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मंगलवार, अक्टूबर 29, 2019

"भइया-दोयज पर्व" (चर्चा अंक- 3503)

मित्रों!
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 
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आज की चर्चा में देखिए दिवाली से जुड़े 
कुछ लिंक और नियमित प्रविष्टियाँ
सबसे पहले भइयादूज पर मेरे कुछ दोहे
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दोहे  
"पावन प्यार-दुलार" 
--
प्रकृति के सुकुमार कवि पं. सुमित्रानन्दन पन्त ने कहा है
"वियोगी होगा पहला कवि,
हृदय से उपजा होगा गान।
निकलकर नयनों से चुपचाप, 
बही होगी कविता अनजान।।" 
Anita Laguri "Anu" की भी रचनाओं में भी 
ऐसा ही कुछ मिलता है। देखिए उनकी यह प्रस्तुति-
उसकी उदासियाँ.., ...
उसकी उदासियों में
जज़्ब थी
कहानियों से
बने किरदार,
उसकी उदासियां
उसका हमसाया थी
वह तन्हा रही
अपनी ही जिंदगी में
एक चरित्र बनकर
--
दीपावली प्रकाश का उत्सव है, 
व्यंग्य विधा के सशक्त हस्ताक्षर आद. सुशील कुमार जोशी 
की यह रचना इस सन्द्रभ में समीचीन है।
--

शुभकामनाएं पर्व  दीपावली 

पटाखे फुलझड़ी भी नहीं 

उलूक टाइम्सपरसुशील कुमार जोशी 
--
बहन अलकनन्दा सिंह ने दीपावली के पावन अवसर पर
महीयशी महादेवी जी की सामयिक रचना को पोस्ट किया है।

दीपावली की शुभकामनाओं के साथ .... 

बुझे दीपक जला लूँ-  

महादेवी वर्मा 

--
ब्लॉगर पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  एक ऐसे शायर हैं,
जो प्रतिदिन अपने ब्लॉग कविता "जीवन कलश" पर
रचनाएँ पोस्ट करते हैं। 
देखिए दीपावली पर यउनकी यह प्रस्तुति-

दीप मेरा 

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा  
--
स्वप्न मेरे ...पर ग़ज़लों के बेताज बादशाह 
आद. दिगंबर नासवा ने अपने निराले अन्दाज में 
एक गीत प्रस्तुत किया है-

रात की काली स्याही ढल गई ... 

दिन उगा सूरज की बत्ती जल गई
रात की काली स्याही ढल गई

सो रहे थे बेच कर घोड़ेबड़े
और छोटे थे उनींदे से खड़े
ज़ोर से टन-टन बजी कानों में जब 
धड-धड़ाते बूटबस्तेचल पड़े  
हर सवारी आठ तक निकल गई
रात की काली ... 
स्वप्न मेरे ...पर दिगंबर नासवा 
--
शब्दों के माध्यम से पर शेखर मल्लिक  ने चीन के 
भविष्य का स्वप्न प्रस्तुत किया है-

ग़रीबी मुक्त भविष्य का स्वप्न 

शब्दों के माध्यम से पर शेखर मल्लिक  
--
डॉ. जेन्नी शबनम को अतुकान्त काव्य खासी महारत है 
और हाइकु तो यह चुटकियों में रच देतीं हैं।
आज देखिए इनके सात हाइकु-

636.  

दिवाली  

(दिवाली पर 7 हाइकु) 

1.   
सुख समृद्धि   
हर घर पहुँचे   
दीये कहते।   

2.   
मन से देता   
सकारात्मक ऊर्जा   
माटी का दीया.. 
--
कविता-एक कोशिश पर नीलांश  जी ने
एक दीपक की अभिव्यक्ति को 
अपने अनोखे अन्दाज में प्रस्तुत किया है-

जीवंत दीपक 

कविता-एक कोशिश पर नीलांश  
--
मेरी जुबानी पर~Sudha Singh  ने
उल्लास के पावन पर्व को पोस्ट किया है-

खुशियांँ अनलॉक करो 

(दिवाली गीत ) 

मेरी जुबानी पर~Sudha Singh 
--
चर्चा मंच के चर्चाकार आदर. रवीन्द्र सिंह यादव ने
10 महीने पूर्व निम्न अभिव्यक्ति को अपने ब्लॉग पर
अपनी वेदना के रूप में निम्नवत् प्रस्तुत किया था।
--
चाहा था एक दिन ...
माँगी थीं
जब बिजलियाँ,
उमड़कर
काली घटाएँ आ गयीं।
देखे क्या जन्नत के
दिलकश ख़्वाब,
सज-धजकर
गर्दिश की बारातें आ गयीं...
Ravindra Singh Yadav 
--
आदरणीय शशि गुप्ता जी 
अपने ब्लॉग व्याकुल पथिक पर 
सदैव अपने सार्थक दृष्टिकोण को 
को प्रस्तुत करते हैं जो पाठकों को 
सोचने पर विवश कर देता है-
कच्ची मिट्टी के ये पक्के दिए ,
भूल न जाना लेना तुम...
--
बहन अरुणा ने दीपावली के रंगों को 
अपने ब्लॉग पर साझा करते हुए अपनी चित्रमयी 
बधाई कुछ इस प्रकार दी है-
--
आदरणीय गोपेश मोहन जैसवाल व्यंग्य के 
ऐसे हस्ताक्षर हैं जो अपनी कलम से 
कुछ ऐसा लिख देते हैं जो पाठकों को  
सोचने को बाध्य कर देता है।
मजबूरियां - 2
 कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, 
 यूँ कोई बेवफ़ा, नहीं होता. 
 बशीर बद्र 
 तिरछी नज़र पर
 गोपेश मोहन जैसवाल  
--
अक्सर छन्दबद्ध कविता करने वाले
आदरणीय अरुण कुमार निगम ने
विष्णु पद छन्द में एक सन्देश देते हुए लिखा है-

अब की बार दीवाली में........  

