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रविवार, जून 19, 2022

"घर फूँक तमाशा"(चर्चा अंक 4465)

सादर अभिवादन 

रविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है 

(शीर्षक और भूमिका आदरणीया साधना दी जी की रचना से) 

देश के लिए सबसे अधिक अनुशासित, समर्पित, मर्यादित एवं निष्ठावान समझी जाने वाली वन्दनीय सेवा के लिए देश की ही संपत्ति को जला कर, तोड़ फोड़ कर सबसे अधिक नुक्सान पहुँचने वाले और अपने सर्वथा निंदनीय अनुशासनहीन आचरण से उसकी प्रतिष्ठा में बट्टा लगाने वाले लोग क्या इस सेवा के योग्य हो सकते हैं ?

एक गंभीर प्रश्न ?

मंथन जरूरी है 

क्या आज भी हमारे युवा अनपढ़-गवारों जैसा आचरण नहीं कर रहे हैं ?

एक शिक्षित समाज का हिस्सा होकर भी

 क्या आज भी हम अपनी बातों को सुसभ्य और प्रभावी तरिके से रखने में सक्षम है ?

साधना दी के इस प्रश्न पर विचार जरूर कीजियेगा...

बिना किसी पर दोषारोपण किये वगैर.... 

चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर....

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गीत "आने के ही साथ बँधी है, जाने की तैयारी" 

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक)



चार दिनों का ही मेला है, सारी दुनियादारी।
लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।
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अमर समझता है अपने को, दुनिया का हर प्राणी,
छल-फरेब के बोल, बोलती रहती सबकी वाणी,
बिना मुहूरत निकल जायेगी इक दिन प्राणसवारी।
लेकिन नहीं जानता कोई, कब आयेगी बारी।।
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घर फूँक तमाशा


देश में कहीं कुछ हो जाये हमारे मुस्तैद उपद्रवकारी हमेशा बड़े जोश खरोश के साथ हिंसा फैलाने में, तोड़ फोड़ करने में और जन सम्पत्ति को नुक्सान पहुँचाने में सबसे आगे नज़र आते हैं । अब तो इन लोगों ने अपना दायरा और भी बढ़ा लिया है । वियना में कोई दुर्घटना घटे या ऑस्ट्रेलिया में, अमेरिका में कोई हादसा हो या इंग्लैंड में, हमारे ये ‘जाँबाज़’ अपने देश की रेलगाड़ियाँ या बसें जलाने में ज़रा सी भी देर नहीं लगाते । -------------------------

बुजुर्गो के आशीर्वाद से जीवन में सुकून मिलता है


एक बार मैं एक आध्यात्मिक संगोष्ठी में सम्मिलित हुआ। मंच से जब एक बुजुर्ग महात्मा ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें वृद्धाश्रमों की बहिष्कार करना चाहिए तो वहाँ बैठे सभी श्रोतागण अचम्भित होकर उनका मुंह ताकते हुए आपस में खुसुर-फुसर करने लगे। लोगों को ऐसा करते हुए देख महात्मा ने समझाया कि यदि हम अपने बच्चों के हृदय में प्यार, प्रेम, नम्रता, सहनशीलता की भावनाओं को जागृत कर उन्हें  सत्मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करेंगे, उनमें बड़े बुजुर्गों का आदर सत्कार करने की भावना उत्पन्न करेंगे,

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743. साढ़े-सात सदी

बाबा जी ने चिन्तित होकर कहा   

शनि की दूसरी साढ़ेसाती चल रही है   
फलाँ ग्रह, इस घर से उस घर को देख रहा है   
फलाँ घर में राहु-केतु बैठा हुआ है   
फलाँ की महादशा, फलाँ की अन्तर्दशा चल रही है   
कोई भी विपत्ति कभी भी आ सकती है   
पर तुम चिन्ता न करो, हम सब ठीक कर देंगे   
कुछ पूजा पाठ करो, थोड़ा दान-दक्षिणा…।   

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'है' एक अपार अचल कोई


गर ‘है’ में टिकना आ जाए 

 ‘नहीं’ का कोई सवाल नहीं, 

तृण भर भी कमी कहाँ ‘है’ में 

‘नहीं’ उलझन की मिसाल नहीं !


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कैक्टस के फूल


मरुथल में

एक फूल खिला 

कैक्टस का 

तपते रेगिस्तान में

दूर-दूर तक रेत ही रेत 

वहाँ खिल कर देता ये संदेश

विपरीत स्थितियों में

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पांच मेल की मिठाई

हमारी जैन-जैसवाल बिरादरी के लाला लक्ष्मी नारायण जैन, ताजगंज, आगरा के एक सफल सर्राफ़ थे.
धन-दौलत और मकानों की लाला जी के पास कोई कमी नहीं थी लेकिन लक्ष्मी मैया को अपने घर से जाने का वो तनिक भी मौक़ा नहीं देते थे.
लक्ष्मी मैया के प्रति उनकी इस अथाह भक्ति को निर्मोही समाज उनकी कंजूसी मानता था.

लाला जी समाज की इस बेरहम राय को अपने ठेंगे पर रखते थे लेकिन जब अस्सी साल की उनकी अपनी जिया यानी कि उनकी अपनी माँ भी उन्हें - 'कंजूसड़ा' कहती थीं तो उन्हें बहुत दुःख होता था.

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उर्मिले जनु करू वियोगउर्मिले जनु करू वियोग
भाग्य सं हमरा भेटल अछि
सेवा के संयोग, उर्मिले जनु....
राज कुमारी जनक दुलारी
तेजल राजसी योग
नाथ शंभु मां आदि भवानी सं
कयलहुं अनुरोध
-------------------------आज का सफर यही तक,अब आज्ञा दे 

आपका दिन मंगलमय हो 
कामिनी सिन्हा 


7 टिप्‍पणियां:

  1. सारगर्भित और सामयिक रचनाओं का संकलन । आपकी श्रमसाध्य प्रस्तुति को नमन प्रिय कामिनी जी।सादर शुभकामनाएँ।

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  2. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक लिंकों के साथ बहुत बेहतरीन चर्चा प्रस्तुति।
    आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. आज की चर्चा में मेरी चिंता को आपने पाठकों के सम्मुख रखा हृदय से आपकी आभारी हूँ कामिनी जी ! देश का वातावरण देख कर वाकई बहुत क्षोभ हो रहा है ! प्रबुद्ध साहित्यकारों से अपील है कि इस समस्या का समाधान खोजें ! मेरी रचना को आज शीर्ष पर स्थान दिया आपका बहुत बहुत धन्यवाद कामिनी जी ! सप्रेम वन्दे !

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    1. आपने सही कहा दी,इस विषय पर विचार करना बहुत जरूरी है, इतनी बेहतरीन लेख के लिए आप को बहुत बहुत बधाई
      आप सभी को हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏

      हटाएं
  5. I am very very impressed with your blog, I hope you will have more blogs or more articles to bring to readers. You are doing a very good job.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत खूबसूरत चर्चा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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