चर्चा मंच के सभी पाठकों को
स्नेहिल अभिवादन।
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देखिए शनिवार की चर्चा में कुछ लिंक!
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दोहे "शिन्दे को अब ताज" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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डॉक्टर्स-डे "दिवस-चिकित्सक आज" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
वैद्य-डॉक्टरों का दिवस, देता यह सन्देश।
योग-साधना से करो, तन में सबल निवेश।।
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वैद्यराज के नाम का, दीप जलाओ आज।
जीवन जीनेे के लिए, अपना करो इलाज।।
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भगवान जगन्नाथ जी |
एक ताज़ा गीत -
शाम जुलाई की
भीनी -सोंधी
गंध लिए है
शाम जुलाई की.
गूंज रही
आवाज़ हवा में
तीजनबाई की.
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मेरे द्वारा 'लोकोक्तियों की कविता' शब्द.इन मंच के 'बेस्ट सेलर प्रतियोगिता जून २०२२' के प्रतिभागी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस प्रतियोगिता में सर्वाधिक क्रय की गयी पुस्तक को विजेता घोषित किया जाएगा, जिसे शब्द इन प्रकाशन द्वारा '35000 रुपये की वैल्यू का शब्द.इन का स्टैण्डर्ड मार्केटिंग पैकेज' के तहत प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें पुस्तक का पेपर बैक प्रकाशन, अमेज़न फ्लिपकार्ट जैसे ई कॉमर्स साइट पर मुफ्त लिस्टिंग के साथ ही साथ रिव्यू की सुविधा औऱ पुस्तक की सेल के लिए मार्केटिंग प्रमोशन निःशुल्क रहेगी।
मैं इस प्रतियोगिता में 'लोकोक्तियों की कविता' लेकर तैयार बैठी हूँ, लेकिन मुझे मेरे ब्लॉगर साथियों और पाठकों का विजेता बनाने में साथ देने की प्रतीक्षा है। कृपया इस कविता संग्रह को ऑनलाइन क्रय कर मुझे विजेता बनाने हेतु अपना अमूल्य योगदान देने की कृपा करें।
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पिता खामोश है किसी बाँसुरी की तरह
उसे चाहिए एक गरम साँस का
हल्का सा स्पर्श अपनी आत्मा पर
कि वह बज उठे धीरे से;
प्रेम में फूटती है एक ऐसी धुन
जो उठती है आकाश तक
और समेट लेती है पाताल को भी
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अंत में होंगे हम दोनो ही ( लास्ट एपिसोड किस्से घुमक्कड़ी के )
मध्यप्रदेश का मांडू
गुजरे वक्त की यादों को
ताज़ा करने की कोशिश
जीवन चलते रहने का नाम है। जब शादी हुई तो घूमना पतिदेव के साथ ही होता था, कुछ साल तक यही सिलसिला रहा ,कुछ यात्राएं सास ससुर के साथ हुई । फिर बराबर के सब बच्चे बहनों के भी थे तो बहनों और बेटियों के साथ घूमना सहज आसान लगने लगा। काफ़ी यात्राएं छोटी बड़ी हमने की। और हर यात्रा को खूब एंजॉय किया।
कुछ मेरी कलम से kuch meri kalam se **
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RAAGDEVRAN मनोज कयाल
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द्वंदात्मकता ही वैज्ञानिकता है
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बाल कविता
एक नीड़ बना न्यारा।
लंकापति की स्वर्ण नगरिया
भरती दिखती पानी।
चिड़िया जी ने नीड़ बनाया
लगती उसकी रानी।
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समुद्र मंथन रात जब मस्तिष्क अपने आतंरिक कक्ष में प्रवेश कर रहा था सुरमई जुगनू अंधेरों को रौशन कर रहे थे खामोशी अंधेरों को पी रही थी अंधेरों के कतरे बिखर रहे थे सांसों का बाज़ार नर्म था कुछ आयातित कुछ अपहृत सांसें बेसुकून से उनींदी सी हर करवट पर कराह रही थीं इक समुद्र मंथन होने लगा
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शिंदे को क्या पता था कि वे मुख्यमंत्री बनेंगे?
