मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपकी स्वागत है।
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बालकविता "चौमासे का मौसम आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सावन आने वाला है.. बेटी विमर्श
गली गली में घूम बिसाती
बेच रहा मतवाला है ॥
चार बेटियाँ मुन्नू के घर
चौखट पर हैं रोक पड़ीं ।
घूर रहे हैं ताऊ कक्कू
क्यों द्वारे पर हुईं खड़ीं ॥
देख देख के लोग हँसेंगे,
ये घर बेटी वाला है ॥
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अंतर में जब ध्यान सधे जब साधक सबके आदिकारण निगुर्ण तत्त्व को ध्यान के द्वारा अपने अन्त:करण में प्राप्त कर लेता है, तब कसौटी पर कसे हुए सोने के समान ब्रह्म के यथार्थ स्वरूप का ज्ञान होता है।जब बुद्धि अन्तर्मुखी होकर हृदय में स्थित होती है, तब मन विशुद्ध हो जाता है।
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कुछ की असलियत पहचानों
सही गलत का भेद जानो
सभी एक जैसे नहीं होते समझो |
एक ही कला निर्णायक नहीं होती
रिश्तों की जांच परख करने की
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गरीब के घर में बच्चा नहीं, हमेशा बूढ़ा ही पैदा होता है। बैरागीजी के साथ अनेक प्रसंग जुड़े हुए हैं, लेकिन मैं एक महत्वपूर्ण प्रसंग का उल्लेख करना चाहूँगा। अभी अमेरिका में आयोजित आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन की कार्यसमिति में बैरागीजी सदस्य थे और उसकी उपसमिति में मैं भी सदस्य था। मेरे पास विदेश से एक मेल आई, जिसे कि राहुल गाँधी के चरित्र को कलंकित करने के प्रचार के उद्देश्य से भेजा गया था। उस मेल को फॉरबर्ड करनेवाले मित्र ने यह भी बता दिया कि विश्व हिन्दी सम्मेलन के समय जो लोग अमेरिका आएँगे, वहाँ पर एक समानान्तर सम्मेलन करने का प्रयास भी किया जा रहा है कि सरकारी खर्च पर गए लोग उस सम्मेलन में भी चले जाएँगे। मैंने इस ई-मेल की सूचना से कार्यसमिति के सदस्यों को अवगत कराना उचित समझा। कार्यसमिति की बैठक के बाद मुझे यह जानकर हर्ष हुआ कि बैठक में सबसे अधिक प्रखर रूप से सभी सदस्यों के बीच बैरागीजी ने इस मुद्दे को उठाया और सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ कि सभी सदस्य 2 जुलाई को ही अमेरिका के लिए रवाना होंगे और संयोग ही था कि आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के समय प्रकाशित विशेषांक के विमोचन के समय भी बैरागीजी सामने बैठे हुए थे। जब मुझे मंच पर आमन्त्रित किया गया तो इस बार मैंने हाथ पकड़ा और कहा, ‘चाचा चलिए’ और वह मुस्कराकर मेरे साथ चल दिए और आज तक यूँ ही उनका साथ और आशीर्वाद जारी है।
चित्र श्री राकेश पाण्डेय की फेस बुक वाल से।
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अकेलापन संसार में सबसे बड़ी सजा है
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मालुम है ले गया था तुम्हारे होठों की खिलखिलाती हँसीवो खनकते कंगन, नीले आसमानी रँगों वाली काँच की चूड़ियाँ वो टूटी पाजेब ... धागे के सहारे जिसे पांवों में अटका रखा था तुमने हर वो शै जिसमें तुम्हारे होने का एहसास हो सकता थामेरे ट्रंक में सहेज दी थी तुमनेअगर सही सही कहूँ ... तो ले आया था मैं उसे ...
स्वप्न मेरे दिगम्बर नासवा
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जापानी फिल्म - ‘माई नेबर टोटोरो’
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और सत्य की मृत्यु
कभी होती नही,
वो निर्वस्त्र हो कर
अंतरतम के
सौंदर्य
को
उजागर करता है
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ऐ शिल्पी तू मुझे बना दे,
देवालय का महादेव!
नित जल से स्नान करूँ,
घोष होय जय महादेव!
अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।
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धाराप्रवाह( Fluent) अंग्रेज़ी बोलने के पाँच आसान तरीके! कोई जरूरी नहीं कि वही व्यक्ति आपका साथी हो जिसकी अंग्रेज़ी बहुत अच्छी हो। आप किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ अपना अभ्यास कर सकते हैं जिसे अंग्रेज़ी भाषा में रुचि हो और जो अंग्रेज़ी जानता भी हो। उसके साथ आप अपना अभ्यास कर सकते हैं। कुछ दिनों में ही आपको लगेगा कि आपका आत्मविश्वास (Confidence) बढ़ रहा है।
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कहानी के बारे में बाजार के आक्रमण के साथा कहानियांं में अनाश्यक विवरण, नेट से प्राप्त सूचनाओं, भाषा और शिल्प के चमत्कार से भरी कहानियां बड़ी कहानियां मानी जाने लगी और ऐसा लगने लगा कि अब कहानीयां लिचाने के नियम अब मल्टीनेश्नल ही ही निर्धारित करेंगी। लेकिन यह दौर बहुत छोटा रहा। यह पत्रिकाओं का दौर है। हर शहर से पत्रिकाएं निकल रही हैं। कहानियों का धरातल व्यापक हुआ और विविध मिजाज की कहानियां लिखी जा रही है। कहीं कहानी का पारम्परिक ढांचा मौजूद है और कहीं उसका अतिक्रमण भी हो रहा है।
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उन्होंने बताया था - किसे कहेंगे छत्तीसगढ़िया ?
डॉ. बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के सपने को साकार करने के लिए वैचारिक और राजनीतिक धरातल पर लम्बा संघर्ष किया था ,लेकिन अफ़सोस कि वह अपने इस स्वप्न को साकार होता हुआ नहीं देख पाए।
उनकी आज 122 वीं जयंती है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।
राज्य आंदोलन के प्रमुख आधार स्तंभ
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आज के लिए बस इतना ही...!
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सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी, आपको मेरा सादर प्रणाम!
साहित्य की विभिन्न विधाओं से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक सजाने के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन। इस सुंदर अंक में मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका विनम्र आभार । सभी रचनाकारों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।
रूपचंद्र जी, हमेशा की तरहा आप ने बहुत सी सुंदर कड़ियों को जोड़ा है। उनमें मेरे आलेख को जगह देने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! विविधरंगी विषयों से सजी सुंदर चर्चा, मेरी रचनाओं को यहाँ स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार
जवाब देंहटाएंसदा की तरह उत्कृष्ट अंक ! मान दे सम्मिलित करने हेतु हार्दिक आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ब्लॉग पोस्ट,,,, हृदय से आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरे आलेख को भी जगह देने के लिए हार्दिक आभार।
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