स्नेहिल अभिवादन
रविवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
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दोपहर बनकर अक्सर न आया करो
हिन्दी-आभा*भारत (http://www.hindi-abhabharat.com)
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गाहे-बगाहे
कविता "जीवन कलश"
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३८३. बोलो
कविताएँ
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दोपहर बनकर अक्सर न आया करो
हिन्दी-आभा*भारत (http://www.hindi-abhabharat.com)
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गाहे-बगाहे
कविता "जीवन कलश"
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३८३. बोलो
कविताएँ
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जरूरी सूचना
मित्रों..!
नहीं हमेशा फूलता, चोरी का व्यापार।
चोरी के बल पर नहीं, होता बेड़ा पार।।…
कभी न कभी तो चोरी पकड़ी ही जाती है
नवनीत चौधरी विदेह के नाम का व्यक्ति कभी भी किसी का काव्य या उसकी प्रमुख लाइन चुरा सकता है
इससे सावधान रहें। आज ही
इसने मेरी लाइन चुरा कर यह पोस्ट लगाई है
"ओस चाटने से कभी , बुझी कंठ की प्यास |"
...दोहा पूरा करें…
०५/१०/२०१९
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मेरा मूल दोहा यह है- "ओस चाटने से बुझे, नहीं किसी की प्यास।
जीव-जन्तुओं के लिए, जल जीवन की आस।।"
जो मेरे निम्न दोहा गीत में भी आया है।
गुरुवार, 9 अक्तूबर 2014
"दोहागीत-जीवन ललित-ललाम" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
उपासना में वासना, मुख में है हरिनाम।
सत्संगों की आड़ में, होते गन्दे काम।।
कामी. क्रोधी-लालची, करते कारोबार।
राम नाम की आड़ में, दौलत का व्यापार।।
उपवन के माली स्वयं, कली मसलते आज।
आशाएँ धूमिल हुईं, कुंठित हुआ समाज।।
गुरूकुलों के नाम को, कर डाला बदनाम।
सत्संगों की आड़ में, होते गन्दे काम।१।
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समय-समय की बात है, समय-समय के रंग।
जग में होते समय के, बहुत निराले ढंग।।
पल-पल में है बदलता, सरल कभी है वक्र।
रुकता-थकता है नहीं, कभी समय का चक्र।।
जीवन के इस खेल में, मत करना विश्राम।
सत्संगों की आड़ में, होते गन्दे काम।२।
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वृक्ष बचाते धरा को, देते सुखद समीर।
लहराते जब पेड़ हैं, घन बरसाते नीर।।
समय भोग का चल रहा, नहीं योग का काल।
मानवता का “रूप” तो, हुआ बहुत विकराल।।
माँ-बहनों की लाज का, लोग लगाते दाम।
सत्संगों की आड़ में, होते गन्दे काम।३।
उपयोगी लिंकों के साथ व्यवस्थित चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार अनीता सैनी जी।
जवाब देंहटाएंRavindra Singh Yadav वाह ! बहुत सुंदर प्रस्तुति.
चर्चा मंच आज भारत के लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर 'ब्लॉग सेतु' पर प्रथम स्थान पर है. चर्चा मंच के सभी चर्चाकारों और आदरणीय शास्त्री जी के साहित्यिक सेवा के प्रति समर्पण को नमन. ढेरों बधाइयाँ...
शुभकामनाएँ.
आज की प्रस्तुति में चयनित रचनाएँ बेहतरीन हैं सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
मेरी रचना को चर्चा मंच पर सजाने के लिये सादर आभार अनीता जी.
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फेसबुक पर आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी की टिप्पणी के लिए आभार व्यक्त करता हूँ
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Roop Chandra Shastri सब आपके योगदान का ही तो प्रतिफल है।
सादर नमन सर.
हटाएंयह उपलब्धि ख़ुशी देनेवाली है.
वाह ! बहुत सुंदर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच आज भारत के लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर 'ब्लॉग सेतु' पर प्रथम स्थान पर है. चर्चा मंच के सभी चर्चाकारों और आदरणीय शास्त्री जी के साहित्यिक सेवा के प्रति समर्पण को नमन. ढेरों बधाइयाँ...
शुभकामनाएँ.
आज की प्रस्तुति में चयनित रचनाएँ बेहतरीन हैं सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ.
मेरी रचना को चर्चा मंच पर सजाने के लिये सादर आभार अनीता जी.
सुन्दर प्रस्तुति. मेरी कविता शामिल की. आभार.
जवाब देंहटाएंबधाई और शुभकामनाएं चर्चामंच को ब्लॉगसेतु में प्रथम पायदान छूने के लिये। सुन्दर चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता जी
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति,मेरी लेख को चर्चामंच में स्थान देने के लिए सहृदय धन्यवाद अनीता जी
जवाब देंहटाएंआज तो लिंक्स की बहार छा गई है। बहुत बहुत बधाई। मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए आभार। विजयादशमी की बधाइयाँ।
जवाब देंहटाएंशानदार चर्चा अंक बहुत सुंदर लिंक संयोजन सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं बहुत सुंदर।
सभी रचनाकारों को बधाई।