मित्रों!
गुरुवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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बन्द कर ले दिमाग अपना,
एक दिमाग करोड़ों लगाम
सपना खूबसूरती से भरा है,
किस बात की देरी है
उलूक टाइम्स पर
सुशील कुमार जोशी
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क्या मानव की साख
आँखों में अंगार है, सीने में भी दर्द
कुंठित मन के रोग हैं, आतंकी नामर्द...
sapne(सपने) पर
shashi purwa
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मैं चंदा तू मेरी चकोरी
( राधा तिवारी "राधेगोपाल " )
राधे की बिंदी और पायल।
कान्हा को करती है घायल।।
क्यों इनको तुम झनकाती हो।
मंद मंद क्यों मुस्कुराती हो।।
तेरी मेरी प्रीत पुरानी ।
कभी ना कहना इसे कहानी...
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बहुत सुंदर चर्चा। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' की बकबक को जगह देने के लिये।
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