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Wednesday, November 09, 2022

"गुरुनानक देव जी महाराज" (चर्चा अंक-4607)

 मित्रोंं!

बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 

कृपया कुछ लिंकों का अवलोकन करें और सकारात्मक टिप्पणी भी दें।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है 

बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ 

पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर 

आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 

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गुरुनानक देव जी महाराज 

🙏🏼553वें प्रकाशपर्व 🙏🏼

553वें प्रकाशपर्व की समस्त देश-विदेश वासियों को 

प्रकाशपर्व की लख लख बधाई व शुभकामनाएं...✍️

नानक नाम अधारा...

उन्नयन (UNNAYANA) 

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मनोरम उषा काल 

सुरमई सी वादियों में

भोर ने संगीत गाया

खिल उठा गिरिराज का मन

हाथ में शिशु भानु आया। 

मन की वीणा - कुसुम कोठारी। 

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"समय के चपेट में आकर ठूंठ बने वृक्ष के कोटर में रह रहा 
दृढ़ पक्षी हमारे सामने उदाहरण है मेरे दोस्त..।"

"हर ठूंठ हरा नहीं हो जाता...। 

अभी कलयुग चल रहा है! इंद्र नहीं मिलेंगे...।"

"कलयुग, द्वापरयुग, सतयुग 

मानव व्यवहार से ही निर्मित होता है..!" 

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विधान (एक प्राचीन लघुकथा) 

गरुड़ जी ने पूछा- "क्या बात है भाई, इतना घबरा क्यों रहे हो?"
"श्रीमान, यमराज जी की दृष्टि मुझ पर पड़ गई है। मैं अब बच नहीं सकूँगा।"
"अरे नहीं भाई, व्यर्थ चिंता क्यों करते हो? उनका तुमसे कोई वास्ता नहीं है।

 Gajendra Bhatt 

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सोच विचार कर , भीड़ बनकर नहीं  ( सही-गलत निर्णय )  इधर तमाम लोग समझते हैं कि मौजूदा शासक पुराने सत्ता के उच्च पदों  पर रहे राजनेताओं नायकों के नाम सड़कों भवनों पर लिखे हुए बदल कर हटवा कर कोई विशेष महत्वपूर्ण सराहनीय कृत्य कर रहे हैं । जबकि अधिकांश ऐसे नाम उनके देश समाज के नवनिर्माण को समर्पण और योगदान को समझते हुए रखे गए थे । Expressions by Dr Lok Setia 

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कब तक मुझसे जुदा रहोगे 

 कब तक मुझसे जुदा रहोगे 

मैंने जब से स्वीकारा तुम्हें 

हर को  दिन गिन गिन कर काटा 

कभी न सोचा क्या हुआ मुझे |

  मेरी लगन है  लगी जब तुमसे 

 पर प्रति दिन रहा इन्तजार  तुम्हारा  

Akanksha -asha.blog spot.com 

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ज़िन्दगी ही मझधार में है। 

ना ग़म से परेशान हूँ,
ना ही मोहब्बत की दरकार है,
कोई मेरे साथ रहता भी तो कैसे,
मेरी तो ज़िन्दगी ही मझधार है। 

Nitish Tiwary 

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जिंदगी: आलेख  

 जिंदगी 🤔,,, 

स्टेटस के जरिए अक्सर हम अपने मन की बात 

और भावों को बयां करते हैं।,,,, 

है ना😊,,, सही भी है,,,👍 

कई बार झिझक, डर, मान या लिहाज के कारण 

हम सामने वाले इंसान की ग़लती पर चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाते,,, 

🤔 उसे समझा नहीं पाते 😔 

Mera Kavya Sankalan  

Manju Bisht  

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सजगता ..(Mindfullness) 

आज में बात करना चाहती हूँ कि 
किस प्रकार हम स्वयं के साथ साथ 
अपने छोटे-छोटे बच्चों को भी 
सजगता के साथ  जीने का पाठ पढा सकते हैं ।
  "सजगता "आखिर  है क्या ? और सजग रहना जरूरी क्यों है? 
सजगता का सरल अर्थ है वर्तमान में रहना । 
जो काम हम कर रहे हैं उसे तल्लीनता के साथ करना , 
हर एक क्षण को पूरी तरह  जीना । 

अभिव्यक्ति शुभा मेहता 

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एक स्त्री जब उदास होती है यह कविता मेरी नही है पर मन को बहुत भा गयी 

एक स्त्री
जब उदास होती है..;
धीमी हो जाती है..
धरती के
घूमने की गति..! 

Coral 

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वे साईकल से कार तक आ गए 

वे साईकल से कार तक आ गए 

हम कार से कार तक ही रह गए

वे कच्चे घर से पक्के घर आ गए

हम पक्के से पक्के तक ही रह गए 

उधेड़-बुन राहुल उपाध्याय

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लघुकथा : विवश प्रकृति तन के साथ ही मानो साँसें भी थक चलीं थीं। डूबती सी निगाहों ने ईश्वर को आवाज़ दी, "तेरे इस जहाँ की रवायतों से मन भर कर, ऊब चुका है। अपना वो जहाँ दिखा दे अब तो।" 

झरोख़ा निवेदिता श्रीवास्तव

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प्रदूषण बहुत है 

बात प्राकृतिक पर्यावरण की नहीं

सामाजिक पर्यावरण की भी है।

सोचता हूं 

भला कब तक नोंचते रहेंगे हम

अपनों को

सच को

और

मानवीयता को। 

पुरवाई 

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कैराना पत्रकारिता का अजीम मंसूरी दौर 

! कौशल ! 

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संस्मरण "शारदा के तट पर तीन पत्थरों का चूल्हा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

"गंगा-स्नान"
पवित्र नदियों में स्नान करने का प्रचलन 
पौराणिक-काल से ही हमारे देश में चला आ रहा है। 
अतः परम्परा का निर्वहन करने के लिए 
हम भी "माँ पूर्णागिरि" के पद पखार रही 
शारदा नदी के किनारे जा पहुँचे। 
यह पावन स्थल था- "बूम"। 
जो उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले में 
टनकपुर से 12 किमी दूर पहाड़ों के ठीक नीचे है। 
चित्र में दिखाई दे रहे पर्वत की चोटी पर 
सती-माता "माँ पूर्णागिरि" का निवास है 
और उसके ठीक नीचे पावन शारदा नदी की 
जल-धारा कल-कल निनाद करती हुई 
श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान का निमन्त्रण दे रही है।

उच्चारण 

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आज के लिए बस इतना ही...!

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4 comments:

  1. मेरी रचना को चर्चामंच के इस सुन्दर अंक में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार! सभी साथी रचनाकारों का अभिनन्दन!

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति

    ReplyDelete
  3. बेहद सुंदर चर्चा प्रस्तुति

    ReplyDelete
  4. शानदार प्रस्तुति ! पठनीय सामग्री, सुंदर लिंक्स।
    सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
    मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय तल से आभार।
    सादर।

    ReplyDelete

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