मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
हर बार हारा मैं,
हर बार हाथ आई बेबसी
dilbag virk
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झरोखा
गूँगी गुड़िया पर
Anita saini
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हाँ , मैंने देखा
श्रवण कुमार
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मुक्त ग़ज़ल : 274 -
सिर पे आफ़्ताब
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हिमाचल में सात दिन --
अन्तिम भाग --
यादों के उजाले
गिरिजा कुलश्रेष्ठ
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प्यार
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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चुगली कहूँ........
ज़हीर अली सिद्दीक़ी
मेरी धरोहर पर
yashoda Agrawal
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लघुकथा वीडियो |
अन्धो मे काना राजा |
कवि घनश्याम अग्रवाल
Chandresh
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गालियों की वापसी ....
जज़्बात पर M VERMA
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लघुकथा :
परिवर्तन
झरोख़ा पर
निवेदिता श्रीवास्तव
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स्नेह-निर्झर बह गया है -
सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"
काव्य-धरा पर
रवीन्द्र भारद्वाज
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मेरी निगाह में रहता है वो ज़माने से ...
कभी वो भूल से आए कभी बहाने से
मुझे तो फर्क पड़ा बस किसी के आने से
नहीं ये काम करेगा कभी उठाने से
ये सो रहा है अभी तक किसी बहाने से...
दिगंबर नासवा
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धरती के प्रति कब बढ़ेगी
हमारी सजगता ?
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हां ,
मैं पप्पू ,
मैं लतीफ़ा गांधी !
पंडित जवाहरलाल नेहरु ने क्या शानदार किताब लिखी है डिसकवरी आफ़ इंडिया। जिस ने नहीं पढ़ी , उसे खोज कर पढ़ना चाहिए। श्याम बेनेगल ने भारत एक खोज नाम से शानदार सीरियल भी बनाया है , इस किताब के आधार पर। पंडित नेहरु अमीर बाप के बेटे भले थे पर ज़मीन से जुड़े व्यक्ति थे। उन के पितामह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे ब्रिटिश गवर्नमेंट में। कोई कहता है चपरासी थे , कोई चौकीदार बताता है । लोहिया चपरासी बताते थे...
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अपने इतिहास को
जानना भी जरुरी है
कुछ अलग सा पर
गगन शर्मा
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खिलखिलाते हुए बचपन का
जवाब देंहटाएंया कहुँ मायूस बुढ़ापे का सहारा
ठुकराया जिसे ज़माने ने
उसे झरोखे ने पुकारा
बहुत सुंदर मंच और इस पर मुझे भी स्थान देने के लिये बहुत आभार शास्त्री सर, प्रणाम।
आज के इस झरोखे से मेरे प्यार को भी झांकने हेतु साधुवाद आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात आदरणीय 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार
सादर
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति सुंदर संकलित लिंक ।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई।
बहुत खूबसूरत चर्चा
जवाब देंहटाएंसुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं
सराहनीय लिंकन्स । ब्लॉगिंग और ब्लॉगरों को आप निरन्तर प्रोत्साहित कर रहे हैं । विगत लगभग एक दशक से आप इस दिशा में जुनून की हद तक लगातार काफी मेहनत कर रहे हैं । चर्चा अंक के लिए ब्लॉग्स को पढ़ना ,फिर उनके लिंक्स संकलित कर प्रस्तुत करना वास्तव में हिन्दी जगत की बहुत बड़ी सेवा है ।इसके लिए आप निश्चित रूप से साधुवाद के पात्र हैं ।
जवाब देंहटाएंआपका चयन सदैव सराहनीय रहता है। आपने मेरी ग़ज़ल को अपनी चर्चा में शामिल किया, यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता ककी बात है।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार 🙏
आत्मिक आभार!!मेरी रचना चुगली कहूँ ....को चर्चा में शामिल करने के लिए
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