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शनिवार, अक्टूबर 26, 2019

"आओ एक दीप जलाएं " ( चर्चा अंक - 3500 )

स्नेहिल अभिवादन। 
छोटी दिवाली / नरक चौदस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
चर्चा मंच का विशिष्ट अंक (3500 वां) प्रस्तुत करने का संयोगवश सौभाग्य मुझे मिला है।
 इस विशेष प्रस्तुति में आपका तह-ए-दिल से स्वागत और अभिनंदन!
आप सबकी सदेच्छाओं,स्नेह, आशीर्वाद और पढ़ने की ख़ास रूचि ने चर्चा मंच को यह ख़ुशियों से भरा अवसर उपलब्ध कराया है। 
आदरणीय शास्त्री जी 2009 से अब तक इस चर्चित ब्लॉग को अपने अथक साहित्यिक रूचि के श्रम से चर्चित बनाये हुए हैं। लंबे समय से आदरणीय दिलबाग जी की सेवाएँ भी चर्चा मंच को मिल रही हैं। पिछले कुछ महीनों से मुझे भी आपका स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है। अब चर्चा मंच को आदरणीय रवीन्द्र सिंह यादव जी ने अपनी विशिष्ट सोमवारीय प्रस्तुति (रचनाओं को समीक्षात्मक टिप्पणी के साथ पेश करना ) से और अधिक रोचक बना दिया है। साथ ही अब चर्चा मंच पर नवीनता और परिवर्तन की ख़ुशबू बिखेरने प्रिय अनीता लागुरी 'अनु' भी हमारे साथ जुड़ चुकी हैं। चर्चा मंच की पूरी टीम को उनके शानदार प्रदर्शन के लिये इस ख़ास मौक़े पर बधाई देती हूँ।  
आपके सहयोग एवं समर्थन से अब भारत के लोकप्रिय ब्लॉग एग्रीगेटर 'ब्लॉग सेतु' पर 'चर्चा मंच' को अव्वल रैंक हासिल है। चर्चा मंच पर रचनाकारों को पाठकों का सानिध्य तो मिलता ही है बल्कि उनकी रचना गूगल सर्च में प्रमुखता से उपलब्ध होने लगती है। 
चर्चा मंच अपनी नीतियों और उद्देश्यों के साथ आपकी रुचियों का सम्मान करते हुए साहित्य सेवा में अनवरत अपनी निष्ठा क़ाएम रखेगा। 
एक बार पुनः आप सबका सादर आभार हमें इस मक़ाम तक पहुँचाने के लिये। 
आइये अब मेरी पसंद की कुछ रचनाओं पर नज़र डालिए-  
तिमिर पर प्रकाश की,
अज्ञान पर ज्ञान की।
असत्य पर सत्य की
जीत को फिर दुहराएं
आओ एक दीप जलाएं।
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फूलों के गुलदस्ते भाएँ
खेल-खिलौने खूब लुभाएँ
आज रहे नहि कोई खाली
मिलकर सब मनाएँ दिवाली।।
मालती मिश्रा 'मयंती'✍️

आओ अब अतीत में झाँकें...  
आधुनिकता ने ज़मीर क्षत-विक्षत कर डाला है. 
 भौतिकता के प्रति यह कैसी अभेद्य निष्ठा 
 दर्पण पर धूल छतों पर  
मकड़ी के जाले कृत्रिम फूल-पत्तियों में  
जीवन के प्रवाह का अन्वेषण. 

हिन्दी-आभा*भारत  

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लघुकथा :उलझे तार

My Photo 

 झरोख़ा  

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अवधूत 

वो ना दु:ख से विचलित, इक पल,
ना ही सुख की चाहत, रखता इक पल,
हम तो पकड़े बैठे, पानी के बुलबुले,
फूटे जो, हाथों में आने से पहले,
देते भ्रम हमको, ये आते-जाते क्रम,
पर, इनसे परे, वो हम में ही कहीं!
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ज़िन्दगीनामा 

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तुम 


निग़ाहों के समंदर से,  मुझे इक जाम पिलाओ तुम,
नशे में जो कदम बहके, कदम से ताल मिलाओ तुम।
नज़र में डूबकर कर तेरी, ज़िगर बैचेन हो जाता,
बहुत बेताब हूँ जानम, जरा दिल से लगाओ तुम।
मुसाफ़िर...अल्फ़ाज़ों का 
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क्रोध आता नहीं , बुलाया जाता है 

क्या सचमुच क्रोध आता है.....? 
    मेरी नजर में तो नहीं 
    क्रोध आता नहीं 
   बुलाया जाता  
  सोच समझ कर 
 हाँ !  सोच समझ कर 
   किया जाता है गुस्सा 
 अपनी सीमा में रहकर…… 
 हाँ ! सीमा में  !!!! 
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सफ़र जीवन का.... 

