सादर अभिवादन
आज रविवार की प्रस्तुति में आप सभी का हार्दिक स्वागत है
(शीर्षक और भूमिका आदरणीया साधना वैद दी की रचना से)
कर लो सेवा
जीते जी बुजुर्गों की
मिलेगा पुण्य
होंगे संतुष्ट
देंगे तुम्हें आशीष
सच्चे मन से
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आज पितृपक्ष का समापन है
अपने अपने रीति से सबने दान पुण्य कर श्राद्ध कर्म निभाया है
अब इसमें सच्ची श्रद्धा कितनी थी
वो तो परमात्मा जाने
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कल से मातारानी का आगमन हो रहा है
आप सभी को नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
मातारानी हम सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें, इसी कामना के साथ चलते हैं आज की कुछ खास रचनाओं की ओर...
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बालकविता "बकरे-बकरीआये भागे-भागे"
(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
यदि तुम प्यार चाहते पाना!
भूखों को सच्चे मन से
तुम भोजन सदा खिलाना!
शेष जीवन
पंचतत्व विलीन
हो चुकी काया
श्राद्ध तर्पण
खिलाना ब्रह्मभोज
सब बेमानी
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मुझे सुखाया जा रहा है
सड़क के उस पार खड़े वृक्ष की तरह
ठूँठ पसंद हैं इन्हें
वृक्ष नहीं!
वृक्ष विद्रोह करते हैं!
जो इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं
समय शांत दिखता है
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तू मुझमें ही वास कर रहा
या मैं तेरे घर हूँ आया ?
रहना-आना दोनों मिथ्या
एक तत्व है कौन पराया !
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कुछ प्यार के इजहार मे हैं
और कुछ खोए हुए प्यार मे हैं,
बस, फर्क इतना है, ऐ दोस्त!
कि तुम इस दयार मे हो,
और हम उस दयार मे हैं।
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व्रत वाले आलू के फिंगर्स और बॉल्स
----------------------आज का सफर यही तक,अब दे आपका दिन मंगलमय हो कामिनी सिन्हा
सुप्रभात साथियों ! आज की चर्चा के शीर्षक एवं भूमिका के लिए मेरी रचना का चयन करने के लिए आपका हृदय से आभार कामिनी जी ! बहुत ही खूबसूरत सूत्रों से सुसज्जित आज की चर्चा ! मुझे भी सम्मिलित करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद और आभार ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सराहनीय अंक ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना के लिंक को शामिल करने के लिए आपका आभार कामिनी सिन्हा जी।
शानदार चर्चा लिंक। आभार आपका कामिनी जी🙏
जवाब देंहटाएंसराहनीय अंक...। बहुत ही उम्दा चयन। आभार आपका।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात!! आप सभी को महालया की शुभकामनायें! सुंदर प्रस्तुति, बहुत बहुत आभार मेरी रचना को स्थान देने के लिए !
जवाब देंहटाएंउम्दा चर्चा। मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अंक
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने हेतु हृदय से आभार।
सादर
बहुत सुंदर अंक सुजाता
जवाब देंहटाएंबहुत सराहनीय प्रस्तुति। हिन्दी ब्लॉग जगत के रचनाकारों की रचनाओं को पढ़कर और चर्चा मंच पर उनके लिंक्स देकर उन्हें चर्चित और प्रोत्साहित करने की दिशा में आप और आपके सहयोगी चर्चाकार वाकई बहुत समर्पित भाव से लगे हुए हैं। आदरणीय शास्त्री जी को इस मंच का संचालन करते हुए एक दशक से भी ज्यादा अरसा हो चुका है ,लेकिन उनकी मेहनत में कोई कमी अब तक नहीं आयी है। उन्हें साधुवाद और हार्दिक शुभकामनाएं। चर्चा मंच केवल ब्लॉगों में प्रकाशित रचनाओं का सार संकलन नहीं ,बल्कि इसके माध्यम से हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी की भी बहुत बड़ी सेवा है। मंच के सभी चर्चाकारों को भी हार्दिक बधाई। आप सबको और मंच से जुड़े समस्त ब्लॉगर मित्रों को शारदीय नवरात्रि की भी हार्दिक शुभेच्छाएँ ।
जवाब देंहटाएंआप सभी स्नेहीजनों को हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार मैम मेरी रचना को यहाँ शामिल करने के लिए
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