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सोमवार, सितंबर 26, 2022

'तू हमेशा दिल में रहती है'(चर्चा-अंक 4563)

सादर अभिवादन। 

सोमवारीय प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। 

शीर्षक व काव्यांश आदरणीय दिगम्बर नासवा जी की रचना 'माँ 'से -

तू हमेशा दिल में रहती है मगर,

याद करना भी तो इक दस्तूर है.


रोक पाना था नहीं मुमकिन तुझे,

क्या करूँ अब दिल बड़ा मजबूर है.


तू मेरा संगीतगुरु-बाणीभजन,

तू मेरी वीणामेरा संतूर है.


आइए अब पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-  

--

उच्चारण: गीत "ससुराल है बेड़ियों की तरह" 

लाडलों के लिए पूरे घर-बार हैं,
लाडली के लिए संकुचित द्वार हैं,
भाग्य इनको मिला कंघियों की तरह।
बेटियाँ पल रही कैदियों की तरह।।

माँ हक़ीक़त में तु मुझसे दूर है.

पर मेरी यादों में तेरा नूर है.


पहले तो माना नहीं था जो कहा,

लौट कह फिर सेअब मंज़ूर है.

--

मैंने तो नहीं कहा था 

कि मुझे चढ़ाओ चूल्हे पर,

अब तुमने चढ़ा ही दिया है,

तो मुझे भी देखना है 

कि कितना जला सकती हो 

मुझे जीते जी तुम. 

--

'परचेत' : मुझे नी पता..। 

इस मानसून की विदाई पर, 
वो जो मौसमी कुछ बीज तू, 
मेरे दिल के दरीचे मे,
जतन से प्यार के बोएगी,
जानता हूँ, 
1आँसू और पसीना दोनों काया के विसर्जन है,
एक दुर्बलता की निशानी दूसरा कर्म वीरों का अमृत्व।
2 सफलता उन्हीं के कदम चूमती है जो समय को साध कर चलते हैं।
3 पहली हार कभी भी अंत नहीं शुरुआत है जीत के लिए अदम्य।
 दिल पत्थर का, घर पत्थर के ,ये पत्थर की बस्ती 
  धन-दौलत के दानव  हैं जहां ,मानव की क्या हस्ती है !
लूट सके जो इस दुनिया को खतरनाक इरादों से ,
 सिर्फ उसी के मोह-जाल में भोली दुनिया फँसती है !
--
फूलों का, यूं खिल आना,
निरर्थक, कब था!
अर्थ लिए, आए वो, मौसम के बदलावों में, 
मुकम्मल सा, श्रृंगार कोई!

--

मन के मोती: ये तितलियां डरी-डरी

ये तितलियाँ डरी-डरी,भय से जो हैं अधमरी।
सबकी हैं जो सहचरी,सुनो कथा ये दुख भरी।
--

मेरी अभिVयक्ति: #पल पल की यह खूबी है । 

पल पल की यह खूबी है ,
जिसमें चल रही सांसे बखूबी है ,
मिल रही जीवन को गति भी है ,
और साथ हर पल #प्रभुजी भी है ।
दृश्य भाव स्पर्श उल्लास, 
आपके लिए असहज !
आपने बदल दिया बिलकुल, 
अब तक ऐसा बंधन नहीं बना, 
बहाने से दूर भेज कर
हमारे बीच ये क्यों !


"आपका खून लगने से ये नया चाकू एकदमी खुट्टल हो गया!” सब्जी काटते-काटते गीता ने मुझसे कहा।
"क्या मतलब?”मैंने उत्सुकता से पूछा !
"हमारे पहाड़ में कहते हैं कि नई दराँती या चाकू से यदि किसी का हाथ कट जाए तो उसकी धार खत्म हो जाती है !” मैं अविश्वास से हंस पड़ी।
"अरे ऐसा भी होता है कहीं?”
मैंने समझाया उसे पर वो उल्टा मुझे समझाती रही कि "नईं ये बात एकदम सच है।”
   काश !  हम समझ पाते कि-इतने सुंदर ,पारिवारिक ,सामाजिक और मनोवैज्ञानिक सन्देश देने वाले  इन त्यौहारों को जिन्हे हमारे पूर्वजों ने कितना मंथन कर शुरू किया होगा जिसमे सर्वोपरि "प्रकृति" को रखा गया था। लेकिन आज यह पावन- पवित्र त्यौहार अपना मूलरूप खो चूके हैं। इनकी शुद्धता ,पवित्रता ,सादगी ,सद्भावना ,और आस्था महज दिखावा बनकर रह गया है।
-- 
आज का सफ़र यहीं तक 
@अनीता सैनी 'दीप्ति' 

13 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर सराहनीय चर्चा अंक ।
    मेरी रचना के लिंक को शामिल करने के लिए आपका आभार @अनीता सैनी 'दीप्ति' जी।

    जवाब देंहटाएं
  2. बस बेहतरीन प्रस्तुति का एक हिस्सा होना मेरे लिए गर्व की बात है। आभार आदरणीया अनीता सैनी जी।।।।। समस्त रचनाकारों को नवरात्रा की हार्दिक शुभकामनाएं।।।

    जवाब देंहटाएं
  3. आपने छू लिए संवेदनाओं के तार ! आभार !!

    जवाब देंहटाएं
  4. आभार आपकाइस सुन्दर चर्चा हेतु, अनीता जी🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. सुन्दर चर्चा. मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर सराहनीय अंक । नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐

    जवाब देंहटाएं
  7. सुन्दर चर्चा, नवरात्री महापर्व की शुभकामनाओं सहित , जय माता दी !

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत सुंदर चर्चा, चयनित शीर्षस्थ पंक्तियां हृदय स्पर्शी सुंदर। सभी ब्लाग पठनीय आकर्षक।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरे सृजन को स्थान देने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं
  9. आदरणीय अनीता मेम ,
    मेरी प्रविष्टि् "#पल पल की यह खूबी है । " की इस पर शामिल करने के लिए बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
    सभी संकलित रचनायें बहुत सुंदर और उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत शुभकामनायें ।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  10. नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुंदर चर्चा प्रस्तुति
    दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत ही सुंदर चर्चा अंक,मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद,
    आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  13. अनीता जी बहुत सुन्दर चर्चा अंक… सभी लिंक पठनीय …सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।मेरी रचना को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार🙏😊

    जवाब देंहटाएं

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