सफ़र जीवन का यूँ अनवरत चलता रहा 
अंधेरों में मन के विश्वास दीप जलता रहा 
जख़्म छूकर पूछ बैठे चोट ये कैसे लगी? 
दर्द मन का बूँद बनकर आँख से गलता रहा 
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साहिल पे हैरान खड़ी हूँ मैं 

"हे  प्रभु" 
या तो मेरे हाथों को  
उन दो नन्हे हाथों सा  
मज़बूत कर दे 
या अब मेरी उम्मीदों को 
साहिल की रेत सा बेज़ान कर दे ! 
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..आ अब लौट चलें..!! 

My Photo
अरे मेरी मत सोच
  जमीन की पैदाइश हूं
इस माटी का रंग जानता हूं मैं
इन कपड़ों का क्या है…!
अनु की दुनिया : भावों का सफ़र
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आज का सफ़र यहीं तक 
 कल फिर मिलेंगे |
  अनीता सैनी

16 टिप्‍पणियां:

  1. आज...
    अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
    दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌।
    सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
    रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥
    राम भक्त हनुमान जी के मंदिरों में भक्तों की भीड़ ब्रह्ममुहूर्त से ही उमड़ी है। उनका जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। युवाओं को व्यायाम और ब्रह्मचर्य की ओर अग्रसर करने के लिए गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने काल में काशी सहित अन्य स्थानों पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापना का व्यामशाला का निर्माण करवाया था । मुझे भी अपने घर के सामने स्थित व्यामशाला की याद आ रही है । आज यदि मैं वहाँँ होता तो निश्चित ही हनुमान जी की जयंती में सम्मिलित होता।
    सभी को छोटी दीपावली एवं नरक चतुर्दशी की शुभकामनाएँँ। अनिता बहन ने बहुत ही सुंदर प्रस्तुति और चर्चामंच की स्थापना की जानकारी हमलोगों लोगों को दी है । रविंद्र जी ने जिस तरह से इसे सोमवार को सजाना शुरू किया है और अनु जी की टिप्पणियों ने इसे रोचकता प्रदान की है। इससे लगता है कि यह सर्वश्रेष्ठ निष्पक्ष मंच आगामी दिनों में और भी प्रतिष्ठा को प्राप्त होगा और हम सभी की रचनाओं को यहाँँ सम्मान मिलता रहेगा।
    पुनः शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
    सभी पाठकों को दीपावली के पंच पर्वों की
    हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
    आप सब सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहें।
    --
    आपका आभार अनीता सैनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन और खूबसूरत प्रस्तुति । चर्चा मंच का परिचय और उपलब्धियाँ सराहनीय हैं । चर्चा मंच की लोकप्रियता और इसके कुशल संचालन के लिए आदरणीय शास्त्री जी सहित इसके सम्मानित चर्चाकार बधाई के पात्र हैं । सभी चर्चाकारों,रचनाकारों एवं पाठकों को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँँ ।

    जवाब देंहटाएं
  4. 3500वाँ अंक की हार्दिक बधाई।
    सभी चर्चा कारों को बधाई और विशेष कर आदरणीय शास्त्री सर को अशेष शुभकामनाएँ.. सादर प्रणाम जिनकी
    निरंतर साहित्य साधना रचनाकारों का उत्साह और लेखनी मेंं ऊर्जा भरती है। सफलता के नये कीर्तिमान बनते रहे यही कामना करती हूँँ।।
    दीपवली की आप सभी को शुभकामनाएँ।

    आज की विशेष प्रस्तुति के लिए अनु बधाई बहुत सारी बहुत अच्छी भूमिका लिखी है। मेरी रचना को आज के अंक में शामिल करने के लिए सादर आभार ।

    जवाब देंहटाएं
  5. मंगलकामनाएं दीप पर्व पर सभी के लिये। 3500वें अंक की बधाई। सुन्दर अंक।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. साथ में आभार भी अनीता जी। सूत्र को जगह देने के लिये।

