स्नेहिल अभिवादन
शनिवार की चर्चा में आप का हार्दिक स्वागत है|
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देखिये मेरी पसन्द की कुछ रचनाओं के लिंक |
- अनीता सैनी
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"बेटे ने सर्द रात में बाप को घर के बाहर सुला दिया "
संवेदनाशून्य होते समाज का यह सच
अब किसी आवरण में नहीं ढका है,
अंतर्मन आज सोच-सोचकर थका है,
अपनी ही लाश ढोता आदमी,
अपनी ही लाश ढोता आदमी,
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"रौलेट एक्ट का शताब्दी वर्ष"
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उलूक टाइम्स
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आज की प्रस्तुति का सफ़र यहीं तक
कल फिर मिलेंगे,
अपनी बहुमूल्य समीक्षा अवश्य दें 🙏 |
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आज की प्रस्तुति का सफ़र यहीं तक
कल फिर मिलेंगे,
अपनी बहुमूल्य समीक्षा अवश्य दें 🙏 |
अनीता सैनी की कलम से निकली स्तरीय चर्चा।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यावाद अनीता जी।
सुंदर और सराहनीय सूत्रों को पिरोया है अनु।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा संकलन,मेरी रचना शामिल करने हेतु हृदयतल से अति आभार।
इन्द्रधनुषी भावों से सजी खूबसूरत प्रस्तुति ।।
जवाब देंहटाएंआभार अनीता जी। लाजवाब अंक।
जवाब देंहटाएंवाह ! सुंदर प्रस्तुति अनीता जी।
जवाब देंहटाएंविषयों की विविधता पाठक को साहित्य के विभिन्न आयामों से अवगत कराती है और रचनाकार पाठक से जुडक़र बेहतर सृजन की ओर उन्मुख होता है।
चर्चा मंच रचनाकारों को एक मंच प्रदान करता है ताकि पाठकों से राब्ता स्थापित होने में उत्कृष्ट रचनाएँ सफल हो सकें। सृजन के लिये आजकल विषयों की कोई कमी नहीं किंतु कभी-कभी कुंठाओं को हथियार बनाकर उसे सृजन की संज्ञा देने की धृष्टता भी की जाती है जो अपना रास्ता तय नहीं कर पाती और औंधे मुँहकर अपने अंजाम तक पहुँच जाती है। रचना अर्थात निर्माण! जब हमारे पास बेहतर निर्माण का विकल्प हो तो शाब्दिक आडम्बर और कंटकाकीर्ण शब्दावली के प्रयोग का औचित्य मात्र लक्षित व्यक्ति कदापि न हो।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
मेरी रचना को चर्चा मंच पर प्रदर्शित करने के लिये आभार अनीता जी।
बहुत सुंदर अंक.
जवाब देंहटाएंअच्छे पाठक आजकल लुप्त प्रजाति है.
फिर भी चर्चा मंच का बेहतरीन प्रयास है.
आभार.
वाह बहुत ही सुंदर संकलन प्रस्तुत किया आपने अनीता जी मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद वर्तमान में कविताओं कहानियों की बाढ़ से फैली हुई है एक पाठक निश्चित नहीं कर पाता है कि वह कहां जाकर अपने लिए साहित्यक गोता लगा सके.. यह सारी चीजें एक पाठक वर्ग को असमंजस की स्थिति में ला खड़ा कर देती है और ऐसी परिस्थितियों में हमें अगर एक ऐसा मंच उपलब्ध हो जहां हम सारी चीजों से रूबरू हो सके तो यह हम जैसे पाठकों के लिए सोने पर सुहागा वाली बात होगी ऐसा ही महसूस अभी मुझे हो रहा है "सर गिरधारी राठी जी के बारे में मैंने सुना था परंतु आज उनसे इस चर्चा मंच में मुलाकात हुई उनकी रचना को मैं पढ़ रही हूं यह वाकई में अद्भुत अनुभूति है... कितनी विविध आयाम है उनकी रचनाओं में हमारे अन्य चयनित रचनाकार भी बधाई के पात्र हैं...! मुझे बेहद खुशी है कि दूसरी बार आप सबों ने मुझे चर्चामंच में आमंत्रित किया यहां आने के बाद मैंने महसूस क्या है कि एक मैं एक ऐसे पाठक वर्ग से मेरा परिचय हो रहा है ..जिसकी वाकई में एक लेखक या कवि को जरूरत होती है बहुत ही आनंद महसूस कर रही हूं कि बहुत सारे पाठक मित्रों ने मेरी रचना को पसंद किया ...एकबारगी और मैं चर्चा मंच में मेरी रचना को सम्मिलित किए जाने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रस्तुत करती हूं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन लिंक....और इन सब के बीच मुझे स्थान देने के लिये आपका ह्रदयतल से आभार 🙏
जवाब देंहटाएंविलम्ब से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ अनीता जी ! दो दोनों के लिए मुझे बाहर प्रवास पर जाना था इसलिए यथासमय उपस्थित नहीं हो सकी ! चर्चामंच की इतनी उत्कृष्ट प्रस्तुति में मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ! सप्रेम वन्दे !
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