बहुत सुन्दर और संतुलित चर्चा।आपका आभार आदरणीय दिल बाग सिंह विर्क जी।
सुंदर प्रस्तुति ।मेरी लघुकथा को मंच पर स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार ।
सुंदर, पठनीय चर्चा प्रस्तुति ।
इस मंच पर स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
सुप्रभात! सराहनीय रचनाओं की खबर देते लिंक्स, आभार!
चर्चामंच ने की फिर से अकिंचन की लाड़ थोड़ा सा बस योग मेरा ज्यों जीरा महि दाढ़ सादर वन्दे आदरणीय दिलबाग जी एवं समस्त चर्चामंच परिवार , सभी को गुरुपर्व की हार्दिक शुभेच्छाएँ !जय गुरुदेव !
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
सार्थक और सुंदर चर्चासम्मलित सभी रचनाकारों को बधाईमुझे सम्मलित करने का आभार
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
"चर्चामंच - हिंदी चिट्ठों का सूत्रधार" परकेवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथा सम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।
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जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय दिल बाग सिंह विर्क जी।
सुंदर प्रस्तुति ।मेरी लघुकथा को मंच पर स्थान देने के लिए हृदयतल से आभार ।
जवाब देंहटाएंसुंदर, पठनीय चर्चा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंइस मंच पर स्थान देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! सराहनीय रचनाओं की खबर देते लिंक्स, आभार!
जवाब देंहटाएंचर्चामंच ने की फिर से अकिंचन की लाड़
जवाब देंहटाएंथोड़ा सा बस योग मेरा ज्यों जीरा महि दाढ़
सादर वन्दे आदरणीय दिलबाग जी एवं समस्त चर्चामंच परिवार , सभी को गुरुपर्व की हार्दिक शुभेच्छाएँ !
जय गुरुदेव !
बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुंदर चर्चा
जवाब देंहटाएंसम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
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