शुक्रवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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मैं धर्म हूँ
मैं धर्म हूँ
शाश्वत पदार्थ में सार्वभौमिक मानव धर्म सार्वभौमिकता हुआ न कभी बदलाव मुझ में फ़िर भी तलाश रहा हूँ अपना अस्तित्व ख़ोज रहा हूँ पहचान अपनी धारण किया मैंने कर्म को ...
गूँगी गुड़िया पर
Anita saini
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आज का मुक्तक
टर्र - टर्र मेढ़क खूब टर्राएं
कुत्ते भी खूब भौकत जाएं
मौसमवा है खूब निरालो रे
सब हीं अपनों रंग दिखाए...
आवाज पर Akib javed
ठूंठ पेड़ से क्या मांगे
बरगद जैसे फैले बरसों जीते
चन्दन रहते और विष पीते --
मौसम गहनों जैसा करता मक्कारी
पूरे जंगल की बनी परसी तरकारी
नंगे मन का भेष धरें जीवन जीते...
Jyoti khare
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देख कोशिशें हमारी, दूरियाँ मिटाने की
इश्क़ की राहों पर क़िस्मत आज़माने की
बुरा क्या है, गर चाहत है तुझे पाने की।
फ़ासिले कितने हैं दरम्यां, ये न देख
देख कोशिशें हमारी, दूरियाँ मिटाने की...
dilbag virk
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गाजियाबाद को छोड़ अपने उत्तर प्रदेश में प्रथम चरण में मतदान 60 प्रतिशत से ऊपर रहा। औसत 63℅ तक.
जवाब देंहटाएंलेकिन , यह प्रयाप्त नहीं है। प्रयास हो कि सहारनपुर की तरह ही हर सीट पर 70 % मतदान हो। इसमें प्रबुद्ध वर्ग की भी भूमिका है। आज के चर्चा मंच का शीर्षक भी यही है।
मज़हब पर मेरी रचना को प्रमुखता देने के लिये शास्त्री सर आपको धन्यवाद, प्रणाम।
सुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंसुंदर संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर