स्नेहिल अभिवादन।
कल कार्तिक मास की अमावस्या (कृष्णपक्ष) को दीपावली का पर्व उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। आज तिथि है कार्तिक मास की प्रतिपदा (शुक्लपक्ष) जिसका विशेष महत्त्व अन्नकूट और गोवर्धन पूजा के रूप में है। आज के दिन गौ माता की पूजा होती है। ब्रज में गोवर्धन पहाड़ की पूजा होती है।
कल भाईदूज के साथ पाँच दिनों तक मनाया जाने वाला दीपावली का महान पर्व संपन्न होगा।
गोवर्धन पूजा व अन्नकूट की हार्दिक शुभकामनाएँ।
अनीता सैनी
लीजिए अब नज़र डालिए मेरी पसंदीदा रचनाओं पर -
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सृष्टि में अँधकार का अस्तित्त्व क्यों है?
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छद्म वर्ष....
नये वर्ष का नया सिपाही,गीत अनोखा गाता हूँ…
बीत गईं, अब साँझ नई
लेकर आई है राग वही
बन नवल रात्रि में स्वप्न नये
कल नया सवेरा लाता हूँ।
"एकलव्य"
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गीत
"मिट्टी के ही दीपक सदा जलाओ तुम"
(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आज का सफ़र यहीं तक
फिर मिलेंगे |
हमारे घर -आंगन को रोशन करने के लिए जो नन्हे मासूम दीपक जल-जल कर बुझ गये, वे इस दीपावली पर्व पर पुनः हमें एक संदेश देते गये हैंं..
जवाब देंहटाएंहमें इसपर चिंतन करना चाहिए।
बहन अनीता सैनी जी आपने हमेशा की तरह मंच को विविध प्रकार की रचनाओं से सजाया है, जिसमें मेरी अनुभूतियों को भी स्थान दिया है। इसके लिए आपका बहुत-बहुत आभार धन्यवाद प्रणाम।
बहुत सुन्दर चित्रमयी चर्चा।
जवाब देंहटाएंदीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
आप सबकोहार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।
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आभार आदरणीया अनीता जी।
आप सदैव स्वस्थ और प्रसन्न रहें।
बहुत सुन्दर अंक।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। दीपावली पर सृजित बेहतरीन रचनाओं के साथ अन्य प्रासंगिक लिंक्स का प्रस्तुतिकरण बेहतर है।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं।
गोवर्धन पूजा, अन्नकूट एवम् विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं।
मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने हेतु सादर आभार अनीता जी।
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका बहना
सुंदर संयोजन....
जवाब देंहटाएंमेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏
बहुत ही सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति।
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