शीर्षक पंक्ति: आदरणीय आनन्द पाठक जी की रचना से।
शुक्रवारीय प्रस्तुति में आपका स्वागत है।
लीजिए पढ़िए चंद चुनिंदा रचनाएँ-
दोहे "हिन्दी का अनुपात" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
हिन्दी-डे कहने लगे, अंग्रेजी के भक्त।
निज भाषा से हो रहे, अपने लोग विरक्त।२।
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बिन श्रद्धा के आज हम, मना रहे हैं श्राद्ध।
घर-घर बढ़ती जा रही, अंग्रेजी निर्बाद्ध।३।
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मां फिसल जाती है
समय की मुट्ठी से
रेत की तरह
मुट्ठी से फिसला हुआ रेत
कब लौटा है मुट्ठी में।
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तमस भरा, आंचल,
रचता जाए, नैनों में काजल,
उभरता, तम सा बादल,
बाहें खोल, बुलाए!
शब की, हल्की सी परछाईं,
नैन तले, रह जाए!
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भावों को जुटा हिंदी अधरों पर आई
तब ढूँढ़ लो उस ठठेरे को
भोगी जिसने पहली प्रसव-पीड़ा
गढ़ा जिसने पहला शब्द
ऊँ शब्द में पुकार
माँ शब्द में दुनिया
पिता शब्द में छाँव गढ़ी।
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दाना डाला था इसे दिखाकर,गया बेचारा लालच में।
दो-चार दाने ही चुग पाया,फँसा जाल के आनन में।
धोखे देकर तूने फँसाया,मेरे इस नन्हें से दिल को।।
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एक कविता
आप को फ़ुरसत कहाँ
साज़िशों का ताना-बाना
बस्ती बस्ती आग लगाना
थोथे नारों से
ख्वाब दिखाना।
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वाह रे ! क़ुदरत
क़ुदरत के खेल निराले मेरे भैया,
क़ुदरत का लिखा कौन टाले मेरे भैया।
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हिन्दी को मान दिलवाने में सक्षम - हिंदी ब्लॉगिंगआज हिंदी ब्लॉग्गिंग के जरिये दूर-दराज बैठे ,बड़े बड़े पदों को सुशोभित कर औपचारिकता की टोपी पहनने वाले व्यक्तित्व साहित्यकार व् रचनाकार में परिवर्तित हो रहे हैं और इसी क्षेत्र में जुड़े अंजान ब्लोगर से जुड़ रहे हैं .अपनी अभिव्यक्ति पर प्रतिक्रिया की इच्छा रख रहे हैं और अन्यों की अभिव्यक्ति पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और ये सब सुखद है इसलिए क्योंकि इससे अपने विचारों का दूसरों पर प्रभाव भी देखने में आसानी होती है और साथ ही यह भी पता चलता है कि आज भी लोगों के मन में हिंदी को लेकर मान है ,सम्मान है और हिंदी को उसका सही स्थान दिलाये जाने की महत्वाकांक्षा भी .*****फिर मिलेंगे। रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय चर्चाकारः रवीन्द्र सिंह यादव जी।
सुप्रभात।।। पटल पर मुझे स्थान देने हेतु आदरणीय रवीन्द्र जी का हार्दिक आभार।।।।। समस्त लेखाकारों और साहित्य प्रेमियों को मेरा नमस्कार।।।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात! पठनीय रचनाओं से सजा चर्चा मंच!
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंस्थान देने हेतु हार्दिक आभार सर।
सादर
बहुत बहुत सुंदर और प्रशंसनीय रचनाएं... हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंडॉ अशोक रस्तोगी अग्रवाल हाइट्स राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद
अच्छी रचनाएँ।
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