मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।
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रात अभी बाकी हैं,
कोई सितारा टिमटिमाया हैं..
दर्द में डूब कर कुछ करार आया हैं,
जुबां पर सच पहली बार आया हैं...
मंज़िले अभी दूर हैं करवा बढ़ता रहे,
बिजलिया गिरी नही,बस अंधेरा सा छाया हैं...
dr.zafar
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किसी के दर्द में तो यूँ ही छलक लेता हूँ ...
हज़ार काम उफ़ ये सोच के थक लेता हूँ
में बिन पिए जनाब रोज़ बहक लेता हूँ
ये फूल पत्ते बादलों में तेरी सूरत है
वहम न हो मेरा में पलकें झपक लेता हूँ...
दिगंबर नासवा
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मालिक को ख़ुश करने के लिए
किसी भी सीमा तक जाने वाला
मानवीय दिमाग़ और... -
गीत चतुर्वेदी
काव्य-धरा पर
रवीन्द्र भारद्वाज
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तीनों गुणों के पार हुआ जो
*चित्त* सत्व, रज व तम से बना है,
जड़ है. चित्त में ज्ञान, क्रिया और स्थिरता तीनों हैं.
सत्व से ज्ञान होता है, रज से प्रवृत्ति होती है
तथा तम से स्थिति होती है....
Anita
विभिन्न सामग्रियों का संगम,सुंदर रचनाओं से सजा मंच। पथिक की अनुभूतियों को स्थान देने के आभार शास्त्री सर।
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमतदान हर व्यस्क नागरिक का कर्त्तव्य है जिससे उसके अधिकारों की रक्षा होती है, सुंदर सूत्रों से सजा चर्चा मंच.आभार !
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन ... अच्छी चर्चा
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को "चर्चा मंच" में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा
जवाब देंहटाएंसुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचनाएँ
सादर
बेहतरीन अंक
जवाब देंहटाएंउम्दा पेशकश
बहुत ही कमाल का पूछते हैं आप हमारे वेबसाइट में भी आकर ऐसे पोस्ट पढ़ सकते हैं
जवाब देंहटाएंhttps://www.todaythinking.com/
सहृदय आभार सखी,मेरी रचना को स्थान देने के लिए,चर्चामंच में अपनी रचना पाकर हृदय से अभिभूत हूं।सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🌷
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद सर
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