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने लगाए हैं। एक, उद्धव ठाकरे को कमजोर कर दिया। पार्टी उद्धव ठाकरे को पाखंडी साबित करना चाहती है। वह बताना चाहती है कि 2019 में उद्धव ठाकरे केवल मुख्यमंत्री पद हासिल करने को लालायित थे, जिसके लिए उन्होंने चुनाव-पूर्व गठबंधन को तोड़ा और अपने वैचारिक प्रतिस्पर्धियों के साथ समझौता किया
बीजेपी पर सरकार गिराने का जो कलंक लगा है कि उसने शिवसेना की सरकार गिराई, उसे धोने के लिए उसने शिवसेना का मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री को उनका डिप्टी बनाया है। इस प्रकार वह त्याग की प्रतिमूर्ति भी बनी आई है। फिलहाल उसकी रणनीति है कि बालासाहेब ठाकरे की विरासत का दावा करने की उद्धव ठाकरे की योजनाओं को विफल किया जाए। बालासाहेब ठाकरे ने सरकारी पद हासिल नहीं करने का जो फैसला किया था, उद्धव ठाकरे ने उसे खुद पर लागू नहीं किया। वे न केवल मुख्यमंत्री बने, बल्कि अपने बेटे को मंत्रिपद भी दिया, जिनके पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था।
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वैली ऑफ वर्डस बुक अवार्ड्स 2022 की लॉन्गलिस्ट हुई जारी
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*स्वागत है आप सभी का*
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*३०/६/२२* सायं ५:०० से रात्रि ११:३० व्हाट्सएप्प पटल पर
*एक विशेष आयोजन*:*मगसम के १२ वर्ष*
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मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच(मगसम) को इस वर्ष स्थापित हुए 12 वर्ष होने को आए हैं, इस 12 वर्षों में संस्था से जुड़े सदस्य और पदाधिकारी संस्था के इस लंबे से इतिहास के बारे में क्या सोचते हैं ? उन्हें क्या महसूस होता है? इस पर चर्चा विचार विमर्श किया जाएगा। सभी अपने विचार रख सकेंगे।
वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2022 तक हमने साहित्य जगत से क्या कुछ खोया, हमने क्या कुछ पाया। इस संबंध में चर्चा करेंगे।
संस्था के द्वारा इन 12 वर्षों में हजारों के संख्या में देश और विदेश के रचनाकार को *श्रोताओं और पाठकों* के
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आधार पर ,उनके शहर गाँव,उन्हीं के जिले में जाकर सम्मानित किया गया है। सभी सम्मानित रचनाकार अपने विचार आज इस पटल पर रख सकेंगे।
जिन साथियों के पास उन सभी कार्यक्रमों की दस्तावेज व फोटोग्राफ होंगे उन्हें उसे पटल पर रखने का अवसर मिलेगा। अधिकतम 2 फोटो ।
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बरसात (सुनने के लिए कृपया पधारें: https://youtu.be/p9QVmeMM4ek) बरसात!अब नहीं रही पहले जैसी बचपन जैसी अल्हड़- बेबाक- खुशगवार देहरी पर जिसका पहला कदम पड़ते ही तन के साथ मन भी झूम उठता था
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आज के लिए बस इतना ही...!
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सभी लिंक्स अच्छे. आपका हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी पूर्ण ब्लॉगपोस्ट को प्रचारित करने के उद्देश्य से सम्मिलित करने हेतु बहुत-बहुत आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर चर्चा संकलन।
जवाब देंहटाएंसादर
उत्कृष्ट लिंक संयोजन | मेरी रचना को शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंवन्दन
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार
–श्रमसाध्य प्रस्तुति हेतु साधुवाद
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंशानदार अंक सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं आकर्षक पठनीय।
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर।
आजकल टिप्पणियां स्पेम में जा रही है बहुतायत से आज की चर्चा का निमंत्रण भी आज स्टेम में मिला।
सादर।