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रविवार, अक्टूबर 27, 2019

"रौशन हो परिवेश" ( चर्चा अंक - 3501 )

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
रौशनी का पर्व दीपावली भारत का सर्वाधिक चर्चित और उल्लासभरा त्योहार है। उत्तर भारत के सभी क्षेत्रों में इस पर्व का बड़ा सामाजिक महत्त्व है। भारत के अलावा दुनिया में जहाँ भी भारतीय संस्कृति के अनुयायी बसे हैं वहाँ भी दीपावली अपनी रौनक बिखेरती है।
धन तेरस से लेकर भैया दूज तक यह पंच दिवसीय त्योहार हमारे जीवन में नयी उमंग और जोश भरते हुए उजास का सार्थक अर्थ सालभर के लिये भर देता है। 
दीपावली के दिन (कार्तिक अमावस्या ) पर रावण आदि राक्षसों का संहार करके श्री राम जी भाई लक्ष्मण जी और सीता जी के साथ वनवास समाप्ति पर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। दीपावली से जुड़ी कुछ अन्य कथाएँ भी हैं। बौद्ध,जैन एवं सिख धर्म में भी दीपावली मनाए जाने की कथाएँ उपलब्ध हैं। 
दीपावली पर पटाखों के प्रति लोगों का अंधानुकरण और दीवानगी अब गंभीर का विषय बन गया है। इस बार दिल्ली में ग्रीन पटाखों की चर्चा है जो एक सराहनीय पहल है। 
हमें अपने पर्यावरण का हर हालत में ख़याल रखना चाहिए साथ ही मिलावटी मिठाइयों के प्रति भी सचेत रहना चाहिए। 
एक बार फिर चर्चा मंच परिवार की ओर से आप सभी को दीपावली की ढेरों शुभकामनाएँ !
आइये अब पढ़िए मेरी पसंद की कुछ रचनाएँ -  

 "नेह के दीपक" 

(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

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दिवाली 

पांच दिवस का पर्व  दीपावली
हर वर्ष मनाई जाती दिवाली
दीप जला कर लक्ष्मी जी
 विधिवत पूजी जातीं 

 Akanksha -Asha Lata Saxena
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आतिशी मायाजाल का करिश्मा 

दीपावली का शुभ दिन पड़ता है 
अमावस्या की घोर काली रात को।
 शुरू होती है अंधेरे और उजाले की जंग
कुछ अलग सा 
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है अमावस की रात 

है अमावस की रात अंधेरी
 दीपक तुम  राह दिखाओ
भटके हुए  राहगीर को
गंतव्य तक पहुँचाओ |
Akanksha -Asha Lata Saxena 
  दीपावली का उत्सव मना
  फुलझड़ी और पटाखे चला
  सीखें मिलजुल कर रहना हम सब
   नेह का दीपक घर घर जलायें
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देह दीप में सन्मति का तेल 
जलते दीप को देख,
दूर एक दीपक बोला
क्यों जलते औरों की खातिर
खुद तल में तेरे है अंधेरा ,
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तेरी मजबूरियां, दुरुस्त मगर, 
तूने वादा किया था,
 याद तो कर. नासिर क़ाज़मी हरयाणा-महाराष्ट्र समाचार –
 तेरी मजबूरियां,
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डोरिस कारेवा (Doris Kareva) की बीस कविताएँ : 

 अनुवाद तेजी ग्रोवर 


रेगिस्तानी कुत्ते मेरे सपनों में भागते हैं,
फुर्तीले, चुस्त और ख़ामोश,
ठीक खुदा की हवाओं की तरह;
ख़ूबसूरत और राजसी, रात-दर-रात
अ-वश्य वे भागते हैं.
समालोचन
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लाल किले जितना बड़ा 
दिल्लीवालों का दिल,
यमुना जैसा छिछला 
उनका गुस्सा,
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My Photo
कीट के जैसी ज़िंदगी
जीने को हैं मजबूर
पल-पल गरल गरीबी का
पीने को हैं मजबूर
जूतों तले मसल जाते हैं
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My Photo

ओ 

मेरे

दीपक 

हर तम 

सकल हिय

कर ज्योतिर्मय 

हो प्रफुल्लित मन

मंथन 

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आज  का सफ़र यहीं तक 

फिर मिलेंगे आगामी शनिवार, रविवार। 

अनीता सैनी 




9 टिप्‍पणियां:

  1. पर्व त्योहार पर यदि किस असमर्थ पड़ोसी के घर हम एक भी दीपक जलाने का सामर्थ्य रखते हैं, तो वह हमारे भवन पर जगमगा रहे सैकड़ों बल्ब से लाख गुना बेहतर है..।
    बहन अनिता सैनी जी आज आपने मंच को दीपावली की जगमग से भरी सुंदर रचनाओं के साथ खूबसूरती से सजाया है ..।
    प्रकाश पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ । आपसभी के सुख,समृद्धि और यश में वृद्धि हो--।
    परमात्मा से मेरी एक और प्रार्थना है..

    इक दीप जले मेरे मन में प्रभु
    जहाँ तम न हो,कोई ग़म न हो
    जग से मेरा कोई अनुबंध न हो
    जो बंधन हो , तेरे संग अब हो..

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर है आज की चर्चा का दीपावली अंक।
    सभी पाकठकों को दीपावली के पंच पर्वों की
    आपको हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
    आप सभी सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहें।
    --
    आभार आपका अनीता सैनी जी।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति, मेरी रचना को चर्चा मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार अनीता जी

    जवाब देंहटाएं
  4. सारगर्भित भाव संजोये सुन्दर भूमिका और हर्षोंल्लास से जगमगाती
    दीपमालिका जैसी प्रस्तुति । मुझे इस संकलन में सम्मिलित करने के हार्दिक आभार अनीता जी ।सभी को दीपोत्सव की हार्दिक
    शुभकामनाएँँ ।

    जवाब देंहटाएं
  5. दीपावली संग रोशन हुआ आज का चर्चा मंच... सभी रचनाएं बहुत अच्छी है #अनीता जी आपकी सारगर्भित भूमिका ने आज के दीपावली अंक को और भी रोशनमय बना दिया... चर्चा मंच से जुड़े सभी पाठकों एवं मित्रों को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर प्रस्तुति। तिरछी नजर सूत्र पर: क्षमा करें, इस ब्लॉग में जिस पेज को आप खोज रहे हैं वह मौजूद नहीं है लिखा आ रहा है।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी सर माफ़ी चाहती हूँ. सायद तकनीकी कारणों से लिंक बदल गया होगा.मैं बदल रही हूँ |
      आभार
      सादर

      हटाएं
  7. सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
    सभी रचनाकारों संयोजकों, सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
    शुभ दीपावली।

    जवाब देंहटाएं
  8. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
    दीयों की जगमग से सजी बहुत सुंदर प्रस्तुति।
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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