्रैल फूल
छत्तीसगढ़ निवासी, देश के प्रतिष्ठित व्यंग्यकार श्री वीरेंद्र सरल के सानिध्य से अनायास खिला एक फूल - “अप्रैल फूल” एक अप्रैल को रेडियो सिलोन से एक गीत प्रसारित होता था - एप्रिल फूल बनाया,तुमको गुस्सा आयातो मेरा क्या कसूर, जमाने का कसूरजिसने दस्तूर बनाया….. इस गीत को सुनने से तीन प्रकार का ज्ञान मिलता है। पहला यह कि अप्रैल फूल “बनाया” जाता है। ये अलग बात है कि कैसे बनाया जाता है इसकी रेसिपी इस गीत से पता नहीं चलती। दूसरा यह कि यह फूल गुस्सा पैदा करता है। इस फूल का बायोलॉजिकल नाम पता नहीं चल पाने के कारण गुण-धर्म भी खोजे नहीं जा सके हैं। तीसरा और महत्वपूर्ण ज्ञान यह कि कोई न कोई इस दस्तूर का जन्मदाता है जो कसूरवार है...
--
--
शर्ट के टूटे बटन में रह गए ...
प्रेम के कुछ दाग तन में रह गए
इसलिए हम अंजुमन में रह गए
सब तो डूबे चुस्कियों में और हम
नर्म सी तेरी छुवन में रह गए...
दिगंबर नासवा
--
--
--
--
सफेद बैंगन
Anita
--
मूर्ख दिवस पर --
समझदारी की बातें
Jyoti Khare
--
सेवा धर्म निभायेगा जो
*चुनावों* का मौसम है, सभी दल अपनी अपनी उपलब्धियों को गिना रहे हैं और तरह-तरह के वायदों से मतदाताओं को लुभाने का प्रयत्न कर रहे हैं. पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने के बाद यदि कोई नेता अपने क्षेत्र में पुनः वोट मांगने जाता है तो उसका काम ही यह तय करता है, वह इस बार जीतेगा या नहीं...
Anita
--
--
बिकाऊ -
अज्ञेय
खोयी आँखें लौटीं:
धरी मिट्टी का लोंदा
रचने लगा कुम्हार खिलौने।
मूर्ति पहली यह...
धरी मिट्टी का लोंदा
रचने लगा कुम्हार खिलौने।
मूर्ति पहली यह...
काव्य-धरा पर
रवीन्द्र भारद्वाज
--
--
--
बहुत सुंदर मंच, सभी को प्रणाम
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को 'चर्चा' मंच में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तृत चर्चा सूत्र ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
सुन्दर चर्चा प्रस्तुति। आभार आदरणीय अंतरराष्ट्रीय उलूक दिवस पर उलूक की बकबक को चर्चा में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात आदरणीय 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति |शानदार रचनाएँ
सादर
आभार..
जवाब देंहटाएंसादर नमन..
बहुत खूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएंबेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएं
वाह बहुत सुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर