सादर अभिवादन !
आज की प्रस्तुति में मैं आदरणीय रविन्द्र सिंह जी की अनुपस्थिति में सभी गुणीजनों का हार्दिक अभिनंदन करती हूँ ।
रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक
बधाईयाँ एवं शुभकामनाएँ ।
"मीना भारद्वाज"
--
सोमवार की चर्चा हेतु अवलोकनार्थ चयनित सूत्र --
जितनी ममता होती है, माता की मृदु लोरी में,
उससे भी ज्यादा ममता है, राखी की डोरी में,
भरा हुआ कच्चे धागों में, भाई-बहन का प्यार।
अमर रहा है, अमर रहेगा, राखी का त्यौहार।।
आया राखी का त्यौहार!!
***
बात हृदय पर लगे आघात की है
शब्दों के भूचाल से उठे बवंडर की है
सूखी घास में लगाई जैसे आग की है
लगानेवाले भी अपने ही किसी ख़ास की है
किसी का गढ़ा द्वेष
किसी के सर मढ़ा जाएगा
अन्य मुद्दे पिछड़ गए बात एक बात की है
***
नव उजास नव आस लिए फिर
नव प्रभात अगस्त ले आया,
त्योहारों का उल्लास लिए
शुभ अष्टम सु-मास यह आया !
***
तू लिख
लेकिन चेहरे मत लिख
मुखौटे लिखना
तेरे बस में नहीं है
चित्र सब सोच सकते हैं
उकेरने का लाइसेंस होना चाहिये
***
बैंक से रिटायर हुए गोयल सा को तीन महीने हो गए था. वजन पहले ही ज्यादा था अब मशीन में चेक करते हैं तो पता लग रहा है की और बढ़ रहा है. बकौल पत्नी के 'सारा दिन खाते रहते हो और बिस्तर पर पड़े टीवी देखते रहते हो तो वजन कैसे घटेगा?' इस तरह के शब्द चुभते थे इसलिए बड़ी हिम्मत करके सात बजे उठ कर, तैयार हो कर पार्क की तरफ सैर करने निकले.
***
आज भी ‘हल्कू’
बिताते सड़क पे
पूस की रात
कुछ भी न बदला
स्वतन्त्रता के बाद !
***
जैसे दवाइयों की
एक्सपायरी डेट होती है
वैसे ही
श्रद्धा सुमन की भी
सबको एक ही दिन
याद कर लेना भी
यथोचित सम्मान नहीं
***
कण्डोलिया देवता मूल रुप से भगवान शिव का ही स्वरूप है ।
जब पौढ़ी बसाने वाले मूल निवासी आये और उन्होंने पौढ़ी ग्राम बसाया तो वो अपने साथ आपने भूमियाल
देवता भी साथ लाये और उनकी स्थापना कण्डोलिया नामक उच्च स्थान स्थापना की ।
***
रूप बिगाड़ा आज धरा का
लूट रहा भू आभूषण।
हरियाली की चादर हरते
आज बने सब खर-दूषण।
काल ग्रास बनने को आतुर
अंत हुआ अब आधारित।
***
मैं बजबजाती जमीन पर खड़ा
मांग रहा हूँ
दोस्तों के लिए दुआ
सबकी गुमशुदा हंसी
लौट आये घर
कोई भी न करे
मजाकिया सवाल
न सुनाए बेतुके कहकहे
***
एकाएक हो जाती है
हमारी कई आँखें
हमारे कई हाथ,
बढ़ जाती है ताकत
बढ़ जाता है कई गुना
हमारा हौसला...
***
इजाजत दें...फिर मिलेंगे..
आपका दिन मंगलमय हो..
🙏 🙏
"मीना भारद्वाज"
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बेहतरीन प्रस्तुति आदरणीय मीना दी।मेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर आभार।
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति मीना दीदी जी।
ReplyDeleteरक्षाबन्धन पर्व का हमारे विंध्यक्षेत्र में विशेष महत्त्व है । वर्णित है कि इस दिन भगवान कृष्ण अपनी बहन योगमाया से राखी बंधवाने आते हैं । स्वयं भगवान कृष्ण कहते हैं कि जिस बहन ने मेरे प्राण की रक्षा के लिए कंस से संघर्ष किया और उसकी मौत की घोषणा की वह मेरे लिए वन्दनीय है ।इसी तरह योगमाया भी कहती हैं कि देव रूप में अवतरित भाई के लिए मेरी जैसी कोटि-कोटि योगमाया जान दे दें तो भी कम है । इस प्रकार भाई-बहन के प्रेम से विंध्याचल पर्वत जुड़ा है ।
आभार मीना जी।
ReplyDeleteबहुत सुंदर संकलन, मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सखी।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और संतुलित चर्चा प्रस्तुति।
ReplyDeleteआपका आभार आदरणीया मीना भारद्वाज जी।
सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को इस रचना में शामिल करने के लिए आभार, मैम।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का अंक ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय तल से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार ! सप्रेम वन्दे मीना जी !
ReplyDelete*भाई-बहन के असीम प्रेम, स्नेह एवं अटूट रिश्ते के प्रतीक रक्षाबंधन के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।*
ReplyDelete*रक्षा बंधन का यह शुभ पर्वअसीम प्रेरणा और ऊर्जा देने वाला है माताओं-बहनों के आशीर्वाद एवं स्नेह से सभी नित नई ऊंचाइयों को छुऐं, नई-नई सफलताएं प्राप्त करें। सभी स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।*
रक्षाबंधन के पवन पर्व पर सभी रचनाकारों और पाठकों को शुभकामनायें ! सुंदर प्रस्तुति, आभार मीना जी, मुझे भी आज की चर्चा में शामिल करने हेतु !
ReplyDeleteरक्षाबंधन के पवन पर्व पर सभी रचनाकारों और पाठकों को शुभकामनायें ! सुंदर प्रस्तुति, मुझे भी चर्चा में शामिल करने हेतु !
ReplyDeleteबहुत सुंदर संयोजन
ReplyDeleteमुझे सम्मलित करे का आभार
सादर
'बगीचा' शामिल करने के लिए धन्यवाद.
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