जिस पल का सदियों से इन्तजार था,
वो पल बस आने ही वाला है। इस अवसर परसभी श्रद्धालु घर पर दीप जलायें। आज समूची अयोध्या ही नहीं अपितु रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के उल्लास में डूबी नजर आ रही है। घर-घर में तैयारी और उल्लास का माहौल है। भूमिपूजन शुरू हो चुका है। सड़कों-गलियों से लेकर छतों पर केसरिया पताके लहरा रही हैं। दीवारों पर रामायणकालीन नयनाभिराम दृष्य रामनगरी की अलौकिकता बयां कर रहे हैं। सीएम योगी अयोध्या पहुँचे और खुद तैयारियों का जायजा लिया। सीएम योगी आदित्नाथ ने ट्वीट करके सभी श्रद्धालुजनों से घर पर दीप जलाने की अपील की है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- अवधपुरी प्रभु आवत जानी। भई सकल सोभा कै खानी।। कई शताब्दियों की प्रतीक्षा अब पूर्ण हो रही है, व्रत फलित हो रहे हैं, संकल्प सिद्ध हो रहा है। सभी श्रद्धालुजन घर पर दीप जलाएँ। श्रीरामचरितमानस का पाठ करें। प्रभु श्री राम का आशीष सभी जनों को प्राप्त होगा। |
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जानो अपने राम को 🌼 2
शब्दिका पर गीतिका वेदिका
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यह एक प्रचलित लोकोक्ति है कि ‘साहित्य समाज का दर्पण है’। अर्थात, कोई भी साहित्य अपने समाज के प्रतिबिम्ब को हमारे सामने रखता है। साहित्यकार जिस समाज में जीता है, उसी की मिट्टी से अपनी रचना की उर्वरा शक्ति को प्राप्त करता है । उसी समाज के वे समस्त उपादान जो रचनाकार के रचनात्मक वातवारण का निर्माण करते हैं, रिस-रिस कर उसकी रचनाओं की सृजन-धारा बन बहते हैं। उसकी रचनाओं में समाज की समकालीन हलचल के शोर सुनायी देते हैं। समाज की संरचना, समाज का अर्थ शास्त्र, समाज की राजनीति, समाज का संस्कार, समाज की सभ्यता, मौसम, आबोहवा, नदी-नाला, जंगल-पहाड़, बोली-चाली, प्रेम-मुहब्बत, मार-पीट, गाली-गलौज,...
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सम्बन्ध का निर्वहन सबसे कठिन होता है, इसे सुना था मगर ज़िन्दगी में जान भी गए. कुछ स्थितियाँ ऐसी होती हैं जबकि समय से पहले कुछ अनुभव मिल जाया करते हैं. जनपद मुख्यालय में निवास स्थान होने के कारण गाँव से, ननिहाल से किसी भी समस्या से सम्बंधित लोगों के आने का एकमात्र माध्यम पिताजी हुआ करते थे...
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कविता "जीवन कलश" पर पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
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वाह रे पागलपन
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तुम्हारे चमकीले खुले बाल
मेंहदी रचे हांथ
जानबूझ कर
सावनी फुहार में भींगना
हरे दुपट्टे को
नेलपॉलिश लगी उंगलियों से
नजाकत से पकड़ना...
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चैन दिल का, सुकूं मेरा
प्रीत का सागर रहा है,
जहाँ रुकते कदम, झुकते
नयन, तेरा दर रहा है !
कहाँ जाना क्या पाना
तू ही मंजिल बन मिला है,
तेरे दम से छूट गम से
मन पंकज यह खिला है !
मन पाए विश्राम जहाँ पर Anita
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रक्षाबंधन पर्व की बधाई
Smart Indian
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गजब
ऐ खुदा,
क्या लॉकडाउन की वजह से,
बंद हो गई है तेरी चक्की भी,
सैनेटाइजेशन की हद तो देखो,
दाम अलग किंंतु स्वाद एक जैसा
दे रही, कच्ची और पक्की भी।
अब तो हैरानगी यह देखकर और बढने लगी है कि
सोशल-डिस्टेंसिग बरत रही, मेरे गांव की मक्की भी।।
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अगस्त पाँच को दीवाली है मनने वाली
फिर से भूमि अयोध्या की है सजने वाली
खूब बजेंगे शंख-ढोल, मंजीरे-थाली
चातक मोर-पपीहा धुन गायेंगे मतवाली
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कर के कुछ ऐसा जग में दिखला दो......
हर दिल में तुम अपनी पहचान बना लो
ओरों के पदचिन्हों पर चलने के आदी हो.....