      हटाएं
  6. चर्चा मंच से जुड़ी विस्तृत जानकारी , त्योहारों पर यथोचित शुभकामनाएं और शानदार लिंको के साथ आपकी ये प्रस्तुति 3500वे अंक को और भी विशिष्ठ बना रही है अनिता जी ।
    सभी रचनाकारों, चर्चाकारों और आदरणीय शास्त्री जी को इस वृहद यात्रा के लिए अनंत शुभकामनाएं ।
    चर्चा मंच सदा ध्रुव तारे सा चमकता रहे।
    आज की प्रस्तुति बहुत शानदार।
    सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  7. सर्वप्रथम तो छोटी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं साथ ही साथ चर्चामंच के सफलतापूर्वक 10 वर्ष में प्रवेश के आनंदमय पल की ढेर सारी शुभकामनाएं । चर्चामंच आज इस मुकाम तक पहुंच गया है कि मेरी ओर से भी कुछ विचार मैं रख रही हूं, आदरणीय शास्त्री जी ने चर्चा मंच की नींव रखी जो धीरे-धीरे समय के साथ विस्तार पकड़ती गयी परंतु मेरे ख़याल से चर्चामंच ने पूर्ण सफलता ब्लॉग सेतु में आने के बाद ही पायी... यहां आने के बाद ही चर्चामंच पाठकों की नज़र में चढ़ गया और नई टीम विशेषकर अनीता जी ने बहुत मेहनत की है पिछले कुछ महीनों से। आदरणीय रवीन्द्र जी के आने के बाद ब्लॉग में और कायाकल्प हुए आदरणीय दिलबाग सर जी कई सालों से अपना योगदान देते आ रहे हैं । मुझे बेहद ख़ुशी है कि मुझे भी चर्चाकार के रूप में यहां जगह मिली है.. चर्चामंच को इस मुकाम तक पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान आदरणीय शास्त्री जी का है उनकी मेहनत और साहित्य के प्रति समर्पण को मेरा सादर प्रणाम और साथ ही साथ पाठकों का बहुत-बहुत धन्यवाद ।इस ब्लॉग पर आने का श्रेय में अनीता जी को देती हूं जिनकी वजह से आज मैं यहां हूं और साहित्य सेवा का मुझे भी अवसर मिला है । सबसे अच्छी बात है कि यह ब्लॉग जीवन के हर रंग , हर पर्व को यहां जगह मिलती है । आज के समय में यह करना असंभव है परंतु इस ब्लॉग में एक पारिवारिक माहौल देखने को मिलता है जहां लोग एक-दूसरे का भरपूर साथ देते हैं।
    सभी को दीपावली की शुभकामनाएं।
    चर्चामंच ज़िंदाबाद!

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  8. दस वर्षों के अथक प्रयास और 3500वें अंक की विशिष्ट सफलता पर चर्चा मंच की समस्त टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं ।बहुत ही सुन्दर भूमिका के साथ शानदार प्रस्तुतिकरण ...सभी लिंक बहुत ही उम्दा एवं पठनीय।
    मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार एवं धन्यवाद अनीता जी !
    सभी रचनाकारों एवं चर्चाकारों को मेरी ओर से शुभ दीपावली...

    जवाब देंहटाएं
  9. दस वर्ष के सुंदर सफ़र और 3500वे अंक की हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ।
    शानदार प्रस्तुति आदरणीया मैम।सभी रचनाएँ बेहद उम्दा।
    दीपावली उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ आप सभी को।
    सादर नमन शुभ संध्या 🙏

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  10. बहुत आभार मेरी तुम को शामिल करने के लिए। बहुत बढ़िया संकलन

    जवाब देंहटाएं
  11. चर्चा मंच का विशिष्ट अंक बाक़ई बड़ा लुभावना है। भूमिका से लेकर रचनाओं की विविधता ने आज चर्चा मंच के 3500 वें अंक की शोभा में चार चाँद लगा दिये हैं। बेहतरीन प्रस्तुतीकरण के लिये अनीता सैनी जी को बहुत-बहुत बधाई।

    आदरणीय शास्त्री जी ने इस मंच को पितामह की भांति पाला-पोशा है और आज इस उपलब्धि तक उनका उत्साह बरक़रार है। आदरणीय दिलबाग सिंह विर्क जी लंबे समय से चर्चा मंच पर अपनी अनूठी प्रस्तुतियों के साथ जुड़े हुए हैं।

    अनीता सैनी जी ने चर्चा मंच से जुड़कर इसे ब्लॉग की दुनिया के सक्रिय रचनाकारों और सुधि पाठकों के बीच लोकप्रिय बना दिया है।

    हाल ही में मेरे बाद अब अनीता लागुरी 'अनु' जी ने एक चर्चाकार के रूप में चर्चा मंच से जुड़कर पाठकों को बेहतर साहित्यिक सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास शुरू करने हेतु संकल्प लिया है।

    चर्चा मंच के समस्त सम्मानीय सुधिजनों का सादर आभार एवं दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ।

    हमें उम्मीद है आपका सहयोग स्नेह और आशीर्वाद चर्चा मंच को भविष्य में और अधिक ऊँचाई पर ले जायेगा। चर्चा मंच की अतीत व वर्तमान की समस्त टीम को उनके सराहनीय योगदान और इस उपलब्धि पर बधाई।



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  12. सुन्दर संकलन सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत खूबसूरत संकलन सखी अनीता जी ..।सभी को दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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