स्नेहिल अभिवादन
शनिवारीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
स्नेहिल अभिवादन
शनिवारीय चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
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दोहे
"बलशाली-हनुमान"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ' मयंक')
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समालोचन
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बन करसमंदर देखते हैं
मैं समाना चाहती हूँ
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झील के किनारे
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खुशियों वाली घड़ी
ज़िंदगी में कई बार होता है ऐसा
कि गुजरते वक्त का पल-पल यूँ लगता है
कि गुजरते वक्त का पल-पल यूँ लगता है
टल क्यों
नहीं जाता या रेत सा
हाथों से फिसल क्यों नहीं जाता
हाथों से फिसल क्यों नहीं जाता
ठीक ऐसे ही पलों के बीच आ
जाए
खुशी का एक लम्हा अगर तो लगता है
खुशी का एक लम्हा अगर तो लगता है
ये लम्हा मुट्ठी में भर लो इससे पहले
कि इसका इरादा बदल न जाए
कि इसका इरादा बदल न जाए
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कविता : पता है मुझे
अनसुलझा हुआ सा हूँ थोड़ा सुलझा दो मुझे भी
कंही खोया हुआ सा हूँ खुद से मिला दो मुझे भी ..
नही मिला पाओगे मुझे मुझमे ही डूब जाओगे हा पता है मुझे….
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सागर में इक लहर उठी
*जैसे* मानव देह में मस्तिष्क का मुख्य स्थान है
, वैसे ही एक देश में संसद का.
मस्तिष्क यानि बुद्धि,
जिस प्रकार का ज्ञान बुद्धि में होगा,
वैसा ही निर्देश कर्मेन्द्रियों व ज्ञानेन्द्रियों को मिलेगा.
वैसा ही निर्देश कर्मेन्द्रियों व ज्ञानेन्द्रियों को मिलेगा.
यदि बुद्धि सात्विक होगी तो
आहार-विहार भी सात्विक होगा,
आहार-विहार भी सात्विक होगा,
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रिश्तों की चाय
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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अमिया के टिकोरे सी तुम
Sudhinama पर
Sadhana Vaid
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एक ग़ज़ल :
कहाँ आवाज़ होती है--
कहाँ आवाज़ होती है कभी जब टूटता है दिल
अरे ! रोता है क्य़ूँ प्यारे ! मुहब्बत का यही हासिल ...
आपका ब्लॉग पर
आनन्द पाठक
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बहुत सुंदर रचनाओं से सजा सराहनीय संकलन प्रिय अनीता..मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को चर्चा मंच पर
जवाब देंहटाएंस्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार अनिता जी
मेरी रचना के शीर्षक सा प्रारंभ होते इस अंक में, मैं शीर्षक पर प्रस्तुतकर्त्ता की टिप्पणी ढूढता ही रह गया।
जवाब देंहटाएंफिर भी, इस अंक के सफलता की शुभकामनाएं स्वीकार करें ।
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार अनीता जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा
जवाब देंहटाएंRealy रिश्तों की चाय.
जवाब देंहटाएंAmazing Poetry and quote post