मित्रोंं!
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डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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🙏🏼553वें प्रकाशपर्व 🙏🏼
553वें प्रकाशपर्व की समस्त देश-विदेश वासियों को
प्रकाशपर्व की लख लख बधाई व शुभकामनाएं...✍️
नानक नाम अधारा...
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सुरमई सी वादियों में
भोर ने संगीत गाया
खिल उठा गिरिराज का मन
हाथ में शिशु भानु आया।
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"हर ठूंठ हरा नहीं हो जाता...।
अभी कलयुग चल रहा है! इंद्र नहीं मिलेंगे...।"
"कलयुग, द्वापरयुग, सतयुग
मानव व्यवहार से ही निर्मित होता है..!"
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सोच विचार कर , भीड़ बनकर नहीं ( सही-गलत निर्णय ) इधर तमाम लोग समझते हैं कि मौजूदा शासक पुराने सत्ता के उच्च पदों पर रहे राजनेताओं नायकों के नाम सड़कों भवनों पर लिखे हुए बदल कर हटवा कर कोई विशेष महत्वपूर्ण सराहनीय कृत्य कर रहे हैं । जबकि अधिकांश ऐसे नाम उनके देश समाज के नवनिर्माण को समर्पण और योगदान को समझते हुए रखे गए थे । Expressions by Dr Lok Setia
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कब तक मुझसे जुदा रहोगे
मैंने जब से स्वीकारा तुम्हें
हर को दिन गिन गिन कर काटा
कभी न सोचा क्या हुआ मुझे |
मेरी लगन है लगी जब तुमसे
पर प्रति दिन रहा इन्तजार तुम्हारा
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जिंदगी 🤔,,,
स्टेटस के जरिए अक्सर हम अपने मन की बात
और भावों को बयां करते हैं।,,,,
है ना😊,,, सही भी है,,,👍
कई बार झिझक, डर, मान या लिहाज के कारण
हम सामने वाले इंसान की ग़लती पर चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाते,,,
🤔 उसे समझा नहीं पाते 😔
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अभिव्यक्ति शुभा मेहता
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एक स्त्री जब उदास होती है यह कविता मेरी नही है पर मन को बहुत भा गयी
एक स्त्री
जब उदास होती है..;
धीमी हो जाती है..
धरती के
घूमने की गति..!
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वे साईकल से कार तक आ गए
हम कार से कार तक ही रह गए
वे कच्चे घर से पक्के घर आ गए
हम पक्के से पक्के तक ही रह गए
उधेड़-बुन राहुल उपाध्याय
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लघुकथा : विवश प्रकृति तन के साथ ही मानो साँसें भी थक चलीं थीं। डूबती सी निगाहों ने ईश्वर को आवाज़ दी, "तेरे इस जहाँ की रवायतों से मन भर कर, ऊब चुका है। अपना वो जहाँ दिखा दे अब तो।"
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बात प्राकृतिक पर्यावरण की नहीं
सामाजिक पर्यावरण की भी है।
सोचता हूं
भला कब तक नोंचते रहेंगे हम
अपनों को
सच को
और
मानवीयता को।
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कैराना पत्रकारिता का अजीम मंसूरी दौर
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संस्मरण "शारदा के तट पर तीन पत्थरों का चूल्हा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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आज के लिए बस इतना ही...!
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मेरी रचना को चर्चामंच के इस सुन्दर अंक में स्थान देने के लिए हार्दिक आभार! सभी साथी रचनाकारों का अभिनन्दन!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर चर्चा प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुति ! पठनीय सामग्री, सुंदर लिंक्स।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को चर्चा में स्थान देने के लिए हृदय तल से आभार।
सादर।