अब की बार दीवाली में हम, कुछ नूतन कर लें  
किसी दीन के घर में जाकर, उसका दुख हर लें ... 
--
प्रो. अरुण देव का ब्लॉग समालोचन
सदैव स्तरीय सामग्री को पाठकों को प्रदान करता है।
--
श्रीमती Asha Lata Saxena नियमितरूप से
अपने ब्लॉग पर रचनाएँ पोस्ट करती हैं।
देखिए दीपमालिका पर उनकी शुभकामनाएँ-

दीपावली की शुभ कामनाएं 

--
श्री देवेन्द्र पाण्डेय जी की रचना का लिंक मैं हमेशा
चर्चा मंच पर लगाता हूँ, 
लेकिन वह कभी 
चर्चा मंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं

दिवाली की सफाई में.... 

पत्नी की रहनुमाई में,  
दिवाली की सफाई में,  
दृश्य एक दिखलाता हूँ  
क्या पाया, बतलाता हूँ... 
बेचैन आत्मा पर देवेन्द्र पाण्डेय 
--
राधे गोपाल उर्फ श्रीमती राधा तिवारी
एक आशु कवयित्री हैं।
देखिए उनके कुछ दोहे-

दोहे,  

कर सोलह श्रँगार "  

( राधा तिवारी "राधेगोपाल " ) 

--
हिन्दी के सशक्त आयाम विष्णु वैरागी को
लेखन विरासत में मिला है।
देखिए इनकी यह पोस्ट-

विभीषण बने बिना  

न रामराज आएगा न दीपावली 

‘दीपावली का पर्व उपलब्ध कराने के लिए किसे धन्यवाद दिया जाना चाहिए?’ सबको प्रभु राम ही याद आएँगे। कुछ लोग रावण को श्रेय दे सकते हैं - उसने सीता हरण नहीं किया होता तो राम किसका वध करते? कैसे सीता सहित अयोध्या लौट पाते? वनवास से राम की सीता सहित वापसी पर ही तो अयोध्यावासियों ने दीपावली मनाई थी! लेकिन मेरे मन में बार-बार विभीषण का नाम उभर रहा है... 
एकोऽहम् पर विष्णु बैरागी 
--
सुबीर संवाद सेवा पर आदरणीय पंकज सुबीर 
हमेशा मुशायरा प्रस्तुत करते हैं।
इस बार भी ग़ज़लकारों के साथ 
उनकी यह प्रस्तुति विचारणीय है।

आप सभी को दीपावली की शुभकामनाएँ।  

आज राकेश खण्डेलवाल जी, तिलक राज कपूर जी,  

गिरीश पंकज जी, नीरज गोस्वामी जी  

और सौरभ पाण्डेय जी के साथ मनाते हैं  

दीपावली का यह त्यौहार। 

सुबीर संवाद सेवा पर पंकज सुबीर 
--

आद. कालीपद "प्रसाद" जी 
गीत-गज़ल के माध्यम से निरन्तर अपनी बात रखते हैं-

गीत 

दीपों का उत्सव,  
घर घर झिलमिल  
अब दीप जले इस दिवाली में,  
एक दीप झोपडी में जले... 
कालीपद "प्रसाद" 

--
आज के लिए बस इतना ही-
--

9 टिप्‍पणियां:

  1. पिछले 1 सप्ताह से चर्चा मंच दीप उत्सव से प्रभावित शानदार कविताओं का संकलन हर दिन प्रस्तुत कर रही है आज के संकलन में ज्ञानवर्धक जानकारियां तो है ही साथ ही साथ दीपममय रचनाओं का प्रस्तुतीकरण.. अपनी विशिष्ट छाप छोड़ रहा है. बहुत ही शानदार प्रस्तुति रही आज की आपको बधाई

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  2. आज तो बहुत ही सुंदर प्रस्तुति है। अनेक भावों से भरी रचनाओं को मंच पर सजाने के साथ ही उसपर टिप्पणी भी की गयी है। जिससे रचनाओं में जहाँ और अधिक निखार आ गया है, वहीं रचनाकारों का उत्साह भी बढ़ा है। आपने मेरा भी एक पुराना लेख लिया है। समझ में नहीं आता आपकों धन्यवाद देने के लिए किन शब्दों का प्रयोग करूँ, प्रणाम ।

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  3. नये अन्दाज के साथ की गयी लाजवाब प्रस्तुति में 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये आभार आदरणीय।

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  4. कमाल की प्रस्तुति आज की ...
    बहुत से नए सूत्र ... आभार मेरी रचना को जगह देने के लिए ...

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  5. बहुत सुंदर श्रमसाध्य प्रस्तुति आदरणीय शास्त्री जी की। रचना को आपकी टिप्पणी ने और अधिक प्रभावी बना दिया है।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

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  6. शानदार प्रस्तुति। साधुवाद।

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  7. अब अगली दिवाली का इन्तजार रहेगा |उम्दा सजा चर्चा मंच |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

    जवाब देंहटाएं

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