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बुधवार, अप्रैल 08, 2020

"मातृभूमि को शीश नवायें" ( चर्चा अंक-3665)

सादर अभिवादन!
देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। कोरोना के एक्टिव पॉजिटिव मामलों की संख्या 4421 पर पहुंच गई है। अब तक भारत में कोरोना की वजह से कुल 114 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन खुशखबरी यह भी है कि कोरोना से संक्रमित 326 लोग ठीक हुए हैं और उनको इलाज के बाद घर भेज दिया गया है।14 अप्रैल 2020 तक सभी विदेशी उड़ानों पर रोक लगाई जा चुकी है। अगर कोई व्यक्ति वाजिब कारण के बिना सड़कों पर टहलता पाया गया तो उसे जेल भेजा जा सकता है। कोरोना संक्रमण से अब तक मौतों में बुजुर्गों की संख्या अधिक है।
आजकल कोरोना महामारी के कारण अपने पूरे देश में लॉकआउट है, जिसके कारण जहाँ लोगों के कारोबार चौपट हुए हैं वहीं कुछ लोगों को खाने के भी लाले पड़े हुए हैं। इस हालत को देखते हुए शासन-प्रशासन के साथ-साथ कुछ संस्थाओं और धनवानों ने जगह-जगह भोजन का इन्तजाम करके प्रशासन के निर्देशों से वितरित कराया जा रहा है।
विश्व में भारत ही वह देश हैं जहाँ लोगों में आज भी मानवता और सदाशयता जीवित है।
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जहाँ तक बात साहित्यकारों की है, तो वो आज भरपूर साहित्य-साधना में लगे हैं। ऐसे में यदि मैं अपनी बात करूँ तो इस समय मैं अपनी चार पुस्तकों के सम्पादन में बहुत व्यस्त हो गया हूँ। दो पुस्तकें तो तैयार करके छपने के लिए भेज चुका हूँ और दो पुस्तकों की तैयारी पूरी है। जो अगले 3-4 दिनों में पूरी हो जायेंगी। जिनके आवरण चित्र मैं यहाँ साझा कर रहा हूँ।
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अब देखिए बुधवार की चर्चा में  
मेरी पसन्द के कुछ लिंक... 
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हरसा देना तुम 

समय पटकल पर भाव सुंदर ,
करुणा का सरगम बिखरेंगा,
रीतियों-नीतियों में  बँधकर ,
सूझबूझ प्राणी निखरेंगा, 
पंछी भर भर जल लाऐगा, 
पात प्रीत हरसा देना तुम। 
गूँगी गुड़िया पर Anita saini  
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कुछ सवाल जिनके जवाब  

सेक्युलर लोगों को देने चाहिए । 

आज देश में एक नए तरीके की असहिष्णुता पनप रही है, जिनकी बातों को देश बिना किसी प्रश्न के 70 सालों से सुन रहा था, आज वही समाज कुछ सवाल उठाने लगा तो बुरा लग रहा है कुछ लोगों को ??* *कुछ सवाल आपके सामने रख रहा हु उनसे जुड़े फैक्ट्स आपको किताबों और गूगल पर मिल जाएंगे... 
Vineet mishra   
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चाय वाले चच्चा उर्फ़ लिट्टी वाला लव  

( वेब-सीरीज ). 

 हेलो .. सर ! एक वेब सीरीज बनने वाली है .. आप इसमें ... चाय वाले चाचा का रोल किजिएगा .. !? " - लगभग एक साल पहले एक दिन शाम के लगभग 8.15 बजे आम दिनचर्या के अनुसार ऑफिस से आकर फ्रेश हो कर अगले रविवार को होने वाले एक ओपेनमिक (Openmic) के पूर्वाभ्यास करने के दौरान ही बहुत दिनों बाद ओपेनमिक के ही युवा परिचित 18 वर्षीय आदित्य द्वारा फोन पर यह सवाल सुन रहा था।
उसके सवाल में एक हिचक की बू आ रही थी। उसके अनुसार शायद एक मामूली चाय वाले के अभिनय के लिए मैं तैयार ना होऊं। पर मेरा मानना है कि अभिनय तो बस अभिनय है, चाहे वह किसी मुर्दा का ही क्यों ना करना हो... 
Subodh Sinha 
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अल्प से ही जो तुष्ट रहेगा 

