सादर अभिवादन
मंगलवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भुमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
गाथाओं से भुजबल फड़कें, जिनकी शौर्य कथाओं से।
गूँज रहा है चमन देश का, वीरों की गाथाओं से।।
कल "कारगिल दिवस" था
तमाम कठिनाईयों के वावजूद देश की सीमा सुरक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को मेरा सत-सत नमन
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गीत "वीरों की गाथाओं से" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
जाँबाजी से जो उत्तर देते हैं, शातिर तोपों का,
डट कर करते रोज सामना, आतंकी दुर्योगों का,
कभी न हार मानते सैनिक, सीमा पर बधाओं से।
गूँज रहा है चमन देश का, वीरों की गाथाओं से।।
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होमियोपैथी के प्रति जागरूक करता एक बेहतरीन लेख, एक बार पढ़िएगा अवश्य
अंग्रेजी दवाइयों का अत्यधिक प्रयोग करते करते क्षत विक्षत हो चुके मानव शरीर के लिए अब तो
होमियोपैथिक चिकित्सा वरदान है।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि हर घर में इसकी थोड़ी बहुत जानकारी होनी ही चाहिए।
होमियोपैथी औषधि और मानवीय व्यवहार
होमियोपैथी में दवा निर्माण करने से पहले उसका मानवों पर प्रयोग किया जाता है , उसकी बेहद कम मात्रा की एक खुराक रोज कुछ दिन तक देने के पश्चात उसकी मात्रा को धीरे धीरे बढ़ाया जाता है और उसके परिणाम को मानवों के ऊपर सावधानी से नोट किया जाता है , जहरीली दवा की मात्रा बढ़ाने से जो बीमारियां उस इंसान में उत्पन्न हुईं और उसकी मानसिक दशा में जो बदलाव आये उनका सावधानी पूर्वक लिखा गया विवरण ही दवा बनाने का सिद्धांत है ।
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सच, साहित्य सृजन भी तो एक नशा ही है
नारंगी जिद लिए
सूरज आया
अबकी मेरे देस...।
अबकी
महुआ तुम्हारे बदन से महकेगा,
सुनहरी चादर
सांझ होने पर
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ख़्वाब बिल्लौरी - -बेख़ुदी में सुबह से
पहले, कोई
पहेली !
रेशमी धागों में गुथी, वो अक्स लाजवाब
हो तुम, इक ठहरा हुआ सा बिल्लौरी
ख़्वाब हो तुम। अनगिनत हैं
तुम्हारी बज़्म में सितारों
की चहल क़दमी,
कुछ बुझते
चिराग़******'वह यादगार सफ़र' (लघुकथा)
सभी पोस्ट और लिंक्स अच्छे और पाठनीय . आपका हृदय से आभार. आप सभी का दिन शुभ हो. सादर
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुतिष
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
सभी रचनाएं अच्छी हैं...। खूब बधाई। मेरी रचना का स्थान देने के लिए साधुवाद।
जवाब देंहटाएंरोचक लिंक्स से सुसज्जित चर्चा।
जवाब देंहटाएंबाढ़ को स्थान देने के लिये... हृदय से धन्यवाद...🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंकुछ तारीखे व्यक्ति भूलना चाहता है परंतु भूला नहीं पाता। कारगिल दिवस आज है कल नहीं था आपकी जानकारी हेतु 🙏
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन हेतु बधाई।
सादर
उम्दा और सुंदर चर्चा।
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को इस सुन्दर अंक में स्थान दे कर सम्मानित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आ. कामिनी जी! अभी विदेश (अमेरिका) में हूँ अतः समयान्तर होने से मंच पर समय पर उपस्थित नहीं हो पाया हूँ, तदर्थ खेद है। अन्य साथी रचनाकारों को भी अब पढ़ सकूँगा।
जवाब देंहटाएंसुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंविभिन्न विषयों पर सुंदर चर्चा।
सभी रचनाकारों को बधाई।
सादर सस्नेह।