सादर अभिवादन।
सोमवारीय प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।
शीर्षक व काव्यांश आदरणीया उषा किरण जी की रचना ' ख़ुशक़िस्मत औरतें' से -
ख़ुशक़िस्मत औरतें
महिनों के आखिर में लौटती हैं
रुपयों की गड्डी लेकर
उनकी सेलरी
पासबुक , चैकबुक
सब लॉक हो जाती हैं
अक्लमन्द पति की
सुरक्षित अलमारियों में !
आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
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गीत "हमें फुरसत नहीं मिलती" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
नहीं आभास रिश्तों का, नहीं एहसास नातों का
किसी को आदमी की है, नहीं विश्वास बातों का
बसेरे को बसाने की, हमें फुरसत नहीं मिलती।
प्यार के गीत गाने की, हमें फुरसत नहीं मिलती।।
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खुश हैं बेवकूफ औरतें
सही ही तो है
कमाने की अकल तो है
पर कहाँ है उनमें
खरचने की तमीज !
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बह चले धार संग, इस उम्र के सहारे,
रह गए खाली, बेपीर किनारे,
उस ओर, पुकारे,
कौन सुने, ये मौन भरमाए,
वो खामोश दिशाएं,
रह-रह,
अनबुझ, गीत सुनाए!
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अंतहीन होते हैं अभिलाषित वर्षा वन, ज्वलंत मरुभूमि की तरह वक्ष - स्थल में रहते हैं अदृश्य भावनाएं, इस पार से उस पार तक विद्यमान,
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VIDEO
सोचता हूँ
जीवन के हर सूक्ष्म
या सूक्ष्मतम पल पर
हमारे चेतन या अवचेतन में
पलने वाली
हर दुआ-बददुआ का
अंततः क्या होता होगा?
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विनती वीणा पाणि से, देहु हमें आशीष।
शब्दों के गठजोड़ से, कहलाऊँ वागीश ।।1।।
अपमान
बिना मान मरिबो भलो, दुखड़ा इक पल जान।
बिना मान जीवन सदा, पल पल दुख अनुमान।।2।।
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देखकर जिंदगी औरों की ,
हसरतें अपनी किया खड़ा ,
कभी झांसें में आकार बाजारों के ,
कुछ और खरीदा बेवजह ,
यूं बढ़कर हो गई हसरतें,
बेपनाह ए जिंदगी ।....
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जब तुम को था दिल बहलाना
पहले ही यह बतला देते
लोग बहुत तुम को मिल जाते ,
चाँद सितारे भी ला देते ।
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कौन सुने खाने की धुन में
चूहे पेट में कूदें ।
पहले अपनी भूख मिटे
तब भला किसी को दें ॥
सरफ़र सरफ़र बिना रुके
है करनी पेटपूजा ॥
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ग़म का पहाड़ा : वक़्त से बेहतर
तू ख़ुशी की बजाय देख
बस ग़म की सराय देख
छाँव अपने सरपर ही
धूप फिरे उठाए देख
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शुभ प्रभात।।। पटल को नमन।।।
जवाब देंहटाएंसमस्त लेखाकारों को मेरा अभिवादन।।।।
चर्चा पटल पर सराहनीय प्रस्तुतीकरण ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआपका आभार @अनीता सैनी 'दीप्ति' जी।
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेम ,
जवाब देंहटाएंमेरी प्रविष्टि " निकलने लगे हैं #चादरों से पांव ए जिंदगी " को इस चर्चा मंच में स्थान देने के लिए बहुत धन्यवाद एवम धन्यवाद ।
सभी संकलित प्रविष्टियां बहुत उम्दा है , सभी आदरणीय को बधाइयां एवम शुभकामनाएं ।
सादर ।
बहुत शानदार अंक ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
सभी सामग्री बहुत आकर्षक।
सादर सस्नेह।
बहुत शानदार चर्चा प्रस्तुति. सभी रचनाकारों को बधाई. प्रिय अनीता जी, मेरी रचना को शामिल करने का बहुत शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंअपने ब्लॉग पर धन्यवाद देने के बजाय यदि आप उनकी पोस्ट पर टिप्पणी देंगे तो अच्छा लगेगा।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार अनीता जी ।सारे लिंक्स पठनीय।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार एवम अभिनंदन।
बहुत ही सुन्दर चर्चा प्रस्तुति
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