सादर अभिवादन
आज की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भुमिका आदरणीय शास्त्री सर जी की रचना से)
मेरे भारत की भाषाएँ फूलें-फलें,
हिन्दी भाषा के सम्मान में कहीं गई इन पंक्तियों के साथ शुरू करते हैं आज का सफर......--------गीतिका "हिन्दी है सबसे सरल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
है हिन्दी हमारी मातृभाषा
हमें है प्यार उससे
कारण नहीं समझ से बाहर
लिपि है बहुत सरल उसकी |
कितनी भाषाएँ मिलीं है उससे
जैसे जल में शक्कर मिली हो |
उन शब्दों को यदि खोजा जाए
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मेडिकल व्यापारियों से सावधान रहें -सतीश सक्सेना
इंसान अपने जीवन भर मृत्यु के बारे में कभी कोई विचार नहीं करता , बस खतरनाक बीमारी से लड़ते समय ही उसकी याद आती है और साथ ही मृत्यु भय भी, जो स्थिति की गंभीरता को कई गुना बढ़ा देता है ! इसके न होने की अवस्था में बीमारियों को मानव की आंतरिक रक्षा शक्ति रोग पर कुछ समय में काबू पा लेती है , मगर अगर मरीज को जान जाने के खतरे की संभावना बता दी जाए तो मानसिक तनाव के कारण कुछ समय में ही, सामान्य बीमारी भी कई गुना खतरनाक हो जाती है ! अफ़सोस यह है कि इस भय को मेडिकल व्यवसाय में अधिक से अधिक धन कमाने के लिए, अच्छी तरह भुनाया जाता है !
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--------------------------------दादी की पातीकुछ साल पहले "हिंद युग्म" के "बाल उद्यान" भाग में "दीदी की पाती" नाम से एक सीरीज शुरू की थी । वह बहुत पसंद की गई। न केवल बच्चों ने उसको पसंद किया ,बड़े भी उस पाती का बहुत इंतजार करते थे। बच्चों के साथ रहना उनके लिए लिखना मुझे विशेष रूप से पसंद है। अब उनके लिए एक यू ट्यूब चैनल शुरू किया है । आप सब का सहयोग चाहिए । चूंकि अब दीदी भी दादी बन गई हैं तो इसका नाम भी बदल दिया। पर बातें कहानियां वही रोचक हैं। 😊 देखे सुने और लाइक सब्सक्राइब करें। -----------
उम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी के ज्येष्ठ पुत्र को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
मनोरंजक व ज्ञानवर्द्धक लिंक्स…शास्त्री जी को पुत्र के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏
जवाब देंहटाएं— उषा किरण
बढियां चर्चा
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आपका 🙏😊
जवाब देंहटाएंप्रणाम शास्त्री जी, आपके दिए हुए सभी लिंक एक से बढ़कर एक हैं...चर्चामंच का प्लेटफॉर्म पाठकों के लिए एक संजीवनी की तरह है...शानदार...आपकी मेहनत का लाभ हम सभी को मिल रहा है..धन्यवाद
जवाब देंहटाएंकामिनी जी आपकी मेहनत रंग ला रही है, हम जैसे ब्लॉगर्स के लिए...इसके लिए आपका जितना आभार प्रगट करूं उतनी कम है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक चर्चा।
जवाब देंहटाएंआपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
देर से आने के लिए माफ़ करिएगा कामिनी जी , आपका आभार
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