एक मुठ्ठी अन्न, अंजुरी भर जल और थोड़ी सी प्राणवायु क्या इतना ही पर्याप्त नहीं एक जीव को मानव की देह धारण के लिए. धरती पर वायु का अकूत भंडार है पर हम एक बार में कितनी श्वास  ले सकते हैं ? जल के कितने स्रोत हैं पर प्यास बुझाने के लिए एक बार में अल्प ही चाहिए. इसी तरह धरती पर अनाज के भंडार भरे पड़े हैं पर थोड़ा सा भोजन ही प्राणी की भूख मिटाने के लिए पर्याप्त है... 
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महावीर जयंती 

कविता-छंदमुक्त
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अज्ञानता का अंधकार जब छाया था संसार में
ज्ञान का प्रकाश फैलाया चौबीसवें तीर्थंकर ने ।
जन्म पूर्व माँ त्रिशला को स्वप्न में आभास हुआ
राजा सिद्धार्थ ने स्वपनों को यथा परिभाष किया।
साधना ,तप ,अहिंसा से, सत्य से साक्षात्कार किया
महापुरुष महावीर ने जनजीवन को आधार दिया  ।
जैन  धर्म को पंचशील का सिद्धांत  बतलाया
सत्य,अहिंसा,अपरिग्रह,अस्तेय, ब्रह्मचर्य सिखाया... 
काव्य कूची पर anita _sudhir 
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स्वर्ण बिंदु से तुम 

मेरे अंतस के मनाकाश पर
दूर क्षितज की रक्तिम रेखा पर हर सुबह
स्वर्ण बिंदु से तुम उदित हो जाते हो ! 
Sudhinama पर Sadhana Vaid 
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मेरा भारत, स्वस्थ भारत  

go corona -  

डॉ. वर्षा सिंह 

तमसो मा ज्योतिर्गमय ....
आज 5 अप्रैल रविवार रात 9 बजे पूरे देश के साथ मैंने भी अपने घर की बालकनी पर दीप जलाया।
🇮🇳 मेरा भारत, स्वस्थ भारत 🇮🇳 
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शब्द गलत वज़्न में बाँधना 

शब्द को अगर गलत वज़्न में ले लिया जाए यानि किसी शब्द का उच्चारण गलत कर लेते हैं तो इससे बहर का दोष पैदा हो जाता है । कुछ शब्द जैसे:- 1)अमन-12 शुद्ध,,-अम्न-21 2)तजुर्बा-122, शुद्ध- तज़रिबा-212 3)तुम्हारा-222 शुद्ध-तु म्हारा-122 4) मोहब्बत-222 शुद्ध- मुहब्बत-122 5)चेहरा-212 शुद्ध-चहरा-22... 
Harash Mahajan -  
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क़ातिल कोरोना का क़हर 

 ...एकांतवास से अच्छा और कोई अवकाश नहीं होता जब हम चिन्तन मनन कर सकते हैं और कार्य योजना बना सकते हैं। आत्मवलोकन, आत्मविश्लेषण और कुछ नया सीखने का भी यह बहुत अच्छा मौका है। यूँ तो कोरोना के कारण मन अशांत है और खौफ़ में हैं परन्तु इससे कोरोना का ख़तरा बढ़ेगा ही कम नहीं होगा। बेहतर है कि हम इस समय का सदुपयोग करें स्वयं, परिवार, समाज, देश और विश्व के उत्थान के लिए। 
साझा संसार पर डॉ. जेन्नी शबनम  
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मेरे लॉक् डाउन का 17 वां दिन 

अभिशाप ही सही जब हमारी बहिर्यात्रा को कुछ दिनों के लिए विराम लग ही गया है तो तो आइये हम अब कुछ कदम अंतर्यात्रा की और बढ़ाएं पूजा की स्थान पे या बुक सेल्फ में वर्षों से रखी पुस्तकों को उल्टे पलटें या अपने मन के पन्नो को पलटें तो अवश्य जानेंगे की संसार का सार "वेदों" में वेदों का सार "उपनिषदों " में उपनिषदों का सार "ब्रह्म सूत्र " में ब्रह्म सूत्र का सार "भगवत गीता " में है और तब हम ये भी जानेंगे सारा महाभारत हमारे ही अंदर है... 
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शब्द-सृजन-१६ का विषय है-

'सैनिक'