स्वासों के रहते ही तुम अपना पद चिन्ह बना दो।।
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इयत्ता पर इष्ट देव सांकृत्यायन
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उसी लम्हे की बस तस्वीर है आँखों में अपनी
अधूरी ख्वाहिशें रहती हैं दरवाज़ों में अपनी
तभी तो ज़िन्दगी जीते हैं सब टुकड़ों में अपनी
तू यूँ ही बोलना मैं भी फ़कत सुनता रहूँगा
सुनो शक्कर ज़रा कम डालना बातों में अपनी
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पृथ्वी और इंसान
स्टीफन तो ख़तरे की घंटी बजाकर किसी और दुनिया में चले गए इंसान ने अनसुनी की आवाज़ तो कोविड-19 महामारी लेकर करोना वायरस आ गया स्टीफंस की आवाज़ को प्रकृति ने सुना है या यह चीन की मानव निर्मित चाल है हम इस जंजाल में उलझ गए। हिन्दी-आभा*भारत पर Ravindra Singh Yadav |
सोरठा शतक
बैठे सिगड़ी ताप,शीतलहर को झेलते।
राग रहे आलाप,दुविधा ठंडी से बड़ी।।
बादल की कर ओट,सूरज रूठा सा लगे।
पहने सबने कोट,शीतलहर के कोप से।।
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नभ से देव सुमन बरसायेंगे
तब हम सब खुशी मनायेंगे
अपने घर में भारवंशी दिये जलायेंगे
नभचर-जलचर गीत खुशी के गायेंगे
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अपने शब्दों में सेरेना विलियम्स
यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वर्ष 2008 के आस-पास इंटरनेट की दुनिया में अपने लिखे हुए के प्रकाशन के लिए यादवेन्द्र जी ने सर्वप्रथम इस ब्लाग को ही चुना। दूसरी भाषओं के अनुवाद ही नहीं, यादवेन्द्र जी की रचनाएं भी इस ब्लाग को तब से ही समृद्ध करती रही हैं। इस दौरान अनुवादों पर आधारित उनकी दो किताबें प्रकाशित हुई हैं। हिंदी की दुनिया यादवेन्द्र जी को उनके अनुवादों की वजह से ही नहीं, उनके विषय चयन से भी पहचानती है। टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के जीवन संघर्ष का ब्योरा प्रस्तुत करने की कोशिश उनकी अगली पुस्तक का विषय है...
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जो शौक नहीं पालते,उनकी जिन्दगी शोक में गुजरती है।
तिवारी जी शौकीन मिजाज के आदमी हैं। उन्हें गुस्सा होने का शौक है। वो कभी भी कहीं भी अपना यह शौक पूरा कर लेते हैं। उनके गुरु जी ने उन्हें बचपन में सिखाया था की हर इंसान को कोई न कोई एक शौक जरूर रखना चाहिये। जो शौक नहीं पालते, उनकी जिन्दगी शोक में गुजरती है। अतः गुरु की सीख को शिरोधार्य करते हुए कालांतर में उन्होंने गुस्से को अपना शौक बनाया...
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आज के लिए बस इतना ही...!
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वेहतरीन और मेहनत से सजी इस चर्चा के लिए आपका आभार, शास्त्री जी ।🙏
जवाब देंहटाएंसुन्दर चर्चा...
जवाब देंहटाएंएक पत्रिका की तरह सजी इस प्रस्तुति का हिस्सा बनना बड़े ही गर्व व सम्मान की बात है। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ व आभार।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन भावों से सजी प्रस्तुति बहुत सुन्दर है
जवाब देंहटाएंहमारी रचना को शामिल करने के लिए आभार आपका।
बहुत ही खुबसूरत
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन, मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबहुरंगी रचनाओं की अनुपम छटा! आभार!!!
जवाब देंहटाएंमंच एवं मयंक सर का हृदय से आभार
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति.आभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर लिंकों से सजी बेहतरीन प्रस्तुति सर,सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंअविस्मरणीय,और संकलनयोग्य रचनाओं का संग्रह। विषयों की विविधता उल्लेखनीय है। बेहतरीन प्रस्तुति के लिए साधुवाद। सादर।
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी प्रणाम,
जवाब देंहटाएंअवधपुरी प्रभु आवत जानी।
भई सकल सोभा कै खानी।।
राम मंदिर निर्माण के शुभ अवसर की आप सभी को बधाई। बहुत अच्छा संकलन लाए हैं आज आप।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंचर्चा मंच ३७८३ मौज़ू रहा तब और जिस वेला पूरा भारत राममय हो उठा है -"लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल "मंच ने इस शुभघड़ी मुहूर्त को एक अभिनव परवाज़ दी है आदरणीय शास्त्रीजी का अनघ योगदान इस मंच को नूतन आभूषण से नित सज्जित करता आया है। चयन तमाम लिंकों को रामकथा कह रहा है। बधाई सभी आहुति डालने वाले चिठ्ठाकारों को। वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )
जवाब देंहटाएंvageeshnand.blogspot.com , veeruvageesh.blogspot.com , veerusa.blogspot.com ,veeujan.blogspot.com
संकलन योग्य रचनाओं का संग्रह
जवाब देंहटाएंराम मंदिर भूमि पूजा के शुभ अवसर की सभी को बधाई ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही विस्तृत चर्चा ...
आभार मुझे इस चर्चा में शामिल कारने में लिए ...
बहुत सुंदर सूत्र संयोजन
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
आपको साधुवाद
सादर
सराहनीय प्रस्तुति ।
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