मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है। |
लालकिले की प्राचीर से
प्रधानमन्त्री का अभूतपूर्व भाषण पीएम मोदी ने कहा कि 10 दिन पूर्व अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ था। रामजन्मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है। देश के लोगों ने जिस संयम के साथ आचरण किया है और व्यवहार किया है यह अभूतपूर्व है और भविष्य के लिए हमारे लिए प्रेरणा का कारण है। |
दोहे"प्रजातन्त्र की बेल"(डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
बिना शस्त्र संधान के, मिला देश को मान।
आज विदेशों में बढ़ी, निज भारत की शान।।
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उस शासक को नमन है, जिसने किया कमाल।
दुनिया भर में योग का, दीप दिया है बाल।।
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शासक अपने देश का, करते ऊँचा नाम।
नतमस्तक होकर करें, सारे देश सलाम।।
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पावन पर्व
'परचेत' पर पी.सी.गोदियाल "परचेत"
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अग्निशिखा : पर Shantanu Sanyal
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वीर बाँकुरे
देश के रक्षक वीर बाँकुरे ,
आन देश की रखते प्यारे ।
अपनी माटी शीश सजा के,
ऊंची राष्ट्र ध्वजा फहरा के ।।
झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव
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पता
नहीं चलता है नहीं चलता है मगरकुछ लोगसमय के साथ बरगद हो जाते हैं ऐसा नहीं हैकिलोग बरगद होना नहीं चाहते हैं लोग जन्म से बरगद ही होते हैं
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी
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Harsh Wardhan Jog
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पॉजीटिव बने रहना है
पॉजीटिव होना भी क्या ग़जब की बात है। घबराइये नहीं, मैं कोरोना पॉजीटिव होने की बात नहीं कर रहा। मैं तो जीवन की हज़ारों निगेटिविटियों के बीच रहते हुए भी घोर पॉजीटिव बने रहने की अद्भुत अतिमानवीय क्षमता की बात कर रहा हूँ। यह वैसा ही है जैसे किटाणुओं-जिवाणुओं सॉप-सपोलों और दूसरे खतरनाक जलचरों से भरे कीचड़युक्त तालाब में कमल का बेशर्मी और निरपेक्ष भाव से खिले, मुस्कुराते रहना। कोरोना की बात चली है तो उसी से शुरू करते हैं। संक्रमितों की संख्या अठारह लाख से ज़्यादा हो चुकी है परन्तु निज़ाम के चेहरों पर अब भी अद्भुत पॉजिटिविटी है...
VYANGYALOKपरप्रमोद ताम्बट
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स्वतंत्रता संग्राम :गैंदसिंह थे छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद |
बस्ती
बरगद का वो पेड बारिश की वो मस्ती l
छुपी थी जिसमें मेरे सपनों की बस्ती ll
पंख लगा उड़ गयी उन पलों की मस्ती l
छोड़ गयी पीछे रंजो गम की बस्ती ll
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फिर भी भारत माता की जय... |
आज के लिए बस इतना ही...।
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सुप्रभात !!!
जवाब देंहटाएंचर्चा में मेरी रचना को भी सम्मिलित करने के लिये स्नेहाभार 🙏
सुन्दर चर्चा. मेरी कविता शामिल करने के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंआभार शास्त्री जी, इस सुंदर, रंगीन चर्चा हेतु। घी संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसुंदर चर्चा अंक. 'पिल्ला' शामिल करने के लिए धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंआभार मयंक सर... आभार चर्चा मंच
जवाब देंहटाएंसुन्दर व विविधतापूर्ण प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर ब्लॉगर मित्रों की देशभक्ति की भावनाओं से परिपूर्ण रचनाओं का सुन्दर सार -संकलन। बेहतरीन लिंक्स मिले । हार्दिक आभार । मुझे भी स्थान मिला ,इसके लिए भी बहुत -बहुत धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा।
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंचर्चा शानदार रही, भूमिका से लेकर सभी प्रस्तुति बहुत मोहक सार्थक समय परक ।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
जय हिन्द।
सुन्दर संयोजन,बढ़िया प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंमेरी भी रचना को प्रकाशित करने के लिए बहुत धन्यवाद!