आप इस विषय पर अपनी रचना 
आगामी शनिवार (सायं 5 बजे ) तक 
चर्चामंच के ब्लॉगर संपर्क फ़ॉर्म (Contact Form ) के ज़रिये 
भेज सकते हैं। 
चयनित रचनाएँ आगामी रविवासरीय चर्चा अंक में 
प्रकाशित की जाएँगीं। 
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आज के लिए बस इतना ही-
आप लोग अपने और अपनों के लिए घर में ही रहें। 
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16 टिप्‍पणियां:

  1. इस वैश्विक महामारी से जब विकसित राष्ट्र सहमे हुये हैं, तो भारत जैसे विकासशील देश में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है। उधर, जमाती अब भी छुपे हुये हैं। उन्हें दिल्ली से मिल रही सूचनाओं अथवा स्थानीय लोगों की शिकायत पर ढ़ूंढा जा रहा है। यह एक बड़ा सिरदर्द है प्रशासन के लिए और वैमनस्यता भी बढ़ रही है।
    निम्न -मध्यवर्गीय लोगों का बटुआ खाली हो गया है। सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे। वैसे भी कुछ महीनों के लिए, सम्भवतः वर्ष भर से भी अधिक उद्योग -धंधे प्रभावित रहेंगे।
    सशक्त भूमिका , प्रस्तुति और श्रेष्ठ रचनाओं का संगम।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कुछ नासमझ यह नहीं जानते कि जो ब्लॉग पर बेधड़क लिखता है, वह इसी तरह का समाचार भी पेज भर लिखता रहता है ।
      गुरुजी मेरे फेसबुक पर जाकर देख लें,यदि किसी को संदेह हो।
      सादर।

      हटाएं
  2. सुप्रभात संग नमन महोदय (सर) ! समसामयिक भूमिका से आज की प्रस्तुति .. स्थापित लोगों की रचनाएँ/विचार ... इन सब के बीच मेरे द्वारा अभिनीत वेब-सीरीज के लिंक का आपके द्वारा चयन करना और यहाँ साझा करना .. हार्दिक आभार आपका
    समय की मार वाली इस कठिन परिस्थिति में हम सभी धरतीवासी को विश्वास के साथ सामना करना है .. डटने के जगह डरने की जरुरत है और जो जहाँ है,चाहे धनवान हो या साधारण आमजन .. सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदों की सहायता कर रहा है, करनी भी चाहिए-सच्ची पूजा तो यही है शायद ...नर(नारी)-नारायण(नारायणी) पूजन .. हाँ ! कोई सेल्फी चमक रहा है, कोई बस यूँ ही ... किए जा रहा है ... सब के अपने अपने सलीक़े हैं, तरीके हैं ... तभी तो दुनिया रंगीन है ... शायद
    केवल सोशल-मिडिया के वेब-पन्ने पर सरकार को कोसना तत्कालीन आपदा/विपदा वाले समस्या का समाधान नहीं है .. शायद ...

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  3. बहुत अच्छी सामयिक चर्चा प्रस्तुति

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  4. सुंदर लिंकों से सजा बेहतरीन चर्चा अंक ,आपको पुस्तक की हार्दिक शुभकामनाएं सर ,सादर नमस्कार

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  5. बेहतरीन संकलन
    हार्दिक शुभकामनाएं

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  6. लॉकडाउन के विषम समय में चर्चा मंच में संकलित बेहतरीन रचनाओं से मन का बोझ हल्का महसूस होता है। बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏💐🙏


    मेरी पोस्ट को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार 🙏🌺🙏

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  7. अति सुंदर संकलन ।
    शुभकामना सहित ।
    सादर

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  8. इस विपद काल में सबको आशा का संदेश देता हुआ चर्चा मंच अपना उत्तरदायित्व सदा की तरह निभा रहा है, शुभकामनाएं और आभार !

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  9. कोरोना के विषय में जागरूकता का संदेश देता सुंदर अंक।
    मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, आदरणीय शास्त्री जी।

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  10. जागरूकता भरे संदेश के साथ सुन्दर प्रस्तुति ।

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  11. सुन्दर सार्थक सूत्र , बेहतरीन संकलन ! मेरी रचना को इसमें सम्मिलित किया आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

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  12. सार्थक भूमिका के साथ बहुत ही सुंदर प्रस्तुति आदरणीय सर.
    मेरे नवगीत को स्थान देने हेतु बहुत बहुत शुक्रिया आपका
    सादर

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  13. जागरूकता भरा संदेश के साथ बहुत ही सुंदर चर्चामंच की आज की यह पोस्ट और मेरी पोस्ट पर चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री ji

    जवाब देंहटाएं

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